अटलजी के गांव बटेश्वर जाएंगे आज CM योगी …….लेकिन 500 मीटर दूर जहां रहते थे वहां नहीं जाएंगे; घर में 5-5 फीट की उगी हैं झाड़ियां

भारत रत्न और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की आज जयंती (25 दिसंबर) है। इस मौके पर उनके पैतृक गांव आगरा के बटेश्वर CM योगी आदित्यनाथ पहुंच रहे हैं। वे वहां 14 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। लेकिन, कार्यक्रम स्थल से महज आधा किलोमीटर की दूरी पर अटलजी का घर है। सीएम वहां नहीं जा रहे हैं। अटल की अस्थियां यमुना में प्रवाहित करने के लिए आठ सितंबर 2018 को सीएम योगी आए थे। उस समय उन्होंने कई वादे किए थे। तीन साल बाद भी योगी सरकार उन वादों को पूरा नहीं कर सकी है। अटलजी के आंगन में झाड़ियां उग आई हैं। घर में झाड़ू तक नहीं लगती।

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक आवास के आंगन में बबूल की झाड़ियां उग आई हैं।
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक आवास के आंगन में बबूल की झाड़ियां उग आई हैं।

पैतृक घर में सफाई तक नहीं हुई
सीएम के पहुंचने की तैयारी में बटेश्वर को चमकाया जा रहा है। कार्यक्रम स्थल के आसपास रात भर सफाई होती रही। वहीं, दूसरी तरफ वाजपेयी के पैतृक आवास में झाड़ू तक नहीं लगी। जहां वाजपेयी रहते थे, वहां पर कोई अधिकारी देर रात तक सुध लेने नहीं पहुंचा। अटल के पैतृक आवास में बबूल की झाड़ियां उग रही हैं। वाजपेयी के रिश्ते में भतीजे लगने वाले अश्वनी वाजपेयी ने बताया कि मुख्यमंत्री के आगमन को लेकर बटेश्वर में साफ-सफाई हो रही है। मगर, अटलजी के पैतृक निवास पर कोई अधिकारी नहीं आया। अटलजी के निधन के बाद जब सीएम योगी 8 सितंबर 2018 को उनकी अस्थियां प्रवाहित करने आए थे। तब उनके घर की साफ-सफाई हुई थी। तीन साल गुजरने के बाद कोई भी यहां नहीं आया। अब जब मुख्यमंत्री दोबारा आ रहे हैं, तब भी किसी ने आवास की साफ-सफाई की सुध नहीं ली है।

जंगलात कोठी को स्मारक बनाने की घोषणा भी पूरी नहीं हुई है।
जंगलात कोठी को स्मारक बनाने की घोषणा भी पूरी नहीं हुई है।

सरकार घोषणाएं नहीं पूरी कर सकी
अश्वनी वाजपेयी ने बताया कि 2018 में जब सीएम योगी आए थे तो उन्होंने अटल जी के पैतृक आवास का एक साल में जीर्णोद्धार कराने और इसे भव्य बनाने की घोषणा की थी। लेकिन, यह घोषणा अब तक पूरी नहीं हो सकी है। इसके अलावा जंगलात कोठी को संग्रहालय के रूप में परिवर्तित करने की बात कही गई थी। मगर, अब भी यहां कुछ नहीं बदला है। जंगलात कोठी वही जगह है, जहां सन 1942 में अटल बिहारी वाजपेयी ने महात्मा गांधी के अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन से प्रभावित होकर 300 से ज्यादा देशभक्तों के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया था।

बटेश्वर हॉल्ट को अटल स्टेशन बनाने की मांग अब भी की जा रही है।
बटेश्वर हॉल्ट को अटल स्टेशन बनाने की मांग अब भी की जा रही है।

कन्या स्कूल भी 25 किमी. दूर पहुंच गया
अश्वनी वाजपेयी ने बताया कि अटलजी की स्मृति में बटेश्वर में उनके नाम से कन्या स्कूल खोलने की घोषणा हुई थी, लेकिन यह स्कूल भी उनके गांव में नहीं खुल सका। राजनीति के चलते यह विद्यालय उनके गांव से 25 किमी. दूर चला गया है। इसके अलावा डिग्री कॉलेज खोलने की मांग भी पूरी नहीं हुई है।

हॉल्ट नहीं बन पाया स्टेशन
अटलजी ने प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए आगरा-इटावा वाया बटेश्वर रेल लाइन की आधारशिला 6 अप्रैल 1999 को रखी थी। इस रेल लाइन का उद्घाटन भाजपा सरकार में रेल मंत्री रहे मनोज सिन्हा ने 24 दिसंबर 2015 को किया था। इसके बाद उम्मीद बंधी थी कि बटेश्वर अटल स्टेशन के नाम से जाना जाएगा, लेकिन छह साल बीत जाने के बाद यह हॉल्ट अंधेरे में है। यहां पर यात्रियों के लिए कोई सुविधा नहीं है। लोगों की मांग है कि यहां पर ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों का ठहराव हो और यह अटल स्टेशन के नाम से जाना जाए।

14 करोड़ रुपए की योजना का करेंगे शिलान्यास
सीएम योगी बटेश्वर में 14 करोड़ रुपए की लागत से तीन योजनाओं का शिलान्यास करेंगे। इसमें अटल सांस्कृति संकुल भवन का निर्माण, पार्क और लाइब्रेरी है। सीएम बटेश्वर के ब्रह्मलालजी मंदिर में पूजा भी करेंगे।

पैतृक आवास से 500 मीटर दूर हो रहा कार्यक्रम
अटलजी के भतीजे ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी के पैतृक आवास से 500 मीटर दूर कार्यक्रम हो रहा है। उन्हें अभी तक कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। सुबह 11 बजे वे अटलजी के आवास पर हवन और प्रसाद वितरण करेंगे।

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