वरुण का फिर मोदी-योगी पर हमला ….. बोले- पहले तो सरकारी नौकरी नहीं, मौका मिला तो पेपर लीक, परीक्षा हुई तो सालों रिजल्ट का वेट

एक बार फिर पीलीभीत से BJP सांसद वरुण गांधी ने योगी और मोदी सरकार पर तंज कसा है। वरुण गांधी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा, ‘पहले तो सरकारी नौकरी ही नहीं है। फिर भी कुछ मौका आए तो पेपर लीक हो जाता है। परीक्षा दे दी तो सालों साल रिजल्ट नहीं आता है।’ उन्होंने लिखा कि रेलवे ग्रुप डी के सवा करोड़ नौजवान 2 साल से रिजल्ट के इंतजार में हैं। सेना में भर्ती का भी वही हाल है। इससे पहले भी वरुण गांधी भाजपा को किसानों के मुद्दे पर कई चिट्‌ठी लिख चुके हैं।

पूछा, ‘कब होगी आरआरबी ग्रुप डी भर्ती परीक्षा?’
आरआरबी ग्रुप डी भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे करीब एक करोड़ 15 लाख उम्मीदवारों का धैर्य अब जवाब देने लगा है। बुधवार को सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों ने अपने पोस्ट के जरिए प्रदर्शन किया। ये आरआरबी ग्रुप डी भर्ती परीक्षा का इंतजार कर रहे।

रसूखदारों पर एक्शन कब होगा

इससे पहले वरुण गांधी ने योगी सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए थे। UP-TET का पेपर लीक होने पर कहा कि छोटी मछलियों पर कार्रवाई से कोई काम नहीं चलेगा, बल्कि उन राजनैतिक व शिक्षा माफिया पर शिकंजा कसना चाहिए, जिन्होंने बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है।

पोस्ट कर कसा था तंज

इससे पहले वरुण गांधी ने किसानों के फसल जलाने पर BJP को घेरा था। उत्तर प्रदेश के किसान समोध सिंह पिछले 15 दिनों से अपनी धान की फसल को बेचने के लिए मंडियों में मारे-मारे फिर रहे थे, जब धान बिका नहीं तो निराश होकर इसमें स्वयं आग लगा दी। इस पर वरुण ने सवाल उठाए थे- ‘इस व्यवस्था ने किसानों को कहां लाकर खड़ा कर दिया है? कृषि नीति पर पुनर्चिंतन आज की सबसे बड़ी जरूरत है’।

वरुण गांधी तीन कृषि कानूनों को लेकर भी मुखर रहे हैं। दरअसल, वरुण किस पीलीभीत लोकसभा सीट से सांसद हैं। वहां किसान निर्णायक हैं।

किसान महापंचायत का किया था समर्थन

वरुण ने 12 सितंबर को भी किसानों के मुद्दे उठाते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ को खत लिखा था। तब वरुण ने भूमिपुत्रों की बात सुनने की अपील करते हुए पत्र में 7 पॉइंट लिखे थे। वरुण ने इसमें गन्ना के दाम, बकाया भुगतान, धान की खरीदारी समेत 7 मुद्दों को उठाया था। 5 सितंबर को मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में वरुण ने किसानों का समर्थन कर सरकार को असहज किया था।

700 किसानों की बचाई जा सकती थी जान
प्रधानमंत्री के द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा के अगले ही दिन ट्वीट कर वरुण गांधी ने कहा था कि देश के किसानों ने भीषण वर्षा, तूफान और विपरीत मौसम का सामना करते हुए आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से जारी रखा। इसके लिए किसानों को बधाई दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला उचित समय पर कर लिया जाता, तो उन 700 किसानों की जान बचाई जा सकती थी जिन्होंने इस आंदोलन की राह में अपने प्राण न्योछावर कर दिए।

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