ग्वालियर : अस्पताल की राह में रोड़े, खतरे में जान !

बाबूजी; सख्ती तो ढीली-ढाली है, भाग जाते हैं फिर यहीं आ जाते हैं
एक हजार बिस्तर अस्पताल और माधव डिस्पेंसरी के बाहर अवैध तरीके से खड़े होने वाले ठेले वालों को हटाने के लिए नगर निगम और पुलिस द्वारा अपेक्षित प्रयास नहीं किए जा रहे। वहीं दोनों विभागों की निगरानी में भी करंट नहीं दिख रहा है।
Gwalior Traffic News: बाबूजी; सख्ती तो ढीली-ढाली है, भाग जाते हैं फिर यहीं आ जाते हैं
  1. अवैध तरीके से खड़े ठेले वालों ने  ….स्टिंग में खोली निगम व पुलिस विभाग की कार्रवाई की पोल, इससे निगरानी पर उठ रहे सवाल
  2. अस्पताल की राह में रोड़े, खतरे में जान
 ग्वालियर। एक हजार बिस्तर अस्पताल और माधव डिस्पेंसरी के बाहर अवैध तरीके से खड़े होने वाले ठेले वालों को हटाने के लिए नगर निगम और पुलिस द्वारा अपेक्षित प्रयास नहीं किए जा रहे। वहीं दोनों विभागों की निगरानी में भी करंट नहीं दिख रहा है। यही वजह है कि कार्रवाई के डर के बाद भी खुलेआम ठेले लग रहे हैं। नईदुनिया के स्टिंग आपरेशन में खुद ठेले वालों ने नगर निगम और पुलिस की कार्रवाई की पोल खोल दी। उन्होंने स्वीकार किया कि पुलिस और नगर निगम की सख्ती के बाद भागना पड़ता है, लेकिन बाद में दोबारा आ जाते हैं। हमें पता है कि सख्ती तो ढीली-ढाली है, दुबारा कार्रवाई करने आने की उम्मीद नहीं है। इससे पता चलता है कि विभागों की सुस्ती ही अस्थायी अतिक्रमण को बढ़ावा देने का काम कर रही है।

पुलिस सड़क पर वाहन खड़ा करने वालों व यातायात नियम तोड़ने वालों के खिलाफ भी चालानी कार्रवाई नहीं कर पा रही है। वहीं नगर निगम का मदाखलत दस्ता अवैध कब्जों को नहीं हटा पा रहा है। कागजी कार्रवाई से यह भले ही सरकार का कोष भरने का काम यह विभाग कर रहे हैं, लेकिन व्यवस्था में अपेक्षित सुधार नहीं हो पाया है। राजपायगा स्मार्ट रोड पर वाहन खड़े नजर आते हैं, तो अस्पताल गेट के बाहर अवैध तरीके से ठेले।

यहां ललितपुर कालोनी का चलता है सिक्का

माधव डिस्पेंसरी राजपायगा रोड स्मार्ट रोड के बाहर बने फुटपाथ पर ललितपुर कालोनी का सिक्का चलता है। फुटपाथ पर अधिकांश गुमटी और ठेले इसी कालोनी के रहवासियों के हैं। यहां अन्य जगह का व्यक्ति गुमटी और ठेले नहीं लगा पाता। नईदुनिया के स्टिंग आपरेशन में यह सामने आया कि फुटपाथ पर गुमटी और ठेले लगाकर बैठे लोग इस कालोनी के राजनीतिक रसूख के चलते ऐसा कर पा रहे हैं। उनका कहना है कि इसी कालोनी से नगर निगम चलती है। इसलिए किसी अधिकारी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं।

यहां मत लगाओ ठेला, परेशानी होगी

एक हजार बिस्तर अस्पताल के बाहर गुमटी और ठेला लगाने वाले यह स्वीकारते हैं कि यहां ठेला लगाना किसी परेशानी से कम नहीं, लेकिन रोजाना यहां दर्जनों ठेले लगे नजर आते हैं। यहां ठेला लगाने यहां कोई नया व्यक्ति पहुंचता है तो उसे कार्रवाई का डर दिखाया जाता है। नईदुनिया स्टिंग में एक दुकानदार से संवाददाता ने ठेला लगाने की बात कही, तो उसने कहा कि यहां ठेला मत लगाओ, परेशान हो जाओंगे, रोजाना नगर निगम और पुलिस परेशान करती है। जब उससे पूछा गया कि अन्य ठेले भी तो लगे हैं तो नया ठेला लगाने में क्या दिक्कत है, तो दुकानदार ने कहा कि कार्रवाई होती है तो भागना पड़ता है।

नगर निगम के साथ मिलकर अभियान चलाया जाएगा। इसके साथ ही सड़क पर खड़े वाहनों को उठाने की कार्रवाई की जाएगी। वर्तमान में हमारे पास क्रेन की कमी है, इसलिए कार्रवाई में दिक्कत आ रही है।

-अजीत चौहान, डीएसपी, यातायात पुलिस।

एक हजार बिस्तर अस्पताल के बाहर खड़े होने वाले हाथ ठेले वालों को हटाने के लिए कार्रवाई की जाती है। कई ठेलों को वहां से हटवाया है। अमले को निर्देशित किया जाएगा कि वह निगरानी करता रहे।

-अतिबल यादव, प्रभारी मदाखलत, नगर निगम।

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