सेना ने संदिग्ध समझकर चलाई थी गोलियां’, नागालैंड फायरिंग पर लोकसभा में बोले गृह मंत्री अमित शाह

नागालैंड फायरिंग को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में बयान दिया है. उन्होंने कहा, ”शनिवार शाम को जब एक वाहन वहां पहुंचा, तो उसे रुकने का इशारा किया गया लेकिन उसने रुकने के बजाय भागने की कोशिश की. ऐसे में सेना ने संदिग्ध होने की आशंका में फायरिंग की जिसमें 6 लोग मारे गए.”

नागालैंड फायरिंग (Nagaland Firing) को लेकर गृह मंत्री अमित शाह (Home Miniser Amit Shah) ने लोकसभा में बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि सेना ने संदिग्ध समझकर गोलियां चलाई थीं. इस फायरिंग में 6 लोगों की मौत हो गई थी. अमित शाह ने कहा कि 21 पैरा कमांडो को सूचना मिली थी कि मोन जिले के तिरु इलाके में संदिग्ध विद्रोहियों की आवाजाही हो सकती है. इसी आधार पर 21 कमांडो ने संदिग्ध इलाके में घात लगाकर हमला किया. शनिवार शाम को जब एक वाहन वहां पहुंचा, तो उसे रुकने का इशारा किया गया लेकिन उसने रुकने के बजाय भागने की कोशिश की. ऐसे में सेना ने संदिग्ध होने की आशंका में फायरिंग की जिसमें 6 लोग मारे गए.

अमित शाह ने कहा, ”इस घटना के बाद स्थानीय लोगों ने 2 वाहन जलाए. सेना के एक जवान की मृत्यु हो गयी और कई घायल हो गए.” पहली घटना के बाद में एक दुसरी घटना घटी जिसमें उग्र भीड़ ने सेना को टारगेट किया प्रतिक्रिया में गोली चलानी पड़ी जिसमें 7 और लोगों की मौत हो गयी. पुलिस इस मामले पर अपने स्तर पर जांच कर रही है.

विशेष जांच टीम का गठन

उन्होंने बताया है कि घटना की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम का गठन किया गया है जो 1 महीने के अंदर जांच कर अपनी रिपोर्ट देगी. कल शाम में एक अलग घटना में नागालैंड के मौन शहर में असम राइफल पर हमले की सूचना आई और उसमें जवाबी कार्रवाई में 1 और नागरिक की मृत्यु और 1 घायल हो गया.

अमित शाह ने कहा,  इस घटना पर सेना द्वारा दुख व्यक्त किया गया है. इसकी जांच उचतम स्तर पर जांच की जा रही है सीएम और गवर्नर से मैंने बात की है. वहीं सभी एजेंसियों को कहा गया है सुनिश्चित करना चाहिए कि भविष्य में इस तरह की पुनरावृत्ति ना हो.

क्या है पूरा मामला?

सेना ने शनिवार शाम को एक पिकअप वैन में घर लौट रहे कोयला खदान कर्मियों को प्रतिबंधित संगठन NSCN (K) के युंग आंग गुट से संबंधित उग्रवादी समझ लिया था. इसी गलतफहमी में सेना ने फायरिंग कर दी जिसमे 6 लोगों की मौत हो गई.

जब मजदूर अपने घरों को नहीं लौटे, तो स्थानीय युवक और ग्रामीण उनकी तलाश में गए और सेना के वाहनों को घेर लिया. इसके बाद हुई झड़प में एक सैनिक की मौत हो गई और कई वाहन जला दिए गए. आदिवासी निकाय कोन्याक यूनियन के सदस्यों ने दावा किया कि आत्मरक्षा में सरक्षाबलों ने गोलीबारी की, जिसमें 9 और आम लोगों की मौत हो गई. हालांकि, पुलिस अधिकारियों ने कहा कि 7 नागरिकों की ही मौत हुई.

तनाव की ये स्थिति रविवार को भी जारी रही. गुस्साई भीड़ ने संघ के कार्यालयों और इलाके में असम राइफल्स के शिविर में तोड़फोड़ की और कुछ हिस्सों में आग लगा दी. यूनियन के सदस्यों के अनुसार, सुरक्षा बलों ने हमलावरों पर जवाबी गोलीबारी की, जिसमें कम से कम दो और लोग मारे गए, लेकिन पुलिस के मुताबिक इस घटना में एक ही व्यक्ति की मौत हुई.

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