स्मार्ट सिटी की तैयारी:बस टर्मिनल की जमीन को साइंस टेक्नोलॉजी विभाग से मिली एनओसी

स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन द्वारा हजीरा थाने के पास बनाए जाने वाले इंटर स्टेट बस टर्मिनल के लिए जमीन मिलने में आ रही अड़चने अब दूर हो चुकी हैं। 35 एकड़ जमीन जिला प्रशासन ने आवंटित तो कर दी थी, लेकिन इसे स्मार्ट सिटी कॉर्पोरेशन को देने के दौरान कुछ आपत्ति आ रही थीं, जिसके कारण संभागीय कमिश्नर आशीष सक्सेना ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह को उन तकनीकी आपत्तियों को दूर करने के निर्देश दिए थे। संयुक्त कलेक्टर विनोद भार्गव ने बताया कि सभी तकनीकी अड़चनों को दूर कर जमीन हस्तांतरित करने के लिए फाइल कलेक्टर को भेज दी गई है। उल्लेखनीय है कि आईएसबीटी 70 करोड़ की लागत से तैयार किया जाएगा।

दरअसल, पूर्व में यह जमीन प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विभाग के लिए आरक्षित थी। ऐसे में जमीन स्मार्ट सिटी को देने के लिए जरूरी था कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग से एनओसी ली जाए। संयुक्त कलेक्टर बताते है कि विभाग ने यह एनओसी दे दी है। वह जमीन को सरेंडर कर चुके थे। विभागीय औपचारिकता इस एनओसी के साथ पूरी हो गई है।

दूसरी ओर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को जमीन के लिए 50 फीसदी प्रीमियम राशि दिए जाने के नियम में बदलाव कराकर अब स्मार्ट सिटी को यह जमीन नि:शुल्क दी जाएगी। उनको कोई प्रीमियम राशि अब नहीं देना है। संयुक्त कलेक्टर विनोद भार्गव ने कहा कि आईएसबीटी के लिए जमीन स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन को देने के लिए सभी अड़चने दूर कर दी गई है।

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