मेन्स डे आज …… 22 महीनों में भोपाल के 8,864 पुरुषों ने हेल्पलाइन पर कॉल कर बताया-पत्नी परेशान करती है; 32 पुरुषों को काउंसलिंग कर खुदकुशी करने से रोका
प्रदेश में पुरुष प्रताड़ना के ग्राफ में बढ़ोतरी हो रही है। जनवरी-20 से लेकर अक्टूबर-21 यानी 22 महीनों में भाई वेलफेयर सोसायटी के हेल्पलाइन नंबर 8882498498 पर भोपाल से 8,864 पुरुषों ने कॉल कर कहा कि पत्नी प्रताड़ित करती है। संस्था इस अवधि में शहर के करीब 32 पुरुषों को खुदकुशी करने से रोका है।
प्रदेश की बात करें तो इन्हीं 22 महीनों में हेल्पलाइन पर 38 हजार काॅल पहुंचे। इस बीच भाई संस्था ने करीब 125 पुरुषों को खुदकुशी करने से बचाया है। संस्था के फाउंडर मेंबर जकी अहमद का कहना है कि प्रदेश में पुरुष आत्महत्या के आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2020- 21 में जहां 9663 पुरुषों ने आत्महत्या की है। वहीं, महिलाओं का आंकड़ा 4,915 है। पुरुष आत्महत्या के मामले में भोपाल 5वें और इंदौर पहले पायदान पर है।
पुरुषों और महिलाओं के जान देने के कारण?
संस्था के सदस्याें का कहना है कि उन्होंने जब आत्महत्या के आंकड़ों का विश्लेषण किया तो पाया पुरुष और महिलाएं की आत्महत्या करने के कारण अलग-अलग हैं। कई मामलों में सामने आया है कि पुरुषों का दहेज के झूठे केस में फंसना, शादी के बाद पत्नी का किसी से अफेयर, भरण पोषण के लिए राशि देना जैसे मामले सामने आए हैं।
इसके अलावा पुरुष नौकरी से निकाले जाने, व्यापार में घाटा, कर्ज में डूबने, प्यार में नाकाम रहने और इंटरव्यू या किसी परीक्षा में फेल होने पर मौत को गले लगा लेते हैं। वहीं महिलाएं पारिवारिक समस्याएं, दहेज प्रताड़ना बार-बार शादी टूटना, घरेलू हिंसा जैसी समस्याओं से तंग आकर अपनी जान देती हैं।
भावनात्मक रूप से मजबूत हैं महिलाएं
पौरुष संस्था के डायरेक्टर अशोक दसोरा का कहना है कि हमारे समाज में महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक रूप से कमजोर माना जाता है। जबकि सच्चाई इसके विपरीत है। डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के मुताबिक आत्महत्या करने वालों में पुरुषों की संख्या, महिलाओं की अपेक्षा दोगुनी है। इससे साबित होता है कि पुरुष, महिलाओं की अपेक्षा मानसिक और भावनात्मक रुप से ज्यादा प्रताड़ित होते हैं।
हकीकत- अधिकतर मामलों में वजह-पारिवारिक कलह
सेव इंडियन फैमिली के फाइटर (वॉलंटियर) यक्ष बताया कि जब भी किसी फैमिली में पारिवारिक कलह होती है, तो महिलाएं बदले की भावना को लेकर दहेज प्रताड़ना सहित 5 मामले पति और उसके परिवार के खिलाफ दर्ज करा देती हैं। जिससे पुरुषों को लंबे समय तक मानसिक और शारीरिक कष्ट उठाना पड़ते हैं। कई पुरुष इसे झेल जाते हैं तो कुछ पूरे प्रकरणों से मुक्ति पा लेते हैं।
