Uttarakhand Assembly Election 2022: कपकोट विधानसभा सीट पर भाजपा का कब्जा, जानिए यहां किसके बीच होगी टक्कर

कपकोट सीट बागेश्वर जिले में आती है. 2017 में भाजपा से बलवंत सिंह भौर्याल ने कांग्रेस के ललित फर्स्वाण को हराया था.

उत्तराखंड में आगामी विधानसभा की चुनावी तैयारियां अपने पूरे शबाब पर है. कपकोट विधानसभा सीट (Kapkot Assembly Seat) जो प्रदेश बर्फबारी वाले इलाकों में एक है. वहां भी चुनावी माहौल बेहद गर्म है. कपकोट विधानसभा पर 2017 में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. देखना होगा 2022 के चुनाव में किसकी जीत होती है. कपकोट विधानसभा (Kapkot Assembly Seat) में कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों ने जनता को बारी-बारी समय दिया है. इस सीट महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी दो बार विधानसभा पहुंचे हैं.

कांग्रेस-भाजपा दोनों को मिली सफलता

प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज हो गई है. कपकोट विधानसभा क्षेत्र (Kapkot Assembly Seat) में राज्य बनने के बाद हुए चारों विधानसभा चुनावों में से दो बार भाजपा ने जीत दर्ज किया है. तो वहीं दो बार कांग्रेस ने जीत हासिल की है. इस सीट पर कोई भी पार्टी लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत पाई है. वहीं इस सीट पर एक बार चुनाव भी हुआ है.

दिग्गज नेता की सीट रही

बागेश्वर जिले में स्थित कपकोट विधानसभा क्षेत्र (Kapkot Assembly Seat) सुरक्षित है. कपकोट क्षेत्र, महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का गृह क्षेत्र है. भगत सिंह कोश्यारी दो बार इस सीट से विधायक भी रह चुके हैं. भगत सिंह कोश्यारी के विधानसभा क्षेत्र के नाते यह सीट सुर्खियों में रही है.

कब कौन जीता

कपकोट विधानसभा सीट (Kapkot Assembly Seat) उत्तराखंड के बागेश्वर जिले में आती है. 2017 में भारतीय जनता पार्टी से बलवंत सिंह भौर्याल ने कांग्रेस के ललित फर्स्वाण को 5982 मतों के अंतर से हराया था. 2012 में कांग्रेस से ललित फर्स्वाण 22,335 मतों के साथ जीत दर्ज किया था. 2007 में भाजपा से सुरेंद्र सिंह जीना 13,615 मतों के साथ जीत दर्ज किया था. 2002 में कांग्रेस के डॉक्टर प्रताप बिष्ट ने जीत दर्ज किया था.

कुल मतदाता

कपकोट विधानसभा क्षेत्र (Kapkot Assembly Seat) में 108737 मतदाता हैं. यहां जातीय समीकरण के आधार पर देखें तो सबसे ज्यादा सवर्ण मतदाता करीब 65 प्रतिशत ब्राह्मण व क्षत्रिय हैं, जबकि 35 प्रतिशत एससी-एसटी और ओबीसी जाति के मतदाता हैं.

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