मध्य प्रदेशः कर्जमाफी से जुड़े दस्तावेज लेकर शिवराज सिंह के घर पहुंचे कांग्रेस नेता
शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि राज्य में एक भी किसान की ऋण माफी नहीं हुई है. कांग्रेस की कृषि ऋण माफी योजना जिसके आधार पर वह प्रदेश की सत्ता में आई, पूरी तरह से विफल है.
भोपालः लोकसभा चुनाव 2019 ) के प्रचार के दौरान बीजेपी नेताओं द्वारा मध्य प्रदेश में किसानों की कर्ज माफी को लेकर निशाना साधने का आज कांग्रेस ने जवाब दिया है. भोपाल में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधि मंडल ने आज पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के घर पर जाकर उन किसानों की जानकारी दी जिनका कर्ज राज्य की कांग्रेस सरकार ने माफ किया है.
कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधि मंडल की अगुवाई पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने की.शिवराज सिंह के घर पहुंचे कांग्रेस नेताओं ने अपने हाथों में कर्ज माफी किए जाने से जुड़े जिलेवार दस्तावेज लिए हुए थे.
कर्ज माफी के नाम पर कांग्रेस ने किसानों के साथ किया धोखा: बीजेपी
मध्यप्रदेश में कांग्रेस के चार महीने के शासन को विपक्षी दल बीजेपी ने पूरी तरह से निराशाजनक बताते हुए आरोप लगाया कि कर्ज माफी योजना के नाम पर किसानों को धोखा दिया गया. 4 मई को बीजेपी ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी करते हुए 83 वादों को लागू करने के कांग्रेस के दावे पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए इसे मात्र कागजी दावा बताया और कहा कि प्रदेश में भष्ट्राचार अपने चरम पर है.
प्रदेश बीजेपी कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्रबुद्धे और प्रभात झा ने संवाददाता सम्मेलन में 12 पन्नों की पुस्तिका के रुप में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के खिलाफ आरोप पत्र जारी किया. हालांकि कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों को निराधार बताया है.
इस अवसर पर चौहान से संवाददाताओं को बताया, ‘‘राज्य में एक भी किसान की ऋण माफी नहीं हुई है. कांग्रेस की कृषि ऋण माफी योजना जिसके आधार पर वह प्रदेश की सत्ता में आई, पूरी तरह से विफल है.’’ चौहान ने आरोप लगाया कि हालांकि कांग्रेस सरकार ने ऋण माफी का आदेश जारी किया, लेकिन वास्तव में आज तक एक भी किसान का कर्ज माफ नहीं हुआ है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, मुख्यमंत्री कमलनाथ सहित कांग्रेस के नेता किसानों का दो लाख रुपये तक का ऋण माफी करने का दावा करते हैं जो कि पूरी तरह से गलत हैं.
प्रदेश में लगातार हो रही बिजली कटौती का जिक्र करते हुए चौहान ने कहा, “यह हमें बंटाधार युग (कांग्रेस के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासन का उल्लेख) की याद दिलाता है, जब नियमित तौर पर बिजली कटौती होती थी.’’ उन्होंने कहा कि यहां तक कि कमलनाथ जब अपने मतदान केन्द्र पर मतदान करने गये तब भी बिजली चली गयी, इससे प्रदेश में बिजली की स्थिति का पता चलता है और कांग्रेस सरकार मामले को संभालने के बजाय इसके लिये बीजेपी पर दोष लगा रही है.
प्रदेश में युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के रुप में 4,000 रुपये देने के कांग्रेस के वादे को याद दिलाते हुए चौहान ने कहा कि आज तक प्रदेश में एक भी व्यक्ति को यह सहायता नहीं मिली है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उनकी (चौहान) सरकार द्वारा शुरू की गई गरीबों के अंतिम संस्कार के लिये 5000 रुपये की सहायता योजना जैसी कई कल्याणकारी योजनाओं को धन की कमी के कारण बंद कर दिया गया.
चौहान ने आरोप लगाया कि प्रदेश की स्थिति सुधारने के बजाय कांग्रेस सरकार ने तबादला उद्योग शुरु कर दिया है और एक व्यक्ति का एक दिन में चार बार तक तबादला कर धन की वसूली की जा रही है. उन्होंने कहा कि हाल ही में कमलनाथ के करीबी व्यक्तियों पर आयकर छापे डाले गए जिससे प्रदेश में कांग्रेस सरकार की पारंम्परिक प्रकृति का पता चलता है. छापों में 281 करोड़ रुपये की अवैध आय का खुलासा हुआ था . उन्होंने कहा कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति खराब हो गई