इस्तीफे के बाद सिद्धू का बड़ा हमला- दागी अफसर और नेता वापस आए, DGP और AG की नियुक्ति पर सवाल उठाए

पंजाब कांग्रेस पद से इस्तीफे के बाद नवजोत सिद्धू ने पहली बार प्रतिक्रिया दी है। सिद्धू ने कहा कि 6 साल पहले जिन्होंने बादलों को क्लीन चिट दी। उन्हें इंसाफ का जिम्मा सौंपा गया है। इसमें सीधे तौर पर नए कार्यकारी डीजीपी इकबाल प्रीत सहोता को निशाना बनाया गया है। जिन्होंने ब्लैंकेट बेल दी, वह एडवोकेट जनरल हैं। इसमें पूर्व DGP सुमेध सिंह सैनी के वकील रह चुके एडवोकेट एपीएस देयोल को टारगेट किया है। सिद्धू ने कहा कि मैंने हाईकमान को न गुमराह किया और न होने दूंगा। इन लोगों को लाकर सिस्टम नहीं बदला जा सकता। जिन लोगों ने ड्रग तस्करों को सुरक्षा कवच दिया। उन्हें पहरेदार नहीं बनाया जा सकता। सीधे तौर पर नए मंत्रियों को लेकर यह बात कही गई। सिद्धू ने कहा कि मैं अडूंगा और लडूंगा। कोई पद जाता है तो जाए।

इससे पहले पंजाब कांग्रेस में मचे घमासान के बीच कांग्रेस हाईकमान ने नवजोत सिद्धू का इस्तीफा फिलहाल नामंजूर कर दिया है और उन्हें मनाने की कोशिश की जा रही है। इसी बीच सिद्धू के पटियाला स्थित घर में हलचल बढ़ गई है। सिद्धू यहां से चंडीगढ़ जा सकते हैं। वहां वह किन नेताओं से मिलेंगे, इसके बारे में स्थिति साफ नहीं है। कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी को सिद्धू को मनाने का जिम्मा सौंपा है। चन्नी ने आज सुबह भी मंत्री परगट सिंह और अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को पटियाला भेजा था। वहां दोनों मंत्रियों की सिद्धू के साथ बैठक हुई। इसके बाद दोनों मंत्री चंडीगढ़ आ गए।

वहीं, CM चन्नी की अगुवाई में कैबिनेट की मीटिंग शुरू हो गई है। इस कैबिनेट बैठक में हाईकमान के दिए 18 सूत्रीय फॉर्मूले से जुड़े बड़े फैसले लिए जा सकते हैं। जिससे सीधे तौर पर सिद्धू को जवाब दिया जाएगा। सिद्धू ने इस्तीफे की वजह नहीं बताई है। हालांकि उनके सलाहकार इसे हाईकमान के फॉर्मूले पर काम न करने से जोड़ रहे हैं। कैबिनेट की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री चन्नी मीडिया से भी बातचीत कर सकते हैं।

सिद्धू से नए मंत्री नाराज

चन्नी कैबिनेट की बैठक ऐसे वक्त पर हो रही है, जब सिद्धू के इस्तीफे की टाइमिंग से ज्यादातर मंत्री नाखुश हैं। मंगलवार को जिस वक्त नए मंत्री कामकाज संभाल रहे थे, उसी वक्त सिद्धू ने इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। इसके बाद देर रात तक CM चन्नी पंजाब सचिवालय में बैठे रहे। उन्होंने मंत्रियों के साथ बैठक भी की। हालांकि उन्होंने कहा था कि सिद्धू से बात कर उनकी नाराजगी के बारे में जानकारी लेंगे।

सिद्धू के समर्थन में 3 इस्तीफे
सिद्धू ने मंगलवार दोपहर पंजाब कांग्रेस प्रधान पद से इस्तीफा दिया था। इसके कुछ देर बाद कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद सिद्धू के रणनीतिक सलाहकार पूर्व DGP मुहम्मद मुस्तफा की पत्नी और कैबिनेट मंत्री रजिया सुल्ताना ने भी मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। थोड़ी देर बाद महासचिव योगेंद्र ढींगरा ने भी इस्तीफा दे दिया। इसके बाद परगट सिंह के इस्तीफे की अफवाह उड़ी, लेकिन उन्होंने इसे खारिज कर दिया।

सिद्धू की नाराजगी की अहम वजह

  • कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद सिद्धू को CM नहीं बनाया गया। उनकी सिफारिश पर एडवोकेट डीएस पटवालिया को एडवोकेट जनरल नहीं बनाया गया।
  • सिद्धू कैप्टन के कुछ करीबियों के अलावा राणा गुरजीत को कैबिनेट में लाने के विरोधी थे, लेकिन उनकी नहीं चली।
  • सिद्धू सिद्धार्थ चट्‌टोपाध्याय को डीजीपी चाहते थे, लेकिन इकबालप्रीत सहोता को बनाया गया।
  • सिद्धू चाहते थे कि गृह विभाग सीएम के पास रहे, लेकिन हाईकमान ने वह रंधावा को दे दिया।
  • सिद्धू की न मंत्री पद बांटने में चली और न मंत्रालयों के बंटवारे में चली।

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