UP Assembly Election 2022: आगरा की एत्मादपुर विधानसभा सीट पर एक दशक तक रहा बसपा का कब्जा, अब भाजपा दबदबा

एत्मादपुर सीट पर 10 सालों तक बसपा का कब्जा था, लेकिन 2017 में भाजपा के राम प्रताप सिंह ने यहां से जीत दर्ज की.

उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा 2022 के चुनाव होने जा रहे हैं. सभी पार्टियां मतदाताओं को लुभाने के लिए तरह-तरह की सौगातें और लोक लुभावने वादे लेकर चुनावी मैदान में उतर रही हैं. देखना दिलचस्प होगा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में मतदाता किस पार्टी को सत्ता के सिंहासन पर पहुंचाते हैं. 2017 में आगरा के एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की थी. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राम प्रताप सिंह ने बसपा के डॉक्टर धर्मपाल सिंह को चुनाव में शिकस्त दी थी. जानिए क्या है इस सीट का समीकरण…

उत्तर प्रदेश की एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) का परिसीमन समय-समय पर बदलता रहा है. साल 1952 से 1962 तक यहां से दो विधायक चुने जाते रहे थे. एक सामान्य वर्ग का और एक अनुसूचित वर्ग का. इसके बाद यह सीट 1967 में सामान्य घोषित कर दी गई, लेकिन दोबारा 1974 में इसे सुरक्षित सीट बनाया गया. उसके बाद 2012 में फिर इस सीट का परिसीमन बदला और यह सामान्य सीट हो गई.

पहली बार भाजपा ने जीती ये सीट

आगरा की एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) को भाजपा सिर्फ एक ही बार जीत पाई, जब 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी राम प्रताप सिंह चौहान ने यहां से जीत दर्ज कर इस सीट को भाजपा के खाते में डाला.

कांग्रेस और सपा भी एक ही बार दर्ज कर सकी हैं जीत

एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) पर 1980 में कांग्रेस के महाराज सिंह चुनाव जीतकर विधायक बने थे. इसके बाद से कांग्रेस इस सीट पर दोबारा जीत नहीं दर्ज कर सकी है. वहीं इस सीट पर 1993 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के चंद्रभान मौर्य ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद समाजवादी पार्टी भी इस सीट पर दोबारा जीत नहीं दर्ज कर सकी.

चंद्रभान मौर्य इस सीट से 5 बार विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं. वह चौधरी अजित सिंह (Ajeet Singh) और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के काफी करीबी रहे हैं. चंद्रभान मौर्य अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं. वह चुनाव में साइकिल से प्रचार किया करते थे.

एत्मादपुर विधानसभा सीट पर तीन बार बसपा का कब्जा

एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) पर बहुजन समाज पार्टी ने तीन बार जीत दर्ज की है. सबसे पहले 1996 के विधानसभा चुनाव में बसपा के गंगा प्रसाद यहां से जीतकर विधायक बने थे. इसके बाद 2007 में बसपा के नारायण सिंह चुनाव जीतकर इस सीट से विधायक बने. 2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा ने दूसरी बार इस सीट पर लगातार जीत दर्ज की. इस बार बसपा के विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह थे.

2017 विधानसभा चुनाव के आंकड़े

2017 के विधानसभा चुनाव में एत्मादपुर विधानसभा सीट (Etmadpur Assembly) पर भाजपा ने पहली बार जीत दर्ज की है. इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राम प्रताप सिंह ने बसपा के डॉक्टर धर्मपाल सिंह को चुनाव में शिकस्त दी थी. 2012 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर धर्मपाल सिंह बसपा के विधायक चुने गए थे. 10 साल तक यह सीट बसपा के कब्जे में थी, लेकिन 2017 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर की आंधी में बसपा यह सीट बचाने में नाकाम रही.

इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी राम प्रताप सिंह को 1,37,381 वोट मिले थे, जबकि दूसरे नंबर पर रहे बसपा के डॉक्टर धर्मपाल सिंह को 90,126 वोट मिले थे. तीसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी की राजबेती थीं, जिन्हें 46,925 वोट मिले थे, जबकि चौथे नंबर पर रालोद के नरेंद्र सिंह बघेल थे. उन्हें 3496 वोट मिले थे.

2017 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर पार्टियों का वोट शेयर

2017 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर भाजपा का वोट शेयर 48.66 प्रतिशत था, जबकि दूसरे नंबर पर रही बसपा का वोट शेयर 31.92 प्रतिशत, समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 15.56 प्रतिशत और रालोद का वोट शेयर 1.24 प्रतिशत था.

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