Delhi: नेताओं के दवाएं-ऑक्सीजन बांटने पर हाईकोर्ट सख्त, कहा- सभी लोग प्रशासन को सौंपे सारी चीजें, दिल्ली पुलिस करे जांच

हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को आदेश दिया है कि नेताओं द्वारा दवाओं की जमाखोरी से जुड़े इस मामले में गंभीरता से जांच करे और जल्द रिपोर्ट सौंपे.

कोरोना महामारी के दौरान नेताओं द्वारा दवाओं की जमाखोरी के मामले (Medicine Hoard Stock By Political Leaders) में दिल्ली हाई कोर्ट ने सख्त नाराजगी जाहिर की है. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने साफ़ कहा है कि पॉलिटिकल लीडर्स के पास दवाओं या ऑक्सीजन की जमाखोरी करने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए दिल्ली पुलिस से सवाल किया कि बीजेपी नेता गौतम गंभीर को इतनी बड़ी मात्रा में केमिस्ट से दवा का स्टॉक कैसे मिला. उन्होने कहा कि अगर नेताओं का इरादा सार्वजनिक हित का है तो उन्हें ये दवाएं DGHC को देनी चाहिए जिससे ये सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध हों और जरुरतमंद मरीजों तक पहुंच सकें.

इसके साथ ही पुलिस ने कोर्ट से इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट दाखिल करने के लिए 6 हफ्ते का समय (Police Demand 6 Weeks For Inquiry Report) मांगा, रिपोर्ट दाखिल करने के लिए लंबा समय मांगने पर दिल्ली हाई कोर्ट ने नाराजगी जाहिर की. कोर्ट ने साफ किया कि यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.कोर्ट ने कहा कि 6 हफ्ते बाद यह मुद्दा बचेगा ही नहीं. राजनीतिक दलों के पास महामारी में इस तरह से दवा जमा करने का कोई अधिकार (Leaders No Right To Collect Hoard Medicines In Pandemic) नहीं है. वो भी तब जब जरूरतमंद इसके लिए ज़्यादा कीमत चुका रहे हैं.

नेताओं को दवा जमाखोरी का अधिकार नहीं-HC

DGHC को भेजी जाएं जरूरी दवाएं-हाई कोर्ट

साथ ही कोर्ट ने उम्मीद जताई कि दिल्ली पुलिस इस मामले में सही तरीके से जांच करेगी और कहा कि महामारी के समय में राजनीतिक फायदे के लिए ज़रूरी दवाओं की जमाखोरी नहीं की जाएगी. कोर्ट ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि इन दवाओं को जरूरतमंदों को देने के लिए DGHC को भेज दिया जाएगा.

वहीं कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से ये भी कहा कि अगर लोग जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें ये अच्छी तरह से पता है कि आगे क्या करना है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को इस मामले में नए सिरे से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. मामले में अगली सुनवाई 24 मई को होगी. 24 मई तक दिल्ली पुलिस को नए सिरे से जांच कर स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करनी होगी.

हाईकोर्ट ने इस मामले में ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. दरसअल दवाओं के जमाखोरी मामले में ड्रग्स कंट्रोल एक्ट के तहत ड्रग्स कंट्रोलर को.कार्रवाई का अधिकार होता है. लेकिन उन्होंने अब तक इस मामले में कोई एक्शन क्यों नहीं लिया.

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