शिप्रा का पानी नहाने लायक भी नहीं ….. आठ माह से ‘डी ग्रेड’ में उज्जैन की शिप्रा का पानी; प्रदूषण विभाग की स्टडी में खुलासा
उज्जैन में मोक्षदायिनी शिप्रा नदी का पानी अब आमचन तो दूर नहाने लायक भी नहीं बता है। यहां नहाने की श्रद्धा लिए सैकड़ों-हजारों लोग पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि पानी इतना अशुद्ध है कि यह पानी नाक-कान-आंख-मुंह में जाते ही बीमार कर सकता है। प्रदूषण विभाग की स्टडी में यह खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक नदी का पानी ए से ई ग्रेड में मापा जाता है। इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शिप्रा नदी का पानी डी ग्रेड का है। यानी लगभग सबसे बुरी स्थिति में।
प्रदूषण विभाग के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. एडी संत ने बताया कि शिप्रा नदी का जल डी ग्रेड का है। इसमें सबसे ज्यादा प्रदूषण इंदौर से आ रही कान्ह नदी के कारण हो रहा है। इस नदी के माध्यम से इंदौर के इंडस्ट्रियल एरिया का वेस्ट और गंदा पानी शिप्रा में मिलता है, जबकि देवास के इंडस्ट्रियल एरिया से गुजर रही नदी का पानी भी शिप्रा में मिल रहा है। इससे भी यह प्रदूषित हो रही है। वहीं शहर में घरेलू कचरे और सीवरेज का पानी प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है।
हर महीने लेते हैं सैंपल, लॉकडाउन में उतना ही प्रदूषित निकला –
डॉ. संत ने कहा हम हर महीने शिप्रा नदी के पानी का सैंपल लेकर जांच करते हैं। ए से ई कैटेगरी में शिप्रा के पानी की रिपोर्ट डी ग्रेड में आ रही है। यही स्थिति लॉकडाउन के दौरान भी थी। उस समय हर उद्योग बंद था, लेकिन शिप्रा का उतना ही गंदा था यानी साफ है शिप्रा में डोमेस्टिक वेस्ट भी अधिक मात्रा में मिल रहा है।