आरटीओ के अफसर, बाबू एसटीएफ के रेडार पर:गाड़ियों के चेचिस नंबर बदलकर बैकों को चपत लगाने वाले गिरोह से जुड़ रहे कई अफसरों के तार

भारी वाहनों के चेचिस नम्बर बदलकर नए रजिस्ट्रेशन पर दूसरे जिलों में बेचने के खेल में कई जिलों के संभागीय परिवहन कार्यालय के अफसरों और बाबुओं की भूमिका सामने आ रही है। यह अफसर और बाबू एसटीएफ के रेडार पर आ चुके हैं। एसटीएफ ने कई अफसरों की सूची भी तैयार कर ली है। इनमें कुछ के खिलाफ इसी मामले में केस भी दर्ज हैं।

एसटीएफ की टीम ने गुरुवार को लखनऊ के काकोरी इलाके से तीन ट्रक बरामद किए जिनके चोरी होने की रिपोर्ट आगरा में दर्ज थी। काकोरी के भवनीखेड़ा में इन ट्रकों के साथ ड्राइवर सुभाष चंद्र को गिरफ्तार किया गया था। उससे पूछताछ में जानकारी मिली कि यह गिरोह ऐसे ट्रक मालिकों की तलाश करता है जो गाड़ी की किश्त नही जमा कर पा रहे होते हैं। उनसे सौदा करके गिरोह के सदस्य गाड़ी के चोरी होने की झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाते हैं। रिपार्ट के आधार पर गाड़ी मालिक इंश्योरेंस का पूरा लेते हैं और डिफाल्टर होकर बैंक के लोन की रकम भी जमा करते हैं। उधर गिरोह गाड़ी का चेचिस नम्बर बदलकर आरटीओ के अफसरों और बाबुओं की मदद से उसी गाड़ी का दूसरे जिले या प्रदेश में नया रजिस्ट्रेशन करवाकर उसे बेंच देते हैं। पकड़े गए सुभाष से जानकारी मिली कि गाड़ियों के चेचिस नम्बर बदलने का खेल काकोरी में चल रहा था।

पश्चिमी जिलों के आरटीओ कार्यालय से हो रहा रजिस्ट्रेशन

एसटीएफ की छानबीन में सामने आया कि पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों के आरटीओ कार्यलय में ऐसी गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है। खासकर आगरा, इटावा, औरैया और कानपुर देहात के अफसरों की भूमिका सामने आ रही है। जबकि चोरी की गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन मध्यप्रदेश और नागालैंड से करवाये जा रहे हैं। एसटीएफ की पड़ताल में पता चला कि गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन में हेराफेरी करने के मामले में इटावा और औरैया के कुछ एआरटीओ के खिलाफ केस भी दर्ज हैं। एसटीएफ अब इन बाबुओं और अधिकारियों को जल्द ही शिकंजे में लेने की तैयारी में है।

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