Bihar: पटना में DGP ने पुलिसवालों को दिलाई शराबबंदी की शपथ, बोले- न पीऊंगा और न पीने दूंगा; देखें वीडियो

बिहार पुलिस मुख्यालय में DGP एसके सिंघल ने सभी पुलिस कर्मियों को राज्य में शराबंदी लागू करने की शपथ दिलाई. इससे पहले भी नशा मुक्ति दिवस के मौके पर साल 2016 में शराबबंदी की शपथ दिलाई गई थी.

बिहार (Bihar) में एक बार फिर नशा मुक्ति दिवस के मौके पर शराबबंदी के नाम पर सभी सरकारी विभागों के प्रधान व कर्मियों सहित पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों व पुलिसकर्मियों ने शराब नहीं पीने की शपथ ली. वहीं, शराबबंदी कानून को सख्ती से पालन करने के लिए 26 नवंबर को राज्यभर के सभी सरकारी कर्मचारियों को शपथ दिलाई गई. वहीं, बिहार पुलिस मुख्यालय में DGP एसके सिंघल ने सभी पुलिस कर्मियों को राज्य में शराबंदी लागू करने की शपथ दिलाई. उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानून का उल्लंघन करने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी और उन्हें बर्खास्त किया जाएगा.

दऱअसल, इससे पहले भी नशा मुक्ति दिवस के मौके पर साल 2016 में शराबबंदी का पालन करने के लिए सरकारी कर्मचारी, विधायकों और पुलिस कर्मियों को शपथ दिलाई गई थी. अब एक बार फिर इस मौके पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar)ने सरकारी कर्मचारियों को यह शपथ दिलवाई है. प्रदेश के लगभग 3.5 लाख कर्मचारियों और अधिकारियों ने शराबबंदी की सख्ती से पालन करने और कराने को लेकर शपथ ली है.

DGP ने दिलाई सभी पुलिसकर्मियों को शराबबंदी की शपथ
पटना में नजर बनाए रखें बाकी जिलों में खुद शराब तस्करी में आएगी कमी- CM नीतीश

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पुलिसकर्मियों से शराबबंदी कानून को सफल बनाने की अपील की. साथ ही सीएम ने कहा कि पटना में शराब माफियाओं पर नजर रखें, बाकी जिलों में खुद ब खुद शराब तस्करी नियंत्रण में आ जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराब नहीं पीने की सबने शपथ ली है, इसे भूलिएगा नहीं. इसके प्रति प्रतबद्धता रहे, यह ध्यान रखें. यह राज्य के हित में होगा.

बिहार में शराबबंदी सफल होगी तो धीरे-धीरे और जगहों पर भी होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना के पहले शराबबंदी को लेकर कई जगहों पर हम लोगों के बुलावे पर गए केरला में गए. वहां के लोग 22 साल से अभियान चला रहे थे. हमने वहां बताया था कि बिहार में शराबबंदी के बाद आने वाले पर्यटकों की संख्या पहले की तुलना में काफी बढ़ी है. यह बिल्कुल भ्रम है कि शराबबंदी से पर्यटकों की संख्या में कमी आती है.

शराब न पीना सर्व सम्मति से हुआ था पारित

बता दें कि हाल ही में हुई घटना की चर्चा करते हुए सीएम ने कहा कि दारू पीया, इसलिए मरा. जो दारू पीने गए उसे खराब दारू मिला. कुछ लोग चिंता प्रकट कर रहे थे कि खराब दारू मिला. तो क्या अच्छा दारू मिलना चाहिए था? इसका मतलब उनके अनुसार दारू मिलना चाहिए. सीएम ने कहा कि एक-एक आदमी को समझना चाहिए कि दारू नहीं पीए. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सर्व सम्मति से पारित हुआ.सबलोगों ने एकजुट होकर बात कही. अभी कुछ लोगों की बात सुनते हैं तो आश्चर्य होता है. यह सब दिमाग में है क्या कि शराब मिल जाए.

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