अब ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर अन्नदाता:डीएपी की बोरी 1340 व यूरिया की 370 रुपए में बेच रहा था बोरी, पुलिस ने मामला किया दर्ज

  • खाद संकट के बाद जिले में कालाबाजारी शुरू, मुनाफाखोर दुकानदार किसानों की मजबूरी का उठाने लगे फायदा…

अंबाह में तहसीलदार व पुलिस ने एक दुकानदार को ब्लैक में खाद बेचते पकड़ा है। वह डीएपी की बोरी 1340 रुपए में जो कि शासकीय मूल्य से डेढ़ सौ रुपए महंगी है तथा यूरिया की बोरी 370 रुपए में बेच रहा था। जिले में खाद के लिए मारा-मारी शुरू हो गई है। इसका फायदा अब निजी दुकानदार उठाने लगे हैं। यह दुकानदार अब ब्लैक में महंगे दामों पर खाद बेच रहे हैं। दुकानदारों की इस मनमानी से बेचारे किसान अब ब्लैक में खाद खरीदने को मजबूर हैं।
यहां बता दें, कि जिले में खाद न मिल पाने के कारण किसानों के गले से भोजन नहीं निगला जा रहा है। उनकी पूरी फसल दांव पर लगी है। अगर समय रहते उन्हें खाद नहीं मिला तो उनका परिवार भूखों मर जाएगा। सरकार किसान को चाहे अन्नदाता कहे या फिर भूमि पुत्र, लेकिन आज यह अन्नदाता अपनी फसल बचाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है। किसानों को खाद नहीं मिल रहा है जिससे उनके खेत में खड़ी फसल बर्बाद होने की समस्या खड़ी हो गई है। किसानों की मजबूरी का फायदा अब मुनाफाखोर दुकानदार उठा रहे हैं। वह उन्हें ब्लैक में खाद बेच रहे हैं।
इस प्रकार पकड़ में आया दुकानदार
बीरेश कुमार शर्मा पुत्र संतोषीलाल शर्मा, उम्र 61 वर्ष, निवासी सेन्ट्रल बैंक के सामने, उपाध्याय भवन ने अंबाह थाना पुलिस को लिखित में शिकायत की थी। शिकायत में कहा था कि मेसर्स गोपीचंद, गुल्जारीलाल, उर्वरक विक्रेता, अंबाह, रोड, पोरसा, डीएपी व यूरिया की बोरियां निर्धारित दर से अधिक बेच रहा है। इस शिकायत पर तहसीलदार पोरसा ने आकस्मिक निरीक्षण किया। जब जांच की तो पाया कि दुकानदार द्वारा डीएपी की बोरी 1340 व यूरिया की बोरी 370 रुपए में बेची जा रही थी। तहसीलदार ने मामले की जांच कर पुलिस को भेज दिया जिस पर पुलिस ने दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

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