पंचायत चुनाव; सरकारी जमीन पर कब्जा तो नहीं …. प्रत्याशियों को शपथपत्र में बताना होगा घर में टायलेट है या नहीं

पंचायत चुनाव में पंच, सरपंच से लेकर जनपद व जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों को अब शपथपत्र में बताना होगा कि उनका यहां टायलेट है या नहीं। अगर है तो वह फ्लश है या जलवाहित, इसकी जानकारी भी देनी होगी। राज्य निर्वाचन आयोग ने जारी किए गए शपथपत्र में ये बिंदु भी जोड़े हैं। दरअसल, स्वच्छता मिशन के तहत शहर की तरह गांवों को भी स्वच्छ बनाने और खुले में शौच से मुक्त कराने के उद्देश्य से जनप्रतिनिधियों के लिए यह प्रावधान जोड़ा गया है। प्रत्याशियों को यह भी बताना होगा कि उन्होंने उन्होंने सरतकारी जमीन पर किसी तरह का कब्जा तो नहीं किया है। यदि किया है तो उसका रकहा कितना है, उसकी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा प्रत्याशियों पर दर्ज अपराधों की जानकारी और ऐेसे अपराधों की जानकारी जिनमें कोर्ट द्वारा दोषी ठहराया गया है, उन सभी की जानकारी देना है। पंच व सरपंच को अपने नामांकन फॉर्म ऑफ लाइन भरने होंगे। जनपद व जिला पंचायत सदस्यों को नामांकन भरने की ऑन लाइन भरने की सुविधा रहेगी। चुनाव चिन्ह में मटका, पिचकारी, चाबी, सिलेंडर सहित गृहस्थी का पूरा सामान खास बात यह कि चुनाव में खड़े होने वाले प्रत्याशियों के लिए 120 चुनाव चिन्ह हैं। सात साल बाद निकले इन चिन्हों में पिचकारी, चाबी, सिलेंडर, कपड़े, बर्तन, खेत, स्कूल, बनियान, कमीज, फ्रॉक, कोट, तीर कमान, दो पत्तियां, सूरज, पलंग, छाता, गाडी, लालटेन, फावड़ा, बेलचा, बल्ब, सिलाई मशीन, हाथ चक्की, टेबल पंखा, स्लेट, रेडियो, हार्मोमिनियम, दो तलवार व एक ढाल, अंगूठी, बल्ला, मोमबत्तियां, कढ़ाई, सिटी, सिर पर टोकरी, औरत, लड़का-लड़की, नाव, बेंच, गैस, गैस बत्ती, गुब्बारा, मेज, कुर्सी, मोर पंख, पीपल का पत्ता, सूरजमुखी आदि हैं। आयोग ने जिला पंचायत सदस्य के लिए 39, जनपद सदस्य के लिए 23, सरपंच के 24 और पंच के 10 चिन्ह रखे हैं।

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