MP में पंचायत चुनाव पर रोक नहीं कोर्ट ने कहा- ग्वालियर कोर्ट का आदेश रहेगा बरकरार, वरिष्ठ वकील तन्खा ने कहा- सुप्रीम कोर्ट में देंगे चुनौती

हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले में हुई सुनवाई में करीब 40 मिनट तक बहस चली। मामले में वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा ने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। पुराने आरक्षण पर त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर विभिन्न लाेगों ने याचिका के माध्यम से चुनौती दी थी। सभी याचिकाओं पर गुरुवार को एक साथ सुनवाई हुई।

हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि मलिमथ और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डबल बेंच ने ग्वालियर बेंच में जस्टिस रोहित आर्या की अध्यक्षता वाली युगलपीठ के आदेश को यथावत रखा। कोर्ट ने कहा कि जब ग्वालियर खंडपीठ ने स्टे देने से पहले ही मना कर दिया था, तो बेंच बदलने से क्या होगा? याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्य सभा सांसद विवेक तन्खा ने सुप्रीम कोर्ट में जाने की बात कही है।

संवैधानिक वैधता को दी गई थी चुनौती

मामले में पहले अधिवक्ता महेंद्र पटेरिया फिर ब्रम्हेंद्र पाठक व वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक कृष्ण तन्खा, शशांक शेखर और आखिरी में आदर्शमुनि त्रिवेदी एसोसिएट की ओर से याचिकाएं दायर की गई थीं। राज्यपाल द्वारा अध्यादेश जारी कर पंचायत अधिनियम में किए गए संशोधन की संवैधानिक वैधता काे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी।

पुराने आरक्षण संबंधी अध्यादेश को निरस्त किए नया अध्यादेश जारी कर दिया गया

दरअसल सरकार ने 2019-20 में पंचायत चुनाव का आरक्षण निर्धारित कर दिया था। इसकी अधिसूचना तक जारी हो गई थी। बिना इस पुराने अधिसूचना को निरस्त किए सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से नई अधिसूचना जारी कर दी। राज्य सरकार ने 21 नवंबर 2021 को नई अधिसूचना में आगामी पंचायत चुनाव को 2014 के आरक्षण रोस्टर के आधार पर कराने की घोषणा की है। इसी को आधार बनाकर विभिन्न याचिकाकर्ताओं ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए चुनाव पर अंतरिम रोक लगाने की मांग की थी।

इन लोगों की याचिकाओं पर हुई सुनवाई

  • वरिष्ठ अधिवक्ता शशांक शेखर ने याचिका में पंचायत चुनाव कराने को वर्षगत आधार पर चुनौती दी थी।
  • सिंगरौली के लल्ला प्रसाद ने राज्य सरकार के अधिसूचना आदेश को चुनौती दी थी।
  • नरसिंहपुर निवासी संदीप पटेल और भोपाल निवासी मनमोहन नागर ने 7 साल पुराने परिसीमन और आरक्षण पर चुनाव करवाने को चुनौती दी थी।
  • सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस लीडर विवेक तन्खा संविधान की धारा 243 C और D के उल्लंघन के आधार पर चुनौती दी थी।

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