BSP सांसद अतुल राय रेप केस.. अब ASP विकास चंद्र त्रिपाठी सस्पेंड, DSP की जांच को बिना पढ़े आगे बढ़ा दिया था; 4 पॉइंट में जानिए और कहां हुई चूक
घोसी लोकसभा सीट से बसपा सांसद अतुल राय रेप प्रकरण में प्रदेश सरकार ने एडिशनल एसपी विकास चंद्र त्रिपाठी को निलंबित कर दिया है। रेप पीड़िता और उसके गवाह के आत्मदाह के बाद यह तीसरी बड़ी कार्रवाई है। इससे पहले पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को लखनऊ से और निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को बाराबंकी से गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। वहीं, वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक और एडिशनल एसपी विनय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है।
गौरतलब है कि विकास चंद्र त्रिपाठी वाराणसी में जून 2020 से अगस्त 2021 तक एसपी सिटी और एडीसीपी काशी जोन के पद पर तैनात रह चुके हैं। फिलहाल वे लखनऊ में पुलिस महानिदेशक मुख्यालय में एडिशनल एसपी के पद पर तैनात थे।
विकास चंद्र त्रिपाठी पर यह हैं आरोप
- रेप पीड़िता और उसके गवाह ने बदनाम करने और धमकाने जैसी 2 अलग-अलग गंभीर शिकायतें की थीं। दोनों शिकायतों का मुकदमा 3-3 माह की देरी से हुआ।
- रेप पीड़िता ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखा था। उसकी जांच विकास चंद्र द्वारा पूरी नहीं की गई और रेप पीड़िता की समस्या को हल करने की कोशिश नहीं की।
- डीजी ऑफिस से आए एक प्रार्थना पत्र के आधार पर वाराणसी के पुलिस कमिश्नर द्वारा विकास चंद्र को जांच सौंपी गई थी। उसकी जांच समय से गंभीरता से नहीं की।
- निलंबित सीओ अमरेश सिंह बघेल ने सांसद अतुल राय के खिलाफ दर्ज रेप के मुकदमे की अग्रिम विवेचना की रिपोर्ट दी थी।
16 अगस्त को पीड़िता और गवाह ने किया था आत्मदाह
वाराणसी के लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ रेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली पीड़िता और उसके गवाह सत्यम प्रकाश राय ने 16 अगस्त 2021 को सुप्रीम कोर्ट के सामने फेसबुक लाइव कर खुद को आग लगा लगाकर जान दे दी थी। दोनों का आरोप था कि सांसद अतुल राय से वाराणसी के पूर्व एसएसपी अमित पाठक, पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर, निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल, दरोगा संजय राय व उसके बेटे और कुछ जजों की मिलीभगत है।
इसी वजह से उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा है। उल्टे रेप पीड़िता को चरित्रहीन साबित करने का प्रयास करते हुए उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। दोनों का कहना था कि न्याय न मिलने की उम्मीद में वह जान देने के लिए विवश हुए हैं। उपचार के दौरान 21 अगस्त को सत्यम प्रकाश राय और 24 अगस्त को रेप पीड़िता की दिल्ली में मौत हो गई थी।
अगली बारी किसकी, मचा है हड़कंप
प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर अतुल राय रेप प्रकरण में अब तक 2 राजपत्रित अधिकारियों और एक पूर्व आईपीएस पर कार्रवाई हो चुकी है। इसे लेकर वाराणसी में 1 मई 2019 से 16 अगस्त 2021 तक तैनात रहे आईपीएस और पीपीएस अफसरों के साथ ही अराजपत्रित पुलिसकर्मियों में हड़कंप मचा हुआ है। सभी के बीच इन दिनों चर्चा का एक ही विषय है कि अब अगली बारी किसकी है। वहीं, इस प्रकरण को लेकर प्रदेश सरकार के सख्त रुख को देखते हुए यह माना जा रहा है कि अभी कार्रवाई की जद में कुछ और अफसर जल्द ही आएंगे।
अब तक कब और क्या हुआ
- 1 मई 2019 को बलिया जिले की मूल निवासिनी और वाराणसी के यूपी कॉलेज की पूर्व छात्रा ने लंका थाने में अतुल राय के खिलाफ रेप और अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज कराया।
- 22 जून 2019 को अतुल राय ने वाराणसी की अदालत में सरेंडर किया। अतुल फिलहाल प्रयागराज की नैनी जेल में बंद है।
- 30 दिसंबर 2020 को भेलूपुर सीओ रहे डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को प्रदेश सरकार ने सस्पेंड किया।
- 16 अगस्त 2021 को पीड़िता और उसके गवाह के आत्मदाह के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रकरण की जांच के लिए दो सीनियर आईपीएस अफसरों का विशेष जांच दल गठित किया।
- 16 अगस्त 2021 को वाराणसी के पूर्व एसएसपी और गाजियाबाद के पुलिस कप्तान के पद पर तैनात रहे आईपीएस अमित पाठक को डीजीपी ऑफिस से अटैच किया गया।
- 17 अगस्त 2021 को इंस्पेक्टर कैंट राकेश कुमार सिंह और दरोगा गिरिजा शंकर यादव को वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने निलंबित किया।
- 27 अगस्त 2021 को पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर को सांसद अतुल राय से मिलीभगत और रेप पीड़िता व उसके गवाह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में लखनऊ से गिरफ्तार किया गया।
- 30 सितंबर 2021 को निलंबित डिप्टी एसपी अमरेश सिंह बघेल को सांसद अतुल राय से मिलीभगत और रेप पीड़िता व उसके गवाह को आत्महत्या के लिए दुष्प्रेरित करने के आरोप में वाराणसी से जेल भेजा गया।