सड़क पर कब्जा करनेवालों पर मेहरबान नगरपालिका ….. गुना के लोग बोले- जनता के टैक्स के पैसे से मरम्मत, कब्जा करने वालों ने खराब कर दी करोड़ों की सड़क
गुना शहर के हनुमान चौराहे से नानाखेड़ी तक बनी सड़क 2 वर्षों में ही खस्ताहाल हो गयी। इसके दोनों तरफ लगे पेवर्स को ईंट बेचने वाले लोगों ने ट्रेक्टर-ट्रॉली खड़ा कर उखाड़ दिया। नगरपालिका ने एक बार पेवर्स की मरम्मत की, उसके बाद दोबारा वहीं ईंट से भरे वाहन खड़े होने लगे। इससे लाखों की राशि से की गई मरम्मत के बाद फिर पेवर्स उखड़ने लगे। अब दोबारा नगरपालिका ने पेवर्स की मरम्मत शुरू कर दी है। न तो वहां से अतिक्रमण हटाया गया और न ही ईंट से भरे वाहनों को वहां खड़ा करने से रोका गया है।
नागरिकों की सुविधा और बढ़ते ट्रैफिक को देखते हुए हनुमान चौराहे से नानाखेड़ी मंडी गेट तक कि सड़क को चौड़ा कर उसका निर्माण वर्ष 2017-18 में किया गया था। निर्माण कार्य शुरू होते से ही यह सड़क विवादों में घिर गई थी। सड़क का बेस बनाने के लिए नीचे मुरम और मिट्टी डाली जानी थी, लेकिन राजनैतिक दवाब के चलते पुरानी सड़क के मलबे से ही बेस तैयार कर लिया गया। तमाम आपत्ति उठीं कि इस तरह मलबा डालने से सड़क कुछ ही दिनों में धंस जाएगी, लेकिन इस तरफ न तो निर्माण एजेंसी ने गौर किया और न ही नगरपालिका ने ध्यान दिया।
दूसरा विवाद सड़क के दोनों ओर बनने वाली नाली को लेकर खड़ा हुआ। निजी लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस नाली को आडा-टेढ़ा बनाया गया। अमूमन सड़क के बीच से दोनों ओर की चौड़ाई बराबर रहती है। उसी हिसाब से नाली निर्माण किया जाता है, लेकिन कई जगह सड़क और नाली की चौड़ाई घटती-बढ़ती रही। कई जगह सड़क 70 फीट की है तो कई जगह 90 फीट की। साथ ही डिवाइडर में भी पेड़ लगाने के लिए मिट्टी डालने की जगह पुरानी सड़क का डांबर मिला हुआ मलबा डाल दिया गया।
दो बार उखड़े पेवर्स
इस 2 किमी लंबी सड़क के दोनों ओर पेवर्स लगाकर फुटपाथ तैयार किया गया। यह आम जन के पैदल चलने के लिए लगाए गए थे, लेकिन शुरुआत से ही इन पर लोगों ने अतिक्रमण कर अपनी दुकानें बना लीं। 2 किमी की सड़क पर लगभग 40 गुमठियां रख कब्जा कर लिया गया है। वहीं दूसरी तरफ की दुकानों पर आने वाले ट्रक की पार्किंग इसी फुटपाथ पर होती है। शहर में ईंट बेचने आये कारोबारियों के ट्रेक्टर-ट्रॉली भी इसी फुटपाथ पर खड़े कर दिए जाते हैं। इससे फुटपाथ पर लगे पेवर्स उखाड़ने लगे। इस सीजन में हुई बारिश के बाद पूरा फुटपाथ उखड़ गया।

लोगों की शिकायत के बाद नगरपालिका ने फुटपाथ पर लगे पेवर्स की मरम्मत शुरू कराई। एक तरफ नपा मरम्मत कर रही थी और दूसरी तरफ फिर से फुटपाथ पर अतिक्रमण हो रहा था। वही भारी वाहन फिर उसी जगह खड़े होनेलगे और फुटपाथ फिर धंसने लगा। नागरिकों का कहना है कि जिन लोगों ने फुटपाथ को खराब किया, उन पर कार्यवाई करने और उनसे वसूली करने के बजाय नगरपालिका ने टैक्स के पैसे से फुटपाथ की मरम्मत करा दी। अब फिर वही लोग वहां वाहन खड़े कर रहे हैं और सड़क को खराब कर रहे हैं। उसके बाद भी नगरपालिका उन पर कोई कार्यवाई नहीं कर रही है।