Uttar Pradesh Assembly Election: पूर्वांचल जिसका, यूपी उसका! विधानसभा चुनावों के लिए बिछने लगी सियासी बिसात

गोरखपुर की सियासत मठ के इर्द गिर्द घूमती रही है. लेकिन 2018 के लोकसभा उपचुनाव में समीकरण बदल गए और उसका सूत्रधार निषाद समाज था. गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, कैंपियरगंज, चौरीचौरा, सहजनवां और बांसगांव विधानसभा क्षेत्र में ही पांच लाख से ज्यादा निषाद वोटर हैं.

पूर्वांचल जिसके साथ खड़ा होता है लोक भवन की पांचवी मंजिल पर उसका राज होता है. कांग्रेस गोरखपुर के रास्ते पूर्वांचल के दरवाजे को खोलने की कोशिशों में जुट गई है. सीएम योगी के गढ़ में सांस्कृतिक राष्ट्रवाद की पिच पर प्रियंका ने योगी को कटघरे में खड़ा किया तो अमित शाह पर माफियाओं के बगलगीर होने का आरोप भी मढ़ा. प्रियंका ने निषाद समाज के सहारे गोरखपुर के समीकरणों में खुद की जगह बनाने की भी कोशिश की.

सियासी रूप से पूर्वांचल बहुत खास हो जाता है. यहां 28 जिलों में 162 विधानसभा सीट जिस सियासी दल के लिए दरवाजे खोल देती है सरकार उसी की बनती है. सीएम योगी शनिवार को संगठन की बैठक करके अपने इस गढ़ को दुरुस्त करने गए थे. तो रविवार को प्रियंका ने गोरखपुर में भीड़ जुटाकर कांग्रेस के मजबूत होने का संकेत दिया.

सीएम पर साधा निशाना

प्रियंका गांधी ने सीएम योगी पर गुरु गोरखनाथ के आदर्शों के खिलाफ जाकर काम करने का आरोप लगाया तो अमित शाह के माफियाओं के यूपी से सफाया होने वाले बयान पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा कहा कि दूरबीन से माफियाओं को खोजने वाले लोग चश्मा लगाकर देखें तो जीप से किसानों को कुचलने वाले आरोपी के पिता केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी आपके बगल में नजर आ जाते. छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने गरीबो के घर तोड़ने की तोहमत मढ़ते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर नाथ बताया.

निषाद वोटर पर प्रियंका की नजर

गोरखपुर की सियासत मठ के इर्द गिर्द घूमती रही है. लेकिन 2018 के लोकसभा उपचुनाव में समीकरण बदल गए और उसका सूत्रधार निषाद समाज था. गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, कैंपियरगंज, चौरीचौरा, सहजनवां और बांसगांव विधानसभा क्षेत्र में ही पांच लाख से ज्यादा निषाद वोटर हैं. खजनी और चिल्लूपार विधानसभा क्षेत्र में एक लाख से ज्यादा वोटर हैं.

पूर्वांचल की लगभग 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर निषाद वोटर प्रभावी भूमिका निभाते हैं. लोकसभा चुनावों के समय प्रियंका गांधी ने गंगा यात्रा के दौरान निषाद समाज को साधने की कोशिश की थी. प्रयागराज में निषादों की पुलिस से हुई झड़प के बाद प्रियंका ने उनके गांव का दौरा भी किया था और आज गोरखपुर में प्रियका गांधी निषादों को लुभाकर पूर्वांचल में पैठ बनाने की कोशिश करती दिखाई दीं.

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