बैंड, बाजा और बारात:महिला वेडिंग प्लानर्स की धूम, इन बोल्ड तरीकों से बना रही हैं शादियों को यादगार, लाखों में फीस

कोविड के कारण पिछले दो सालों से शादियां फीकी पड़ी हुई थीं। वैक्सीनेशन के साथ निश्चिंत हुए लोग अब वेडिंग को शाही बनाने की भरपूर कोशिश कर रहे हैं। इसके लिए वेडिंग प्लानर्स की मदद ली जा रही है। यहां पर महिला वेडिंग प्लानर बाजी मारती दिख रही हैं। वे अपने पेशे को ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ की तरह नहीं लेती हैं, बल्कि क्रिएटिव तरीकों से उसे सुपर-हिट बना देती हैं। दैनिक भास्कर ने देश की ऐसी लेडी वेडिंग प्लानर्स से बात की, जो लंबे समय से दूसरों की वेडिंग को खूबसूरत और यादगार बनाने का जिम्मा संभाले हुए हैं। शादी के सपने के हकीकत में तब्दील करने के लिए लाखों में फीस लेती हैं।

श्यामली अब तक 600 शादियां सजा चुकी हैं
इंडियन कल्चर, एक्सपेरिमेंट और अपनापन…. ये तीनों चीजें मुंबई की श्यामली के काम में दिखती हैं। 36 वर्षीय श्यामली ने अभी तक खुद शादी नहीं की है लेकिन वे अपने डेकोरेशन से करीब 600 शादियों को खूबसूरत बना चुकी हैं। शादी की सजावट के लिए बोल्ड प्रिंट, ग्राफिक्स और रंगों के खेल के साथ काम करना उनका हुनर है।

श्यामली बताती हैं, मैंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है। कॉलेज से निकलने के बाद मुझे अहसास हुआ कि वेडिंग प्लानिंग ही मेरे लिए बेस्ट पेशा है। साल 2007 में मैंने इस प्रोफेशन में काम करना शुरु किया। मैं हमेशा क्लाइंट की जरूरतों और बजट को ध्यान में रखते हुए शादी को डिजाइन करती हूं।

श्यामली थवेर किसी भी शादी को प्लान करते वक्त उसे अपने फैमिली फंक्शन की तरह लेती हैं।
श्यामली थवेर किसी भी शादी को प्लान करते वक्त उसे अपने फैमिली फंक्शन की तरह लेती हैं।

मैं अपने काम से प्यार करती हूं…

वे कहती हैं, क्लाइंट्स को आइडिया देना, ऑन-साइट लेबर टीम को उन आइडिया पर अमल कराना, हर किसी के साथ डील करना, ये काम चुनौतियों से भरा है और मुझे उन्हीं चुनौतियों से बाहर निकलना पसंद है। हमेशा फैमिली और काम और बैलेंस करते हुए आगे बढ़ती गई। आज मुझे वेडिंग प्लानिंग से जुड़े इस प्रोफेशन में करीब 16 साल हो गए है। अपने एक्सपीरिएंस की बदौलत ही साल 2017 में Shyamalee Thevar कंपनी शुरु की। किसी भी शादी को प्लान करते वक्त मैं उसे अपने फैमिली फंक्शन की तरह लेती हूं, न कि वेडिंग प्लानर के तौर पर। मैं अपने काम से प्यार करती हूं। हमेशा कुछ नया दिखाने की चाह रहती हैं, ताकि क्लाइंट्स को शादी में अपनापन लगे।

श्यामली अपने डेकोरेशन से कई लोगों की शादियों को खूबसूरत बना चुकी हैं।
श्यामली अपने डेकोरेशन से कई लोगों की शादियों को खूबसूरत बना चुकी हैं।

कॉफी टेबल पर बातचीत से शुरु हुआ सीईओ बनने का सफर
भले ही जोड़ियां स्वर्ग में बनती हैं, पर शादियां तो धरती पर होती हैं। इसलिए वेडिंग में स्वर्ग की तरह फील लाने के लिए लुधियाना की तन्वी क्रिस्टल, लाइट और फूलों से अनोखे ढंग से खेलती हैं। तन्वी कहती हैं, मैं एक छोटे शहर से हूं। ‘वेडिंग डिज़ाइनिंग’ मेरे लिए ऐसा पेशा नहीं था, जिसके बारे में कभी सोचा या फिर पढ़ा हो। एक दिन कॉफी टेबल पर बातचीत के दौरान डिजाइन और डेकोरेशन का ये सफर शुरू हुआ था। थोड़ी ही देर में, मुझे लगा कि मुझे अपना जिंदगी का मकसद मिल गया है और तब से कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैंने फैमिली फंक्शन में सेटअप करना शुरू किया।

दिन या रात की परवाह किए बिना, मैं हमेशा काम को एंजॉय करती हूं- तन्वी
दिन या रात की परवाह किए बिना, मैं हमेशा काम को एंजॉय करती हूं- तन्वी

