खंडवा में फायर-इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट ….. 26 पाइंट्स पर 21 निजी अस्पताल फेल; इनमें गुर्जर, सोनी, शुभम, श्रीमाली समेत सभी हॉस्पिटल, पढ़िए पूरी खबर

भोपाल के हमीदिया अस्पताल हादसे के बाद सरकार ने स्वास्थ्य केंद्रों पर फायर और इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑडिट कराने संबंधी निर्देश दिए है। खंडवा में गठित जांच दल ने सरकारी व निजी अस्पताल में निरीक्षण कर 26 पाइंट्स पर ऑडिट शुरु किया तो 21 निजी अस्पताल फेल साबित हुए, इनमें नामी-गिरामी हॉस्पिटल शामिल है।

खंडवा जिले में 7 सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 31 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक-एक जिला अस्पताल और सिविल अस्पताल के साथ 21 निजी हॉस्पिटल और 203 सब-हेल्थ सेंटर हैं। निरीक्षण टीम में नगर निगम के ईई कैलाश चौधरी, सीएमएचओ कार्यालय के महबूब खान, इलेक्ट्रिक सेफ्टी ऑफिसर संजीवसिंह बड़ोदिया, फायर कंसल्टेंट अब्दुल रहमान शामिल है। नगर निगम के ईई कैलाश चौधरी का कहना है कि, फायर और इलेक्ट्रिक सेफ्टी के पुराने मापदंड अनुसार इन निजी अस्पतालों को एनओसी दी गई थी। अब ऑडिट कराकर नए बिंदुओं के आधार सुधार कराने पर अस्पतालों को एनओसी देंगे। सुधार नहीं कराने वाले हाॅस्पिटल के विरुद्व कार्रवाई का प्रस्ताव भेजेंगे।

यह 21 निजी अस्पताल ऑडिट में फेल पाए गए

1. संत रिचर्ड पम्पुरी हॉस्पिटल, इंदौर रोड, 2. प्रकाश हॉस्पिटल इंदौर रोड, 3. जैन नर्सिंग होम पड़ावा, 4. जे.जे. हॉस्पिटल बाहेती कॉलोनी, 5. हिन्दुजा हॉस्पिटल सिंधी कॉलोनी, 6. गुर्जर हॉस्पटल हनुमान नगर, 7. शुभम हॉस्पिटल आनंद नगर, 8. श्रीमाली हॉस्पिटल रामेश्वर रोड, 9. सीएनजी हॉस्पिटल हनुमान नगर, 10. जीलानी आई हॉस्पिटल पड़ावा, 11. सोनी हॉस्पिटल शिवाजी चौक, 12. सदगुरु नेत्र चिकित्सालय पड़ावा, 13. अत्रिवाल हॉस्पिटल पडावा, 14. मिश्रा हॉस्पिटल, बड़ाबम, 15. नवोदय हॉस्पिटल पड़ावा, 16. लक्ष्य हॉस्पिटल गुडी, 17. राज हॉस्पिटल पंधाना, 18. श्री सांई केयर सेन्टर बोरगांव, 19. अनुरूद्व शक्ति फ्रैक्चर क्लीनिक हॉस्पिटल, 20. न्यू लाईफ हॉस्पिटल अवस्थी चौराहा, खंडवा। तथा 21. स्वर्णीम आई हॉस्पिटल, बड़ाबम खंडवा शामिल है।

ऑडिट के 26 पाइंट्स, मुख्य तौर पर यह कमियां

– अग्निशाम उपकरण सभी प्रकार के और सभी आकार के उपलब्ध होना चाहिए।

– अग्निशाम उपकरणों के लिए परिचालन और रखरखाव योजना, रिफलिंग शामिल है।

– अप टू डेट फायर ड्राइंग उपलब्ध होना, जहां लागू हो, अग्नि चित्र भी होना चाहिए। फायर डैम्पर्स का स्थान भी तय हो।

– सभी मंजिलों पर आग का पता लगाने और धूम्रपान डिटेक्टर मौजूद होना।

– बिजली जाने पर आपातकालीन रोशनी प्रणाली की व्यवस्था होना।

– आग लगने पर लोगों के इकट्‌ठा होने के लिए निर्धारित स्थान।

– प्रत्येक मंजिल के लिए अग्नि निकास योजना, निकास द्वार खुला होना चाहिए।

– सेंट्रल फायर अलार्म सिस्टम हो, जहां 24 घंटे 7 दिन कर्मचारी हो।

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