Exit Polls के आंकड़ों के बाद मायावती से मिले अखिलेश, एक घंटे तक इस बात पर होती रही चर्चा

नई दिल्ली/लखनऊ: लोकसभा चुनाव का आखिरी चरण खत्म होते-होते सभी राजनीतिक दल सरकार बनाने के लिए जरूरी समीकरण बनाने की कवायद में जुट गए. सोमवार को दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी और टीडीपी चीफ एन चंद्रबाबू नायडू से मायावती की मुलाकात टलने के बाद लखनऊ में अखिलेश यादव बसपा प्रमुख मायावती से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे. जहां, दोनों के बीच करीब एक घंटे तक नई सरकार को लेकर बातचीत हुई. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि रविवार को सामने आए एग्जिट पोल्स के बाद दोनों नेताओं ने मुलाकात का ये फैसला लिया है.

एग्जिट पोल के रुझानों के बाद राजनीतिक दलों ने अपनी रणनीति बनानी भी शुरू कर दी है. वहीं, कुछ दल एक्जिट पोल्स को गलत बता रहे हैं. विपक्षियों को कहना है कि 23 मई के चुनावी नतीजों के बाद ही ये साफ होगा की देश की सत्ता एक बार फिर से किसके पास रहेगी. यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर एग्जिट पोल्स में महागठंबधन के हालात सही नहीं बताए गए हैं.

इस बात पर हुई चर्चा
बैठक में दोनों नेताओं ने सीटों की संख्या का आंकलन किया. गठबंधन के नेताओं को उम्मीद है कि यूपी की 80 सीटों में से महागठबंधन को 56 सीटों पर जीत मिलेगी. इसके साथ ही दोनों नेताओं ने सरकार बनाने के लिए विपक्षी दलों के साथ जानें पर भी चर्चा की. सूत्रों के मुताबिक, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती का अनुमान है कि 23 मई को देश का नया पीएम मिलेगा. दोनों नेता 23 मई को ममता बनर्जी और शरद पवार से बातचीत करेंगे. वहीं, कांग्रेस से मुलाकात 23 मई को नतीजे आने के बाद करेंगे. कयास लगाए जा रहे हैं कि एग्जिट पोल के आंकड़ों के बाद तीसरे मोर्चे के लिए कवायद शुरू हो गई है. बसपा का साथ पाने को सभी आतुर होते दिख रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच इसी मोर्चे को लेकर चर्चा हो रही है.

अब 24 को होगी विपक्षी दलों की बैठक
वहीं, एग्जिट पोल के दिखाए जाने के बाद दिल्ली में 21 मई को होने वाली विपक्षी दलों की बैठक को अब चुनाव नतीजों तक टाल दिया है. जानकारी के मुताबिक, अब यह बैठक 24 मई को होगा. चंद्रबाबू नायडू ने 21 मई को विपक्ष की बैठक रखने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन ज्यादातर विपक्षी दलों ने 23 के नतीजों के बाद बैठक करने पर सहमति जताई थी. अब एग्जिट पोल के सामने आने के बाद विपक्ष के प्लान में बदलाव किया गया है.

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