दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट जेवर में बनेगा ….. दिल्ली देश का पहला शहर होगा, जहां 70 किमी की रेंज में अब तीन एयरपोर्ट होंगे

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर एयरपोर्ट) की नींव 25 नवंबर को रखी जाएगी। यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। इसके साथ ही दिल्ली देश का पहला शहर बन जाएगा, जहां 70 किमी की रेंज में अब तीन एयरपोर्ट होंगे। इनमें दो इंटरनेशनल होंगे। दिल्ली और जेवर के अलावा तीसरा एयरपोर्ट गाजियाबाद का हिंडन है, जहां से घरेलू उड़ान संचालित होती हैं।

सितंबर 2024 से भरने लगेंगे उड़ान
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण में 29 हजार 650 करोड़ रुपए खर्च होंगे। यहां एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे। पहली फ्लाइट यहां से सितंबर 2024 में उड़ेगी। जेवर एयरपोर्ट बन जाने से दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड कम हो जाएगा। उड्‌डयन मंत्रालय के मुताबिक, रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है, जबकि हिंडन से दिल्ली एयरपोर्ट की दूरी करीब 65 किमी है।

फिलहाल, दिल्ली एयरपोर्ट पर साल भर में साढ़े छह करोड़ यात्री यात्रा करते हैं। अगले 5 साल में यह संख्या बढ़कर 10 करोड़ हो जाएगी। नागरिक विमानन मंत्रालय कह चुका है कि दिल्ली के एयर ट्रैफिक को नियंत्रित करने के लिए साल 2040 तक यहां पर 3 एयरपोर्ट होने चाहिए। ऐसे में दिल्ली से 72 किलोमीटर दूर जेवर कस्बे में बन रहा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NIA) दिल्ली के एयर ट्रैफिक को कम करने में मददगार साबित होगा।

ऐसा होगा जेवर एयरपोर्ट
जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर बनेगा। हालांकि, पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर होगा। फर्स्ट फेज में यहां दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए जाएंगे। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकते हैं। इस हवाई अड्डे की क्षमता फिलहाल सालाना 9 करोड़ यात्रियों की होगी, जिसके साल-2050 तक 20 करोड़ होने का अनुमान है।

 

जेवर एयरपोर्ट पर पहले साल 40 लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान
पहले साल करीब 40 लाख यात्रियों की आवाजाही रहेगी। 2025-26 में यात्रियों की संख्या 70 लाख तक हो सकती है। साल-दर-साल संख्या दोगुने के हिसाब बढ़ने की उम्मीद जताई गई है। 2044 तक करीब 8 करोड़ होने की उम्मीद है।

पहले साल 9 उड़ानें
जेवर एयरपोर्ट से 8 डोमस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू की जाएंगी, जबकि दिल्ली एयरपोर्ट की क्षमता पूरी होते ही यहां से 27- 27 डोमेस्टिक- इंटरनेशनल फ्लाइट्स उड़ान भरने लगेंगी। यह एयरपोर्ट कम से कम साल-2030 तक दिल्ली जैसा अंतरराष्ट्रीय आकार ले पाएगा।

यहां के लिए रहेंगी फ्लाइट्स
घरेलू उड़ानों में 40 फीसदी मांग मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद व चेन्नई जैसी मेट्रो सिटी में आने-जाने वाले यात्रियों की है। इसलिए जेवर एयरपोर्ट से शुरुआत में आठ घरेलू उड़ानें शुरू की जाएंगी।

वर्तमान कनेक्टिविटी

  • यमुना एक्सप्रेस-वे
  • बुलंदशहर-जेवर हाईवे
  • पेरिफेरल एक्सप्रेसवे

इन 7 गांवों की जमीन पर बनेगा

  • नंगला फूल खां
  • नंगला छीतर
  • नंगला शरीफ खां
  • दयानतपुर खेड़ा
  • किशोरपुर
  • रोही
  • नंगला गणेशी

पूरा विकसित होने पर दुनिया का चौथा बड़ा एयरपोर्ट होगा
दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत का सबसे बड़ा हवाई अड्डा है। मुंबई का छत्रपति शिवाजी हवाई अड्डा दूसरा और बेंगलुरु का अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा तीसरे स्थान पर है, लेकिन अब क्षेत्रफल के नजरिए से यूपी का जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट भारत में सबसे बड़ा होगा।

जब जेवर एयरपोर्ट अपने पूरे क्षेत्रफल पर विकसित होगा, तब फ्लोरिडा के ऑरलैंडो अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे को पछाड़कर दुनिया के चौथे बड़े हवाई अड्डे की सूची में अपना स्थान बना चुका होगा। फिर बिग-फाइव एयरपोर्ट की सूची से डलास एयरपोर्ट का नाम बाहर हो जाएगा।

आने वाले दिनों में ऐसी कनेक्टिविटी होगी

  • जेवर एयरपोर्ट से दिल्ली एयरपोर्ट तक मेट्रो कॉरिडोर बनाने की तैयारी
  • ग्रेटर नोएडा नॉलेज पार्क टू से जेवर एयरपोर्ट तक मेट्रो चलेगी
  • गाजियाबाद-अलीगढ़ हाईवे (एनएच-91) को खुर्जा से जेवर तक बेहतर करेंगे
  • दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए हरियाणा के बल्लभगढ़ से जेवर एयरपोर्ट तक 6 लेन की 31 किलोमीटर लंबी सड़क बनेगी
  • बुलेट ट्रेन दिल्ली-वाराणसी कॉरिडोर का एक स्टेशन जेवर एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग पर बनेगा
  • नोएडा फिल्म सिटी से जेवर एयरपोर्ट तक पॉड टैक्सी चलेगी

कैसा है दिल्ली एयरपोर्ट
IGI एयरपोर्ट 2066 हेक्टेयर जमीन पर बना है। इस पर तीन रनवे और तीन टर्मिनल हैं। टर्मिनल नंबर-तीन विश्व का सबसे बड़ा यात्री टर्मिनल है। IGI से रोजाना करीब 700 विमानों की आवाजाही होती है। इस एयरपोर्ट पर एक बार में 256 विमानों को खड़ा करने की क्षमता है।

IGI दिल्ली पर ऐसे बढ़ा यात्रियों का दबाव

  • 21 साल के आंकड़ों की बात करें तो साल दर साल डोमेस्टिक और इंटरनेशनल पैसेंजर्स का दबाव बढ़ता गया।
  • साल 2000-01 में डोमेस्टिक फ्लाइट्स के यात्रियों की करीब 50 लाख संख्या थी तो वहीं इंटरनेशनल पैसेंजर 30 लाख से ज्यादा थे।
  • 10 साल बाद डोमेस्टिक के यात्री चार गुना बढ़ गए, जबकि इंटरनेशनल में करीब 3 गुना की बढ़ोत्तरी हुई।
  • 2016-17 की बात करें तो डोमेस्टिक फ्लाइट्स के यात्रियों में दोगुने की बढ़ोत्तरी हुई। यह 4.22 हो गए
  • 2016-17 में इंटरनेशनल फ्लाइट्स के यात्री काफी कम हो गए। इनकी संख्या 50 लाख रह गई।
  • अब 2021 में डोमेस्टिक के यात्रियों की संख्या 6.5 करोड़ के करीब है।

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