भोपाल जेल में बंद साइबर हैकर का कबूलनामा, ………बोला- जेल अफसरों ने कई वेबसाइट बनवाईं, उज्जैन के उपजेल अधीक्षक को बताया मास्टरमाइंड

वीडियो में दावा किया जा रहा कि हैकर्स वीडियो कॉलिंग के जरिए अधिकारी को दस्तावेज दिखाते हुए इस बात की पुष्टि कर रहा है कि उससे कितनी ई-मेल आईडी, वेबसाइट, यू-ट्यूब चैनल जेल अधिकारियों ने बनवाए हैं। वह उज्जैन जेल के तत्कालीन उप जेल अधीक्षक संतोष लडिया को साइबर हैकिंग का मास्टरमाइंड बता रहा है।

यह है वीडियो में
वह कह रहा है कि संतोष के इशारे पर वह जेल में रहने के दौरान साइबर हैकिंग कर रहा था। इस हाई-प्रोफाइल मामले की जांच कर रही स्टेट साइबर सेल SIT टीम सभी पहलुओं पर जांच कर रही है। साइबर सेल ने केंद्र की कुछ एजेंसियों की मदद ली है।

महाराष्ट्र का रहने वाला अमर अग्रवाल वर्तमान में भोपाल जेल में है। उसे उज्जैन की सेंट्रल जेल से कुछ समय पहले ही कोर्ट के आदेश पर भोपाल ट्रांसफर किया गया था। यहां उसने भोपाल जेल प्रशासन को आवेदन दिया कि उज्जैन जेल में उससे पूर्व के अधिकारी व कर्मचारियों ने डिजिटल धोखाधड़ी करवाई।

कई बड़े आईपीएस, न्यायाधीश अन्य के फोन तक हैक कराए और उनमें मैलवेयर (“मैलवेयर” कंप्यूटर को नुकसान पहुंचाने वाला प्रोग्राम है) लोड करने के लिए दबाव बनाया। हैकिंग के लिए सभी उपकरण डार्कनेट से खरीदे गए। देश-विदेश में लोगों के मोबाइल और कंप्यूटर हैक करके क्रेडिट कार्ड और ऑनलाइन पेमेंट की जानकारी जुटाई। इसके जरिए ऑनलाइन शॉपिंग, एयर टिकट बुक कराए गए। ऑनलाइन खातों में रुपए भी ट्रांसफर किए गए। इस काम के लिए उसे जेल में लैपटॉप और इंटरनेट सुविधा दी गई थी।

दरअसल, मामला अंतरराज्यीय और विदेश से जुड़ा है। इधर, जिन जेल अफसरों के इस धांधली में नाम आए हैं, वह जेल अफसर हर रोज अपने बयान दर्ज कराने साइबर सेल पहुंच रहे हैं। जेलर संतोष लडिया और डिप्टी जेलर सुरेश कुमार गोयल साइबर सेल पहुंचे।

जांच तक अधिकारी मुख्यालय अटैच
अमर की शिकायत के बाद गत शुक्रवार को जेल मुख्यालय ने उज्जैन केन्द्रीय जेल के उप जेल अधीक्षक संतोष लडिया, सहायक जेल अधीक्षक सुरेश कुमार गोयल, प्रहरी धर्मेन्द्र नामदेव को अटैच कर दिया था। जांच के दौरान इन तीनों से राज्य साइबर सेल पुलिस पूछताछ भी कर सकती है। एसआईटी गठित कर जांच कराई जा रही है। तीनों से मामले की जांच कर रही एसआईटी कई स्तर पर पूछताछ कर चुकी है।

जयपुर के होटल की बुकिंग की जानकारी आई
एसआईटी ई-मेल के जरिए होटल बुकिंग की जानकारी मंगा रही है। अभी दीगर राज्यों में राजस्थान की राजधानी जयपुर के एक ओबेराय होटल की जानकारी मिली है। पता चला कि कैदी अमर ने जयपुर के ओबेराय होटल में बुकिंग की थी, लेकिन पेमेंट नहीं हो पाने के चलते बुकिंग कैंसिल हो गई थी। बड़ा सवाल यह कि आरोपी जेल में रहते हुए यह कारनामा किन अधिकारियों की मिलीभगत से कर रहा था।

भैरवगढ़ जेल में दो साल बंद रहा आरोपी
साइबर ठग अग्रवाल करीब दो साल भैरवगढ़ जेल में बंद रहा। साल 2018 में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था तब से वह जेल में ही बंद था। महीनेभर पहले ही भोपाल जेल में उसका ट्रांसफर हुआ। इसके बाद बंदी ने उज्जैन जेल के अधिकारी व कर्मचारियों पर साइबर क्राइम के आरोप लगाए। इसमें क्रेडिट कार्ड के जरिए कई लोगों से लाखों की ठगी कराने जैसा गंभीर आरोप है।

यह है मामला
धोखाधड़ी के मामले में भैरवगढ़ जेल में बंद महाराष्ट्र के अनंत अमर अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि वह आईआईटी पास आउट है। अंग्रेजी पर अच्छी पकड़ होने के कारण अधिकारियों ने उससे आईपीएस, न्यायाधीश सहित अन्य लोगों के फोन हैक करवाकर डिजिटल धोखाधड़ी कराई। इसके लिए उसे जेल की ओर से लैपटॉप व मोबाइल फोन के साथ इंटरनेट की सुविधा भी दी गई थी।

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