केंद्र ने दिल्ली सरकार की राशन को घर तक पहुंचाने की योजना को किया खारिज, AAP का दावा
आप सरकार (AAP) ने राशन को घर-घर तक पहुंचाने की योजना की फाइल मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को उनकी स्वीकृति के लिए तीसरी बार भेजी थी.
केंद्र ने राशन दुकानदारों की शिकायत के आधार पर दिल्ली सरकार को एक बार फिर राशन को घर तक पहुंचाने के लिए योजना को लागू करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शनिवार को यह दावा किया. आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि यह भारतीय जनता पार्टी और राशन माफिया के बीच मिलीभगत का स्पष्ट मामला है. आप सरकार ने राशन को घर-घर तक पहुंचाने की योजना की फाइल मंगलवार को उपराज्यपाल अनिल बैजल को उनकी स्वीकृति के लिए तीसरी बार भेजी थी.
सरकार के सूत्रों ने बताया कि केंद्र ने दिल्ली सरकार के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को एक पत्र भेजकर इस योजना को ‘‘लागू नहीं करने’’ को कहा था. पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने सरकार की इस योजना को शर्तों के साथ मंजूरी दी थी. इसी के बाद सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसका प्रस्ताव एलजी के पास भेजा थी. यह फाइल पहले भी दो बार एलजी को भेजी गई थी, लेकिन उन्होंने इसे मंजूरी नहीं दी थी. सीएम ने कहा था कि अब हाई कोर्ट ने इस योजना को लागू करने का रास्ता साफ कर दिया है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि एलजी भी इसे मंजूरी देंगे.
72 लाख लोग सब्सिडाइज्ड खाना पाने के पात्र
दिल्ली में करीब 72 लाख लोग सब्सिडाइज्ड खाना पाने के पात्र हैं. इनमें 17 लाख राशन कार्ड धारक और करीब 30 लाख प्राथमिकता घर हैं. अन्य कुछ कैटिगरीज भी हैं जिनकी पहचान दिल्ली सरकार ने की है. घर-घर राशन योजना को लेकर केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल में काफी समय से विवाद चल रहा है. केजरीवाल सरकार राशन की डोरस्टेप डिलिवरी योजना को लागू करने पर अड़ी है, जबकि एलजी और केंद्र सरकार इसके पक्ष में नहीं हैं.
दिल्ली सरकार ने 25 मार्च 2021 से ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन’ योजना को शुरू करने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन फिर केंद्र ने योजना में मुख्यमंत्री के नाम पर आपत्ति जताई. फिर दिल्ली सरकार ने योजना से मुख्यमंत्री का नाम वापस ले लिया था. हालांकि उसके बाद भी योजना को केंद्र और एलजी की ओर से मंजूरी नहीं मिल पाई थी.पिछले महीने 27 सितंबर को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने 22 मार्च 2021 को दिए अपने आदेश को संशोधित किया था. हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को राशन की डोरस्टेप डिलिवरी योजना को लागू करने और डोरस्टेप डिलिवरी का विकल्प चुनने वाले लाभार्थियों के अनुपात में एफपीएस को दी जा रही आपूर्ति में कटौती करने की अनुमति दी थी.