भोपाल में अफसर पर छेड़छाड़ के आरोप का मामला:स्कूल शिक्षा विभाग से लेकर कलेक्टर तक की समितियां पूछताछ कर चुकी; महिला से लिखित में जवाब लिए, मिली सिर्फ तारीख

स्कूल शिक्षा विभाग के शिक्षा केंद्र (डीपीसी) भोपाल में आरोपों से घिरे जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत करने वाली महिला को 15 दिन बाद भी न्याय नहीं मिल पाया है। उसे तारीख पे तारीख दी जा रही है। इस मामले में अब तक डीपीसी की समिति से लेकर जेडी द्वारा बनाई गई समिति और कलेक्टर की कमेटी तक महिला के बयान ले चुकी है।

इतना ही नहीं महिला से लिखित में भी सवालों के जवाब लिए गए, लेकिन किसी नतीजे पर जांच नहीं पहुंच सकी। इसी से परेशान होकर महिला ने दो दिन पहले कोहेफिजा पुलिस थाने में इसकी शिकायत की है। पुलिस ने भी महिला के बयान दर्ज किए हैं, लेकिन FIR दर्ज नहीं की। महिला का आरोप है कि पुलिस भी विभाग की समिति की जांच रिपोर्ट के बाद कार्रवाई करने की बात कर रही है।

महिला पर लगातार दबाव बनाया जा रहा

महिला ने करीब 15 दिन पहले जिला परियोजना समन्वयक राजेश बाथम के खिलाफ कार्य स्थल में प्रताड़ना और छेड़छाड़ की शिकायत विभाग से की थी। बाथम के अंडर में ही काम करने वाले कर्मचारियों की ही जांच समिति बनाए जाने से से नाराज महिला ने बयान देने से मना कर दिया था। पीड़िता ने कहा कि जब तक बाथम को पद से नहीं हटाया जाता या निष्पक्ष समिति नहीं बनाई जाती, तब तक वह बयान नहीं देगी।

जेडी ने समिति बनाई

अध्यापक संघ द्वारा मामले में मुख्यमंत्री को लिखे पत्र का जवाब मिलने के बाद जेडी ऑफिस से जिला स्तरीय समिति बना दी गई। जेडी राजीव तोमर ने सहायक संचालक जेडी ऑफिस कृष्णा परते के नेतृत्व में 4 सदस्यीय टीम बनाई गई। इसमें दो पुरुष और दो महिला अधिकारी हैं। इन्हें 5 अक्टूबर रिपोर्ट देना था, लेकिन समिति ने दो दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट दी। जेडी राजीव तोमर ने बताया कि रिपोर्ट विभाग को सौंप दी गई है। जानकारी के अनुसार जेडी द्वारा बनाई गई जांच टीम ने भी महिला से पूछताछ की। बयान लेने के बाद महिला से कुछ सवालों के जवाब लिखित में लिए गए। इतना ही नहीं महिला को डीपीसी ले जाकर बाथम से आमना-सामना कराने का प्रयास किया, लेकिन पीड़िता वहां से चली गई।

दो दिन पहले पुलिस थाने पहुंची महिला

महिला ने दो दिन पहले कोहेफिजा पुलिस थाने में बाथम के खिलाफ लिखित शिकायत कर दी। पुलिस ने भी सोमवार को महिला के बयान दर्ज किए। हालांकि पुलिस का कहना है कि वह विभाग की जांच कमेटी की जांच का इंतजार कर रही है।

कलेक्टर के निर्देश पर समिति ने पूछताछ की

परेशान होकर महिला ने इसकी शिकायत कलेक्टर से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय तक में की। कलेक्टर द्वारा बनाई गई समिति ने मंगलवार को महिला के बयान लिए। यह बयान डीपीसी में लिए गए।

यह है मामला

पीड़ित महिला 2017 से ऑफिस में कार्यरत है। आरोप है कि बाथम द्वारा उसे अश्लील हरकतें की जाती थीं। उसे देर रात तक ऑफिस में रुकने को कहा जाता था। कोरोना के दौरान सिर्फ उसे ही ऑफिस बुलाया गया। इस दौरान बाथम उससे छेड़छाड़ करते थे। गंदी बातें और अश्लील हरकतें कीं। विरोध करने पर परेशान किया जाने लगा। इसी से परेशान होकर तीन दिन पहले महिला ने विभाग में इसकी शिकायत की। उसके बाद मामला तूल पकड़ गया।

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