कबाड़ वाहनों को रिसाइकिल करने की पहली यूनिट नोएडा में ….. नितिन गडकरी आज करेंगे उद्घाटन, यहां हर साल 24 हजार गाड़ियां स्क्रैप बनेंगी

नोएडा के सेक्टर-80 में मारुति और टोयोटा ने मिलकर वाहन रिसाइकिल यूनिट लगाई है, जिसका आज नितिन गडकरी शुभारंभ करेंगे। कबाड़ हो चुकी गाड़ियों को स्क्रैप बनाने के लिए मारुति सुजुकी और टोयोटा टूशो ग्रुप ने मिलकर देश की पहली यूनिट उत्तर प्रदेश के नोएडा में लगाई है। स्क्रैपिंग रिसाइकिलिंग यूनिट का उद्घाटन करने के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी सुबह नोएडा के सेक्टर-80 में आ रहे हैं।

2019 में गडकरी ने किया था स्क्रैप नीति का ऐलान
साल-2019 में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि केंद्रीय मंत्रीमंडल प्रस्तावित वाहन कबाड़ नीति पर जल्द फैसला करेगा। इसके बाद वित्त मंत्रालय से भी इस नीति को मंजूरी मिल गई थी। उसी नीति के तहत मारुति और टोयोटा के बीच 6 नवंबर 2019 को इस यूनिट को लगाने पर करार हुआ था।

दोनों कंपनियों की इस यूनिट को लगाने में 50-50 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। यह यूनिट अपना टाइम पीरियड पूरा कर चुके वाहनों को कबाड़ या स्क्रैप में बदलेगी। दोनों कंपनियों ने मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड वेंचर बनाकर यह यूनिट बनाई है।

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी संसद में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लेकर आए थे।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी संसद में व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी लेकर आए थे।

हर महीने दो हजार वाहन काटने की क्षमता
मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया है कि इस प्रक्रिया में भारतीय कानूनों और वैश्विक स्तर पर मान्य गुणवत्ता और पर्यावरण मानदंडों के तहत ठोस एवं तरल कचरे का पूर्ण प्रबंधन शामिल होगा। शुरुआत में नोएडा की यूनिट हर महीने दो हजार वाहनों को कबाड़ में बदल देगी। इस प्रकार यह यूनिट एक साल में करीब 24 हजार वाहन स्क्रैप बनाएगी। बाद में इसकी क्षमता बढ़ाई जा सकती है। नोएडा के बाद देश के दूसरे शहरों में इस तरह की यूनिट लगाने की तैयारी है। यह यूनिट ऑटोमोबाइल डीलरों के अलावा ग्राहकों से भी सीधे कबाड़ वाहनों को खरीदेगी।

रिसाइकिलिंग में क्या होता है?
स्क्रैपिंग रोड से पुरानी और असुरक्षित कारों को अलग करने की प्रक्रिया है। इसमें कारों के उपयोगी कॉम्पोनेंट/पार्ट्स को अलग कर दिया जाता है, ताकि उन्हें दोबारा काम में लाया जा सके। इसमें मुख्य घटक स्टील होता है। बैटरी, धातु, ऑयल, कूलेंट को ग्लोबल एनवायरमेंट स्टैंडर्ड के अनुसार नष्ट कर दिया जाता है, क्योंकि इनका दोबारा प्रयोग नहीं हो सकता। जो ग्राहक इस विकल्प को चुनते हैं, उन्हें अपने वाहन का उचित मूल्य भी मिलता है। इसके अलावा कार को स्क्रैप करने के बाद ग्राहक को एक डिस्ट्रक्शन सर्टिफिकेट भी जारी किया जाता है, जिसका उपयोग और परिवहन कार्यालय में अपने वाहन के डी-रजिस्ट्रेशन हेतु कर सकते हैं।

महिंद्रा की ग्रेटर नोएडा में प्लांट की तैयारी
महिंद्रा एंड महिंद्रा ने भी ग्रेटर नोएडा में कबाड़ गाड़ियों को ठिकाने लगाने के लिए रिसाइकिल प्लांट लगाने की घोषणा 2019 में की है। महिंद्रा एंड महिंद्रा ने यह प्लांट अपनी सब्सिडियरी कंपनी महिंद्रा असेलो के जरिए लगाने का प्लान बनाया है। इसके लिए पब्लिक सेक्टर की कंपनी एमएसटीसी के साथ गठजोड़ किया है।

इन सबके पीछे सरकार का मकसद क्या है?

  • वाहनों की समय पर रिसाइकिलिंग होने से 99% मटेरियल प्राप्त कर सकेंगे
  • कच्चे माल की लागत 40% तक कम हो सकती है
  • विनिर्माण में तेजी से करीब 35 हजार रोजगार पैदा हो सकते हैं
  • विनिर्माण लागत घटने से वाहन भी सस्ते हो सकते हैं

अहमदाबाद में सबसे बड़ी यूनिट की तैयारी
टाटा मोटर्स ने अहमदाबाद में कबाड़ केंद्र बनाने के लिए गुजरात सरकार से हाल ही में करार किया है। इस केंद्र में सालाना 36 हजार वाहनों की रिसाइकिलिंग की जाएगी। इसमें निजी और वाणिज्यिक दोनों तरह की गाड़ियां शामिल होंगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *