स्मृति ईरानी की कहानी ……होटल में वेट्रेस तक का काम कर चुकी हैं स्मृति, कई बार रिजेक्ट हुईं लेकिन हार नहीं मानी और फिर टीवी एक्ट्रेस से बनीं पॉलिटिशियन

केंद्रीय मंत्री और पूर्व टीवी एक्ट्रेस स्मृति ईरानी इन दिनों अपने फैट टू फिट ट्रांसफॉर्मेशन के कारण चर्चा में हैं। सोशल मीडिया पर सामने आई तस्वीरों में स्मृति का वजन काफी कम नजर आ रहा है। इसके अलावा स्मृति ने लाल सलाम नाम की एक नॉवेल भी लिखी है। स्मृति पिछले 10 सालों से इस नॉवेल को लिख रही थीं। आइए नजर डालते हैं स्मृति की लाइफ के कुछ फैक्ट्स पर…

होटल में वेट्रेस तक का किया काम

स्मृति का जन्म दिल्ली के मल्होत्रा परिवार में हुआ था। पंजाबी पिता और असमिया मां की बेटी स्मृति के घर की आर्थ‍िक स्थ‍ित‍ि ठीक नहीं थी। पिता कुरियर कंपनी चलाते थे। स्मृति ने स्कूल की पढ़ाई के बाद कॉरेस्पोंडेंस से बी-कॉम की पढ़ाई शुरू की, लेकिन पूरी नहीं कर सकीं। वो होटल में वेट्रेस तक का काम कर चुकी हैं।

पिता की मदद के लिए वह दिल्ली में ब्यूटी प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग करने लगीं। इसी दौरान उन्हें किसी ने मुंबई में किस्मत आजमाने की सलाह दी। इसके बाद वह मुंबई आ गईं। 1998 में उन्होंने मिस इंडिया के लिए ऑडिशन दिया और सिलेक्ट हो गईं, लेकिन पिता ने कॉन्टेस्ट में भाग लेने से मना कर दिया। आखिर में मां ने साथ दिया। मां ने किसी तरह पैसों का इंतजाम करके स्मृति को दिया। स्मृति कॉन्टेस्ट में फाइनल तक पहुंचीं, लेकिन जीत नहीं पाईं। मां को पैसे लौटाने के लिए स्मृति ने नौकरी ढूंढनी शुरू की। जेट एयरवेज में फ्लाइट अटैंडेंट पद के लिए अप्लाई किया, लेकिन सिलेक्शन नहीं हुआ। कई मॉडलिंग ऑडिशन में भी रिजेक्ट हुईं। इसके बाद उन्होंने एक प्राइवेट जॉब की।

‘क्योंकि सास…’ के लिए रिजेक्ट हो गई थीं

‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी’ (2000-08) में तुलसी विरानी का रोल कर फेमस हुईं स्मृति ईरानी ने एक बार बताया तथा कि कभी उन्हें फिट न होने की वजह से एकता कपूर की टीम ने रिजेक्ट कर दिया था। तब एकता कपूर ने उन्हें सपोर्ट करते हुए शो में मेन रोल दिया था जिसके बाद स्मृति की किस्मत बदल गई।

जुबिन ईरानी से शादी की

साल 2001 में जब उन्होंने पारसी एंटरप्रेन्योर जुबिन ईरानी से शादी की, तब से वे स्मृति ईरानी के नाम से जानी जाने लगीं। अक्टूबर 2001 में उन्होंने बेटे को जन्म दिया, जिसका नाम जोहर रखा। दो साल बाद यानी सितंबर 2003 में वे बेटी जोइश की मां बनीं। इनकी एक सौतेली बेटी भी है शनेल। शानेल जुबिन और उनकी पहली पत्नी मोना की बेटी हैं।

2003 में रखा BJP में कदम।
2003 में रखा BJP में कदम।

ऐसा रहा राजनीतिक सफर

स्मृति ईरानी बचपन से आरएसएस का हिस्सा रही हैं। उनके दादाजी RSS स्वयंसेवक थे और मां जनसंघी। 2003 में बीजेपी ज्वाइन करने के बाद स्मृति 2004 में महाराष्ट्र यूथ विंग की वाइस-प्रेसिडेंट बनीं। 2004 में दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के कपिल सिब्बल के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ीं, लेकिन हार गईं। साल 2010 में स्मृति बीजेपी की राष्ट्रीय सचिव और महिला विंग की अध्यक्ष बनीं। साल 2014 में यूपी की अमेठी सीट से राहुल गांधी के खिलाफ लोकसभा लड़ी, लेकिन यहां भी हार गईं। इसके बावजूद मोदी ने इन्हें केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्री बनाया। वर्तमान में ये केंद्रीय टेक्सटाइल मिनिस्टर हैं।

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