पीयूष जैन का सपा एमएलसी से संबंध नहीं ……. कानपुर में आयकर की छापेमारी पर अखिलेश ने रिट्वीट कर दी सफाई
कानपुर और कन्नौज में इत्र कारोबारी के घर और प्रतिष्ठानों पर आयकर और जीएसटी के छापे के साथ समाजवादी पार्टी का नाम जोड़ा जा रहा है। इसे लेकर सफाई देते हुए सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्विटर पर रीट्वीट किया है। उन्होंने कहा कि इस छापेमारी को सपा से कतई नहीं जोड़ा जाना चाहिए। सपा एमएलसी पम्मी जैन से पीयूष जैन का कोई संबंध नहीं है।
अखिलेश यादव ने ट्विटर पर मनीष जगन अग्रवाल के ट्वीट को रीट्वीट किया है। उसमें लिखा है कि- “शिखर पान मसाला समूह और इत्र व्यापारी पीयूष जैन के घर में छापेमारी और बरामद नकदी नोटबंदी की विफलता की कहानी बयां कर रही है। भाजपा और मीडिया पीयूष जैन और शिखर पान मसाले को सपा से जबरन जोड़कर सपा को बदनाम कर रही है। सपा एमएलसी पम्मी जैन से पीयूष जैन का कोई मतलब नहीं।
अगले ट्वीट में जगन ने लिखा है- छापे की जद में आए ये दोनों कारोबारी भाजपा से जुड़े हुए हैं और भाजपा को चंदा देते थे। भाजपा ने इस बार इनसे ज्यादा चुनावी चंदा मांगा। इन्होंने ज्यादा चुनावी चंदा देने से मना कर दिया, तो भाजपा सरकार ने इन पर रेड डालकर पैसा पकड़कर सपा से जोड़कर सपा को बदनाम करने की साजिश रची।
इस ट्वीट कि अगली कड़ी में उन्होंने लिखा- चूंकि कुछ दिन पूर्व सपा से जुड़े लोगों के यहां छापे पड़े थे। मगर, वहां से सरकार और एजेंसीज को कुछ नहीं मिला और सपा के लोग पाक साफ निकले। अतः बौखलाई भाजपा ने तुरंत यहां छापेमारी करके कैश बरामद करके इसे सपा से जोड़कर जनता को अपने दुष्प्रचार से भ्रमित करने की साजिश की है!
इस मामले में पम्मी जैन ने जब दैनिक भास्कर ने सवाल किया कि आपके परिवार पर आपकी पार्टी के लोगों पर छापेमारी की खबर मिल रही है। इस पर आप क्या कहना चाहते हैं। पम्मी जैन कने कहा कि यह हमको और समाजवादी पार्टी को बदनाम करने का काम है। पीयूष जैन न हमारे खानदानी हैं और न परिवारी हैं। उनसे हमारा कोई लेना देना है। हमारे यहां भी कोई छापेामारी नहीं हो रही है, यदि हो रही होती तो मैं आपसे बात नहीं कर पाता। ये भ्रामक खबरें हैं।
बता दें कि पिछले हफ्ते चार दिनों तक समाजवादी पार्टी के करीबी लोगों के परिसरों पर छापेमारी की गई थी। लखनऊ, मैनपुरी, मऊ, कोलकाता, बैंगलोर और एनसीआर सहित 30 स्थानों पर छापे मारे गए। इसमें टीम को करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी करने की बात कही गई थी। इसमें आयकर विभाग ने करोड़ों की अघोषित आय मिलने पर संदेह जताया था।
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले कारोबारियों पर आयकर विभाग की तरफ से लगातार छापेमारी की जा रही है। इसमें लखनऊ, मैनपुरी, कोलकाता, बेंगलुरु में एक व्यापारी के घर छापेमारी को समाजवादी पार्टी से जोड़ा जा रहा था।