दिल्ली में लगेगा लॉकडाउन? वायु प्रदूषण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में चल रही अहम सुनवाई

पिछली सुनवाई में कोर्ट ने दिल्ली में वाहनों का परिचालन रोकने और दो दिन के लॉकडाउन लगाने जैसे कदमों को अपनाने का सुझाव दिया था। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं।

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई हो रही है। इस दौरान दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण से लड़ने के लिए लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार है। हालांकि सरकार ने कहा कि इसका सीमित प्रभाव ही होगा। उन्होंने कहा कि ऐसा कदम तब सार्थक होगा जब इसे एनसीआर क्षेत्र के अलावा पड़ोसी राज्यों में भी लागू किया जाए।

बता दें कि इससे पहले पिछली सुनवाई में कोर्ट ने वाहनों का परिचालन रोकने और दो दिन के लॉकडाउन लगाने जैसे कदमों को अपनाने का सुझाव दिया था। कोर्ट ने शनिवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी को “आपात” स्थिति करार दिया था और केंद्र एवं दिल्ली सरकार से कहा था कि वे वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए आपात कदम उठाएं। हालांकि दिल्ली में रविवार को हवा की गुणवत्ता में सुधार देखा गया, लेकिन वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) ‘बेहद खराब’ श्रेणी में रहा।

पीठ ने कहा, “हर किसी को किसानों को जिम्मेदार ठहराने की धुन सवार है। 70 प्रतिशत। पहले दिल्ली के लोगों को नियंत्रित होने दीजिए। पटाखों, वाहनों से होने वाले प्रदूषण आदि को रोकने लिए प्रभावी तंत्र कहां है?” शीर्ष अदालत ने कहा, “हम समझते हैं कि कुछ प्रतिशत पराली जलाने की वजह से है। बाकी पटाखों, वाहनों से होने वाले प्रदूषण, उद्योगों, धूल आदि का प्रदूषण है। आप हमें बताइए कि दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 500 से 200 पर कैसे लेकर आएंगे। दो दिन के लॉक-डाउन जैसे कुछ तात्कालिक कदम उठाइए।”

शीर्ष अदालत ने केंद्र से सोमवार तक जवाब देने को कहा था। कोर्ट ने इस तथ्य का भी संज्ञान लिया कि राष्ट्रीय राजधानी में स्कूल खुल गए हैं और प्रशासन से कहा कि वाहनों को रोकने या लॉकडाउन लगाने जैसे कदम तत्काल उठाए जाएं। केंद्र सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि पंजाब में पराली जलाई जा रही है और राज्य को इसे लेकर कुछ करना होगा। पीठ ने कहा, “आपका मतलब यह लगता है कि सिर्फ किसान जिम्मेदार हैं। दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने से जुड़े कदमों का क्या है?”

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