मुरैना में जहरीली शराब का कारोबार ….. 20 लीटर केमिकल और 80 लीटर पानी मिलाकर तैयार हो जाती है ढाई लाख की 100 लीटर शराब
जिले में ओपी केमिकल जिसे हम स्प्रिट के नाम से भी जानते हैं, उसका कारोबार तेजी पकड़ने लगा है। इससे देशी शराब बनाई जाती है। 20 लीटर केमिकल में 80 लीटर पानी मिलाने पर यह शराब तैयार हो जाती है। शराब बनाने का यह फंडा जोरों पर है। पंचायत चुनावों की घोषणा के बाद अब इसमें तेजी आ गई है।
जिले के जौरा व सबलगढ़ क्षेत्र में सबसे अधिक यह कारोबार फैला है। यहां दिल्ली के नोयडा, फरीदाबाद, आगरा व मथुरा से बड़ी मात्रा में ओपी केमिकल (स्प्रिट) लाया जाता है। यह स्प्रिट चिन्नौनी व देवगढ़ घाट से नाव में रखकर चंबल पार जौरा व सबलगढ़ भेजी जाती है। वहां इससे शराब बनाई जाती है।
इस प्रकार होता कारोबार
ओपी केमिकल को दिल्ली, आगरा व मथुरा से लाया जाता है। यह सीधा ट्रकों व छोटा हाथी वाहनों के द्वारा ड्रमों में भरकर लाया जाता है। इसकी बिल्टी रिमोवर के नाम से बनती है, क्योंकि ओपी केमिकल व रिमोवर देखने में एक सा लगता है। इसको चिन्नौनी व देवगढ़ के चंबल घाट से नाव में रखकर जौरा व सबलगढ़ के क्षेत्रों में भेजा जाता है। इसके बाद देशी शराब बनाने का सिलसिला शुरू होता है।

एक लाख की लागत में 100 पेटी शराब तैयार
ओपी स्प्रिट से देशी शराब बनाई जाती है। इसमें चालीस लीटर की एक केन में 100 लीटर शराब तैयार हो जाती है। इसमें 70 हजार रुपए में 100 पेटी का बारदाना देते हैं। उसमें खाली पौवा व लेबल आदि सब शामिल रहता है। करीब 30 हजार रुपए बनवाई लग जाती है। इस प्रकार एक लाख रुपए में 100 पेटी शराब बनकर तैयार हो जाती है। एक पेटी में 48 पौवा निकलते हैं। 100 पेटी शराब ढाई लाख रुपए की बिक जाती है। इस प्रकार एक लाख लगाकर ढाई लाख कमाने का धंधा मुरैना जिले में जोरों पर चल रहा है।
गत दिवस पकड़ा गया था 1200 लीटर केमिकल
शुक्रवार को जिले के बागचीनी थाना क्षेत्र में लगभग 1200 लीटर ओपी स्प्रिट पकड़ा गया था। यह स्प्रिट भी शराब बनाने के लिए लाया गया था। इससे हजारों लीटर देशी जहरीली शराब बनाई जाने वाली थी, लेकिन ऐन वक्त पर जिले की पुलिस को इसकी खबर लग गई और एसपी के आदेश पर तुरंत चौखट्टा गांव में छापा मारकर इसको पकड़ा गया था। इसके साथ ही वीरेन्द्र यादव नाम के एक व्यक्ति को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। हालांकि बाद में पुलिस ने केवल 6 ड्रम घोषित करके दर्शाया, लेकिन हकीकत छिपी नहीं रह सकी।
गांव-गांव बनेगी जहरीली शराब
सरपंची के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जाएंगे जिले में जहरीली शराब का बनना तेज होता जाएगा। कारण है कि यह जहरीली शराब चुनाव प्रत्याशियों द्वारा लोगों को वितरित की जाती है। पेटियों की पेटी शराब गांव-गांव बांटी जाती है। जिस पेटी में केमिकल की मात्रा अधिक हो गई, उसी को पीकर पीने वाला मौत के आगोश में चला जाता है।
जा चुकी हैं 28 जानें
इसी जहरीली शराब के पीने के कारण करीब 10 माह पहले मुरैना के 28 लोगों की जानें जा चुकी हैं। यह हादसा जौरा ब्लॉक के ही छैरा, मानपुर-पृथ्वी गांव में घटा था। इस शराब ने यहां 10 जनवरी से लेकर 21 जनवरी के बीच 13 गांवों के 28 लोगों की जान ले ली थी। हालांकि इस मामले में 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। तत्कालीन कलेक्टर व एसपी को निलंबित कर दिया गया था, लेकिन उसके बावजूद जहरीली शराब का यह अवैध कारोबार बंद नहीं हो सका।