gwa… नया प्रयोग …. वैज्ञानिक तैयार कर रहे रंगीन आलू की प्रजाति जिंक, कैटरीन और आयरन की कमी करेगा दूर; दो साल में तैयार होगी किस्म

केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र के वैज्ञानिक रंगीन आलू की प्रजाति तैयार कर रहे हैं। इस प्रजाति के आलू में जिंक, कैटरीन और आयरन की मात्रा भरपूर होगी। यानी इस प्रजाति का आलू स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा। खासकर ऐसे लोगों के लिए जिन्हें जिंक और आयरन की पूर्ति के लिए अलग से दवाएं लेनी पड़ती हैं वे रंगीन आलू का सेवन कर इसकी पूर्ति कर सकते हैं। कोरोनाकाल में सबसे अधिक लोग जिंक की गोली खा रहे थे। आलू की रंगीन प्रजाति आने पर लोगों को आलू में ही जिंक मिल जाएगा।

अंदर से पिंक होगा आलू, अभी सफेद और पीला होता है

रंगीन आलू को काटने पर यह अंदर से पिंक कलर का दिखाई देगा। जबकि अभी जो आलू आ रहा है उसका अंदर का भाग सफेद और हल्की पीला होता है। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आलू में जिंक, आयरन और कैटरीन की मात्रा बढ़ाने के लिए मिट्टी और पौध में ही इसका शोध कर रहे हैं।

जिससे लोगों के लिए आलू स्वास्थ्य वर्धक हो सके। वैज्ञानिकों के अनुसार रंगीन आलू की प्रजाति दो साल के अंदर तैयार हो जाएगी। इसके बाद रंगीन आलू की खेती किसान भी कर सकेंगे। उन्हें इसका बीज मिलना शुरू हो जाएगा। ब्रीडर शीड तैयार करने में 4 साल का समय लगता है।

रंगीन आलू स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा, 2 साल में आ जाएगी किस्म

रंगीन आलू की प्रजाति तैयार करने के लिए अनुसंधान केंद्र में शोध कार्य किया जा रहा है। इस प्रजाति के आलू में जिंक, कैटरीन और आयरन की मात्रा मिलेगी जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा। दो साल के अंदर रंगीन आलू की प्रजाति बीज तैयार हो जाएगा, जिसके बाद किसान भी इसकी खेती कर सकेंगे। -डॉ. एसपी सिंह, केंद्र प्रमुख, केंद्रीय आलू अनुसंधान केंद्र

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