आदिवासियों के उत्थान के लिए 17 साल में शिवराज और 7 साल में मोदी सरकार ने क्या-क्या किया? कमलनाथ बोले- जारी करें श्वेत पत्र
मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने बीजेपी सरकार में आदिवासी वर्ग के साथ हुई उत्पीड़न व अत्याचार की घटनाओं और उस पर अभी तक की गयी कार्यवाही को लेकर भी जवाब मांगा.
जनजातीय गौरव दिवस के मौके पर सोमवार को पीएम मोदी मध्य प्रदेश की राजधानी भोपल पहुंचे थे. जहां पीएम ने बीजेपी सरकार की आदिवासी लोगों के लिए किए गए कामों का उल्लेख किया. इसे लेकर मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ (Kamalnath) ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह (CM Shivraj Singh) को आड़े हाथ लिया. कमलनाथ ने आदिवासियों के लिए किए गए शिवराज सरकार के प्रयासों (Aadiwasi Welfare) पर सवाल खड़ा करते हुए सवालों की झड़ी लगा दी. साथ सीएम से इसको लेकर श्वेत पत्र जारी करने की मांग की.
दरअसल 15 नवंबर महान स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा की जयंती के मौके पर आदिवासियों को सम्मानित करने के लिए मनाये जाने वाले पहले जनजातीय गौरव दिवस का मध्यप्रदेश गवाह बना. दिन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसके बाद से ही मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ बीजेपी सरकार और खास तौर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर हमलावर हैं. कमलनाथ ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि मै मांग करता हूं कि मध्यप्रदेश की 17 वर्ष की शिवराज सरकार, आदिवासी वर्ग के हित में आज तक किये गये कार्यों, लिये गये निर्णयों, उसके क्रियान्वयन, अपनी सरकार में इस वर्ग के उत्थान के लिये लागू योजनाओं को लेकर एक श्वेत पत्र जारी करें.
आदिवासी वर्ग के लिए मोदी सरकार से मिली राशि का मांगा हिसाब
कमलनाथ ने आगे लिखा कि उन योजनाओं से इस वर्ग के कितने लोग आज तक लाभान्वित हुए, कुल कितनी राशि इस वर्ग के हित के लिये शिवराज सरकार ने आज तक बजट में आवंटित की, कितनी राशि खर्च की, केन्द्र की 7 वर्ष की मोदी सरकार से इस वर्ग के हित के लिये प्रदेश को प्राप्त राशि, आदिवासी वर्ग के लोगों की शिक्षा, स्वास्थ्य के क्षेत्र में कुल खर्च राशि व किये गये कार्य, 17 वर्ष की राज्य भाजपा सरकार में आदिवासी वर्ग के साथ हुई उत्पीड़न व अत्याचार की घटनाओं व उस पर अभी तक की गयी कार्यवाही को लेकर भी जवाब मांगा.
कमलनाथ ने साथ ही वर्तमान जनजातीय गौरव दिवस के आयोजन में होने वाला कुल खर्च का भी हिसाब मांगा. उन्होंने लिखा कि इस आयोजन के लिए किस मद से कितनी राशि खर्च की गयी, इस आयोजन से आदिवासी वर्ग को क्या फायदा होगा. इस पर तत्काल एक श्वेत पत्र जारी करें ताकि प्रदेश के आदिवासी वर्ग के सामने शिवराज सरकार के कार्यकाल की वास्तविकता सामने आ सके.