पढ़े-लिखे बेरोजगार:स्ट्रीट वेंडर की कतार में 82 हजार युवा; ये सभी कम से कम ग्रेजुएट
बेरोजगारी के चलते अब स्ट्रीट वेंडर बनने की कतार में उच्च शिक्षित 82 हजार युवा शामिल हो गए हैं। इनमें भोपाल के 7262 युवा भी शामिल हैं। ये सभी यूजी और पीजी पास हैं। यह सभी सरकार की स्कीम के तहत फल, सब्जी, अंडा, चिकन बेचने और टेलरिंग का काम करना चाहते हैं। स्कीम के तहत महज 10 हजार रुपए का लोन चयनित हितग्राही को दिया जाएगा।
स्ट्रीट वेंडर योजना छोटे-छोटे काम करके अपना गुजारा करने वालों के लिए शुरू की गई है। लेकिन इस कतार में प्रदेश में अब 82,757 युवा भी शामिल हो गए हैं। इनमें 9613 युवा तो सिर्फ पोस्ट ग्रेजुएशन वाले हैं। इनमें भी 7 फीसदी से अधिक एमबीए और 5 फीसदी एमसीए करने वाले स्टूडेंट हैं।
सबसे अधिक 60 फीसदी संख्या एमए और 10 फीसदी एमकाॅम वालों की है। शेष 18 फीसदी में अन्य तरह के पीजी कोर्स करने वाले शामिल हैं। यह जानकारी स्ट्रीट वेंडर योजना में आए आवेदन से पता चली हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए पूरे प्रदेश से 15 लाख 24 हजार 222 आवेदन आए हैं। योजना में यह जानकारी भी मांगी गई है कि कौन-कितना पढ़ा लिखा है। इसमें यूजी-पीजी के अलावा 1.55 लाख 12वीं पास, 1.61 लाख 10वीं पास, 5.56 लाख 10वीं से कम पढ़े लिखे और 5.68 लाख अनपढ़ भी हैं।
युवा फलों की दुकान लगाना चाहते हैं
योजना का लाभ लेने के लिए किए गए आवेदनों में एक रोचक पहलू यह सामने आया कि प्रदेश में युवा सबसे अधिक 2.61 लाख युवा फल बेचने और 2.40 लाख टेलरिंग का काम करना चाहते हैं या कर रहे हैं। तीसरे नंबर पर 1.70 लाख सब्जी और चौथे पर 1.46 युवा चिकन-अंडे के काम से जुड़े हैं। जबकि आईस्क्रीम के काम में 24,097 और शूज के काम से 26, 466 लोग ही जुड़े हैं।
अंडे-चिकन की डिमांड
भोपाल में कुल 7262 युवाओं ने ही इस योजना के लिए आवेदन किया है। इसमें 440 यूजी-पीजी करने वाले युवा हैं। इन्होंने जिस व्यवसाय के लिए आवेदन किया है, उसमें सर्वाधिक 1328 युवा चिकन-अंडे के काम से जुड़े हैं। फल का काम करने वाले महज 1075 हैं। तीसरे नंबर पर 1031 ग्रामीण कार्य से जुड़े लोग, चौथे नंबर पर 857 लोग टेलरिंग काम से जुड़े हैं।
हकीकत- स्वरोजगार की तरफ बढ़ रहे हैं पढ़े-लिखे युवा
- पीजी और यूजी करने वाले युवा अब स्वरोजगार करना पसंद कर रहे हैं। दूसरा, इस योजना में उन्हें तत्काल सहायता मिल रही है। यही दो वजह जिसके चलते पढ़े-लिखे युवाओं का रुझान बढ़ रहा है। – वीएस चौधरी कोलसानी, आयुक्त, नगर निगम भोपाल
2 लाख से ज्यादा आवेदन रिजेक्ट