सपोर्ट सिस्टम है बहुत जरूरी
कुछ महीनों के अंदर मुझे एक फेमस डेकोरेटर के साथ काम करने का मौका मिला, इसके बाद सब कुछ बदल गया। दिन या रात की परवाह किए बिना, मैं अपने काम को एंजॉयमेंट के साथ करने लगी। आखिर में मैंने तन्वी एंड कंपनी शुरू की, काम का बोझ बढ़ चुका है पर आज भी काम से मिली खुशी चेहरे पर हमेशा रहती हैं।
वे कहती हैं, शादी में डेकोरेशन से लेकर बारात आने तक की तैयारी करना आसान नहीं। दो-तीन दिनों तक लगातार काम में व्यस्त रहना और बच्चे के लिए समय निकालना, काफी कठिन था। पुरुषों के साथ काम वाले इस प्रोफेशन में घरवालों को मेरी सेफ्टी की चिंता तो होती है, पर हमेशा उनका सपोर्ट रहा। आज इस बात की खुशी है कि अपने इस सफर में कई यादगार शादियां करा चुकी हूं।

वेडिंग में स्वर्ग की तरह फील लाने के लिए तन्वी क्रिस्टल, लाइट और फूलों से अनोखे ढंग से खेलती हैं।
वेडिंग में स्वर्ग की तरह फील लाने के लिए तन्वी क्रिस्टल, लाइट और फूलों से अनोखे ढंग से खेलती हैं।

नेचुरल, आइकॉनिक और क्लासिक थीम पर करती हूं काम
राजस्थान के उदयपुर की स्नेहा पानेरी मैजिक लाइट्स वेडिंग मैनेजमेंट कंपनी की मालकिन हैं। वे कहती हैं, ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ भले यह कहावत कितनी भी सही क्यों न हो, लेकिन वेडिंग प्लानर्स बेगाने होते हुए भी आपकी शादी को चार-चांद लगाने में अपनी पूरी मेहनत लगा देते हैं। मैंने 2017 में शादी प्लानिंग का काम शुरू किया। वेडिंग में दूल्हा-दुल्हन क्या पहनेंगे, इनविटेशन कार्ड्स कैसे होंगे, पेरेंट्स कैसे अपनी बेटी को स्टेज पर लाएंगे, भाई और बहन किस गाने पर किस स्टाइल में डांस करेंगे, बारातियों को कहां ठहराया जाएगा, उन्हें क्या गिफ्ट दिया जाएगा.. जैसी तमाम बातों का ख्याल रखना, ये सब बेशक हेक्टिक था पर इस करियर में न सिर्फ मुझे अपनी स्किल्स दिखाने का मौका मिला, बल्कि क्लाइंट के चेहरे पर मुस्कान से काफी सुकून भी मिला।

इस तरह की थीम से बनाती हैं रस्मों को यादगार
स्नेहा कहती हैं, वेडिंग प्लानर का काम सिर्फ एक शादी के आयोजन की प्लानिंग करना ही नहीं होता है बल्कि शादी की हर रस्म अदायगी को भी यादगार बनाना होता है, जिसमें सगाई समारोह, महिला संगीत, बारात, स्वागत, वरमाला, प्रीतिभोज, बिदाई आदि रीति-रिवाज शामिल हैं। मैं नेचुरल, आइकॉनिक और क्लासिक थीम पर काम करती हूं। रस्मों में किस तरह की चीजें चाहिए, इसकी पूरी लिस्ट टिप्स पर याद रखती हूं। मुझे लगता है कि अगर आप में डिजाइन की समझ है, आप क्रिएटिव हैं और सब एकसाथ मैनेज करना जानते हैं तो ये काम बेहद मजेदार है।

देश में डेस्टिनेशन वेडिंग का सालाना कारोबार 45 हजार करोड़ रुपये के आसपास का है।
देश में डेस्टिनेशन वेडिंग का सालाना कारोबार 45 हजार करोड़ रुपये के आसपास का है।

दुनिया का सबसे बड़ा वेडिंग मार्केट है भारत
अमेरिका के बाद भारत को दुनिया का दूसरा सबसे महंगा और बड़ा वेडिंग मार्केट माना जाता है। यहां हर साल करीब 1.2 करोड़ शादियां होती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार इंडियन वेडिंग इंडस्ट्री का साइज 40-50 बिलियन डॉलर के आसपास है। केवल डेस्टिनेशन वेडिंग का सालाना कारोबार 45 हजार करोड़ रुपये के आसपास का है।

वेडिंग इंडस्ट्री से जुड़ी दिल्ली की भव्या सिंह बताती हैं कि भारत में ज्यादातर लोग शादियों में ज्यादा खर्च करने पर यकीन रखते हैं। यही वजह है कि यहां एक शादी पर औसतन 5 लाख से लेकर 5 करोड़ रुपए तक का भी खर्च आता है। वैसे कोरोना के चलते साल 2020 में शहनाइयों का मौसम पाबंदी में ही बीता, लेकिन इस साल हालात बदलने के साथ वेडिंग इंडस्ट्री में बूम की उम्मीद है। वेडिंग कंपनियां कस्टमर को लुभाने के लिए स्पेशल ऑफर भी दे रही है। साथ ही सेफ्टी टॉप प्रायोरिटी है

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