3000 किलो हेरोइन जब्ती मामला: NIA ने दिल्ली-NCR में 5 जगहों पर की छापेमारी, अभी तक हुई 8 लोगों की गिरफ्तारी
डीआरआई ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें चेन्नई दंपत्ति गोविंदराजू दुर्गा पूर्णा वैशाली और मचावरम सुधाकर, 4 अफगानी लोग और एक उज्बेक महिला शामिल हैं. तालिबान-पाकिस्तान एंगल की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते मामले को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया था.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पिछले महीने गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह से जब्त 2,988 किलोग्राम अफगान हेरोइन के सिलसिले में मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में 5 स्थानों पर छापेमारी की. एजेंसियों के अनुमान के मुताबिक, इस ड्रग्स की कीमत करीब 21,000 करोड़ रुपये है जो कि अब तक की सबसे बड़ी जब्ती है. डिलीवरी में एक नार्को-टेरर लिंक की जांच की जा रही है, क्योंकि ड्रग्स की इस खेप को अफगानिस्तान से बंदर अब्बास बंदरगाह के जरिये भारत भेजा गया था.
दरअसल, 2,988.21 किलोग्राम हेरोइन के इस खेप को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गुजरात के कच्छ जिले में मुंद्रा बंदरगाह से 14 और 15 सितंबर को खुफिया जानकारी के आधार पर जब्त किया था. डीआरआई को खुफिया जानकारी मिली थी कि अफगानिस्तान से बंदर अब्बास बंदरगाह के जरिये दो कंटेनरों में हेरोइन को तस्करी करके भारत लाया जा रहा है. सुरक्षा और सीमा शुल्क अधिकारियों से बचने के लिए इन दो कंटेनरों में 1,999.58 किलोग्राम और 988.64 किलोग्राम हेरोइन पैक की गई थी.
एनआईए ने इस मामले में स्वापक औषधि एवं मन: प्रभावी पदार्थ (एनडीपीएस) अधिनियम और गैर कानूनी गतिविधि (निषेध) अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. अधिकारी के मुताबिक मादक पदार्थ ‘अर्ध प्रसंस्करित टैल्क स्टोन’ के नाम से इम्पोर्ट किए गए सामान में मिला और इसे अफगानिस्तान से भेजा गया था और यह बंदर अब्बास बंदरगाह के जरिये भारत पहुंचा.
मामले में 8 लोग गिरफ्तार
डीआरआई ने इस मामले में 8 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें चेन्नई दंपत्ति गोविंदराजू दुर्गा पूर्णा वैशाली और मचावरम सुधाकर, 4 अफगानी लोग और एक उज्बेक महिला शामिल हैं. तालिबान-पाकिस्तान एंगल की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने पिछले हफ्ते मामले को एनआईए को ट्रांसफर कर दिया था. अधिकारियों ने कहा, मंगलवार को जिन लोगों पर छापा मारा गया उनमें कुछ ऐसे व्यक्ति भी हैं जिनके अफगान संबंध हैं.
गिरफ्तार वैशाली और सुधाकर इस खेल के छोटे खिलाड़ी हैं जिन्हें कथित तौर पर हेरोइन की तस्करी के लिए केवल 10 लाख रुपये से 12 लाख रुपये का कमीशन मिलता था. एक अधिकारी ने कहा कि इस खेप के पीछे अफगान नागरिकों के एक बड़े नेटवर्क का हाथ होने का संदेह है.
गिरफ्तार आरोपियों को अफगानिस्तान और ईरान से मिल रहे थे निर्देश
जांचकर्ताओं ने पाया कि वैशाली और सुधाकर अफगानिस्तान और ईरान के कुछ लोगों से निर्देश ले रहे थे. वहीं, एक दूसरे अधिकारी ने कहा, इम्पोर्ट की आड़ में इससे पहले के ड्रग्स की तस्करी में उनकी भूमिका की भी जांच की जा रही है. संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, अफगानिस्तान में 800 से 900 मध्यम और उच्च स्तर के ड्रग्स तस्कर/सिंडिकेट हैं. कई लोगों के पास अफीम पोस्त को उच्च गुणवत्ता वाली हेरोइन में बदलने के लिए पूरी तरह से प्रयोगशालाएं भी हैं.
हेलमंद, बडघिस, उरुजगन और फरयाब के साथ अफगानिस्तान का कंधार उन प्रांतों में से एक है जहां अफीम की सबसे ज्यादा खेती होती है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों से पता चलता है कि 2020 में अफगानिस्तान में संभावित अफीम उत्पादन 6,300 टन और औसत अफीम की उपज 28.0 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर थी. बता दें कि अफगानिस्तान दुनिया की 85% से अधिक अफीम का उत्पादन करता है. 2020 में अफगानिस्तान में अफीम की खेती का कुल क्षेत्रफल 224,000 हेक्टेयर था, जो 2019 की तुलना में 37% अधिक था.