’70 साल का हिसाब मांगने की जगह अपने सात साल का हिसाब दे केंद्र सरकार’, प्रियंका गांधी का BJP पर हमला

जयपुर में महंगाई के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर की रैली को संबोधित करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, “सरकार को जवाबदेह बनाना आपकी जिम्मेदारी है, यह पूछना आपकी जिम्मेदारी है कि इतनी महंगाई क्यों है?”

केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने रविवार को आरोप लगाया कि 70 साल में जो कुछ भी उनकी पार्टी ने बनाया है, BJP सरकार उसे अपने उद्योगपति मित्रों को बेचना चाहती है. उन्होंने कहा कि जब चुनाव आते हैं तो BJP नेता चीन या अन्य देशों, जातिवाद, सांप्रदायिकता की बात करते हैं लेकिन लोगों के संघर्षों के बारे में नहीं. यहां उन्होंने पूछा कि मोदी सरकार ने अपने सात साल के शासन में क्या किया है?

जयपुर में महंगाई के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर की रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “सरकार को जवाबदेह बनाना आपकी जिम्मेदारी है, यह पूछना आपकी जिम्मेदारी है कि इतनी महंगाई क्यों है?” प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार देश के लोगों और किसानों की भलाई के लिए काम करने की जगह चुनिंदा उद्योगपति मित्रों के लिए काम कर रही है.

सात सालों का हिसाब दे मोदी सरकार

उन्होंने आरोप लगाया, “सरकार दो प्रकार की होती है. पहले प्रकार की सरकार का लक्ष्य जनता के प्रति सेवा, समर्पण और सच्चाई है और एक ऐसी सरकार है जिसका लक्ष्य झूठ, लालच और लूट है…वर्तमान केंद्र सरकार का लक्ष्य झूठ, लालच और लूट है.”

उन्होंने पूछा, “केंद्र की मोदी सरकार बार-बार सवाल करती है कि कांग्रेस ने 70 वर्षों में क्या किया है? मैं कहती हूं कि 70 साल की बात छोड़ो. हमें बताएं कि आपने सात साल में क्या किया है?” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने 70 साल में जो कुछ भी बनाया, उसे केंद्र सरकार उद्योगपति मित्रों को बेचना चाहती है. उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए गांधी ने आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ सरकार विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है लेकिन किसानों को खाद दिलाने में विफल रही है.

चार-पांच पूंजीपति चला रहे देश

जयपुर में आयोजित महंगाई हटाओ रैली को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने संबोधित किया. यहां उन्होंने कहा कि देश की आज जो हालत है शायद वैसी कभी रही हो. पूरा का पूरा धन चार-पांच पूंजीपतियों के हाथ में दे दिया गया है. देश के सारे शिक्षा संस्थान एक संस्थान के हाथ है. उसे देश की जनता नहीं बल्कि चार-पांच पूंजीपति चला रहे हैं और पीएम उनका साथ दे रहे हैं.

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