MP के 90 CMO की जांच! ….उम्र की फिफ्टी लगा चुके अफसर, 7 दिन में देखेंगे कि उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं; वरना अनिवार्य सेवानिवृत्ति

MP के 90 CMO (मुख्य नगर पालिका अधिकारी) उम्र की फिफ्टी यानी उम्र के 50 साल या फिर नौकरी के 20 साल पूरे कर चुके हैं। अब इन अफसरों के बारे में 7 दिन के भीतर यह जाना जाएगा कि उन्हें काम में कोई दिक्कत तो नहीं है। शारीरिक क्षमता में कमी या कोई भ्रष्टाचार में उनका नाम तो नहीं है। यदि वाकई में ऐसा पाया जाता है तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।

नगरीय प्रशासन एवं विकास के कमिश्नर निकुंज कुमार श्रीवास्तव ने विभाग के सभी संभागीय संयुक्त संचालकों को लैटर जारी करके 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा है।

रिकॉर्ड भी देखेंगे

अफसरों की अब तक की नौकरी का रिकॉर्ड भी देखा जाएगा। ताकि पता लग सके कि उन पर कोई भ्रष्टाचार के आरोप या केस दर्ज तो नहीं हुआ है। वहीं, कार्यक्षमता का मूल्यांकन भी होगा।

1 नवंबर को देना है रिपोर्ट

कमिश्नर श्रीवास्तव ने 1 नवंबर को रिपोर्ट देने को कहा है। उन्होंने सामान्य प्रशासन विभाग के अगस्त 2000 के आदेश का हवाला देते हुए यह रिपोर्ट मांगी है।

रूटिन जांच

एक विभागीय अफसर की मानें तो 50 वर्ष की उम्र पार कर चुके या फिर 20 साल की नौकरी पूरी करने वालों की जांच नगरीय प्रशासन समेत अन्य विभाग कराते हैं। इसमें तय पैमानों पर खरा नहीं उतरने वाले अफसरों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने का नियम है। नगरीय प्रशासन विभाग के अफसर इस कार्रवाई के दायरे में नहीं आए हैं, लेकिन जिन 90 अफसरों की लिस्ट जारी की गई है, उनमें कुछ के विरुद्ध विभागीय जांच पहले से चल रही है। ऐसे में कार्रवाई हो सकती है। लिस्ट में भोपाल नगर निगम के अफसरों के नाम भी शामिल हैं।

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