31 दिसंबर तक फाइल करना है ITR … रिटर्न फाइल करने से आसानी से मिलता है लोन और खुद का बिजनेस शुरू करने में भी मिलती है मदद

साल 2020-2021 के लिए आपको 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना है। ITR फाइल करने के कई फायदे होते हैं। इससे लोन मिलने में आसानी रहती है। इसके अलावा अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं और ITR फाइल नहीं करते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। सीए अभय शर्मा आपको ITR फाइल करने के फायदे, फाइल न करने के नुकसान, ITR किसे फाइल करना चाहिए और इसे कैसे फाइल करना है, ये बता रहे हैं।

इन 4 लोगों के लिए ITR फाइल करना जरूरी
वैसे तो जिनका भी पैन नंबर आ गया है उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना चाहिए, लेकिन प्रोविजन के मुताबिक 4 तरह के लोगों के लिए ITR फाइल करना जरूरी होता है।

इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के मिलते हैं दो ऑप्शन
ITR फाइल करने के 2 ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल, 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं।

ITR फाइल नहीं करने पर लगेगा जुर्माना
अगर आपकी कुल आय 2.5 लाख से ज्यादा है और आप 31 दिसंबर तक इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं करते हैं तो आपको कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। समय रहते ITR फाइल न करने से न केवल पेनल्टी देनी पड़ सकती है, बल्कि समय पर ITR फाइल नहीं करने के कई और नुकसान भी हैं…

  • देना पड़ सकता है जुर्माना: निर्धारित तारीख तक ITR दाखिल नहीं करने पर आपको 5 हजार रुपए तक का भारी जुर्माना चुकाना पड़ सकता है।
  • नोटिस आने का डर नहीं रहेगा: समय पर ITR दाखिल नहीं करने पर आयकर विभाग से आपको नोटिस मिल सकता है।
  • ब्याज की बचत: यदि किसी करदाता ने एडवांस टैक्स नहीं चुकाया है या अपनी देनदारी के 90% से कम चुकाया है तो उसे सेक्शन 234ए के तहत 1% प्रति माह का ब्याज पेनल्टी के रूप में चुकाना होगा। अगर समय पर रिटर्न दाखिल करते हैं तो देय आयकर पर लगने वाले ब्याज की बचत कर सकते हैं।
  • नुकसान कैरी फॉरवर्ड: नुकसान को आगे के वित्त वर्षों के लिए कैरी फारवर्ड नहीं कर सकेंगे। यानी अगले वित्त वर्षों में आप अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम नहीं कर सकेंगे।
  • नहीं मिलती कोई छूट: इससे आयकर कानून की धारा-10A और धारा-10B के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती हैं। वहीं, धारा-80IA, 80IAB, 80IC, 80ID और 80IE के तहत मिलने वाली छूट भी आपको नहीं मिलेंगी। इसके अलावा देरी से ITR फाइल करने के कारण करदाता को आयकर कानून की धारा-80IAC, 80IBA, 80JJA, 80JJAA, 80LA, 80P, 80PA, 80QQB और 80RRB के तहत मिलने वाले डिडक्शन का लाभ भी नहीं मिलेगा।

ITR भरने पर ही मिलता है टैक्स रिफंड
अगर आप इनकम टैक्स के दायरे में नहीं भी आते हैं तब भी आपको रिटर्न फाइल करना चाहिए। अगर आप ITR फाइल करते हैं, तो इससे आपको कई फायदे होते हैं। ये हैं ITR भरने के फायदे…

  • टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए: टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR दाखिल करना जरूरी है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है। अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।
  • वीजा के लिए जरूरी: कई देशों की वीजा अथॉरिटीज वीजा के लिए 3 से 5 साल का ITR मांगते हैं। ITR के जरिए वे चेक करते हैं कि जो आदमी उनके देश में आना चाहता है कि उसका फाइनेंशियल स्टेटस क्‍या है।
  • इनकम का रहता है प्रूफ: ITR फाइल करने पर एक प्रमाण पत्र मिलता है। जब भी ITR दाखिल होता है तब उसके साथ फॉर्म 16 भरा जाता है, फॉर्म 16 वहां से मिलता है जहां व्यक्ति नौकरी कर रहा है। इस तरह एक सरकारी तौर पर प्रमाणिक कागजात हो जाता है जिससे यह साबित होता है कि व्यक्ति की इतनी रुपए सालाना नियत आय है। आय का रजिस्टर्ड प्रमाण मिलने से क्रेडिट कार्ड, लोन या खुद की क्रेडिट साबित करने में मदद होती है।
  • बैंक लोन मिलने में आसानी: ITR आपकी इनकम का प्रूफ होता है। इसे सभी सरकारी और प्राइवेट संस्‍थान इनकम प्रूफ के तौर पर स्‍वीकार करते हैं। अगर आप नियमित तौर पर ITR फाइल करते हैं तो आपको बैंक से आसानी से लोन मिल जाता है।
  • एड्रेस प्रूफ के रूप में भी आती है काम: ITR रसीद आपके पंजीकृत पते पर भेजी जाती है, जो एड्रेस प्रूफ के रूप में काम कर सकती है। इसके अलावा यह आपके लिए इनकम प्रूफ का भी काम करती है।
  • खुद का बिजनेस शुरू करने के लिए जरूरी है ITR: अगर आप खुद का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो ITR भरना बहुत जरूरी है। इसके अलावा अगर आप किसी विभाग के लिए कॉन्ट्रैक्ट हासिल करना चाहते हैं तो आपको ITR दिखाना पड़ेगा। किसी सरकारी विभाग में कॉन्ट्रैक्ट लेने के लिए भी पिछले 5 साल का ITR देना पड़ता है।
  • ज्यादा बीमा कवर के लिए बीमा कंपनियां मांगती हैं ITR: अगर आप एक करोड़ रुपए का बीमा कवर (टर्म प्लान) लेना चाहते हैं तो बीमा कंपनियां आपसे ITR मांग सकती हैं। वास्तव में वे आपकी आय का स्रोत जानने और उसकी नियमितता परखने के लिए ITR पर ही भरोसा करती हैं।

कैसे फाइल कर सकते हैं इनकम टैक्स रिटर्न?

  1. सबसे पहले इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल साइट https://eportal.incometax.gov.in/iec/foservices/#/login पर जाएं।
  2. उसके बाद अपना यूजर आईडी भरें और फिर Continue पर क्लिक करें, जिसके बाद अपना पासवर्ड डालें और लॉगिन करें। अगर पासवर्ड याद नहीं है तो Forgot Password के जरिए नया पासवर्ड बना सकते हैं।
  3. लॉगिन करने के बाद के एक पेज ओपन होगा, जहां आप e-file पर क्लिक करें। उसके बाद File Income Tax Return ऑप्शन को सिलेक्ट करें।
  4. जिसके बाद असेसमेंट ईयर 2021-22 को सिलेक्ट करें और फिर continue करें।
  5. इसके बाद आपको Online और Offline के लिए ऑप्‍शन मिलेगा। इसमें आप Online को सिलेक्ट करें और ‘पर्सनल’ ऑप्‍शन को चुनें।
  6. फिर आप ITR-1 या ITR-4 में से किसी एक ऑप्शन को चुनें और continue करें।
  7. अगर आप सैलरीड हैं तो फिर ITR-1 को सिलेक्ट करें। उसके बाद आपके सिस्टम पर फॉर्म डाउनलोड हो जाएगा। फिर ‘Filling Type’ में जाकर 139(1)- Original Return सिलेक्ट करें।
  8. इसके बाद आपके सामने सिलेक्ट किया गया फॉर्म खुल जाएगा, जिसमें सभी मांगी गई जानकारियां भरें और सेव करते रहें। इसमें बैंक खाते की डिटेल सही से भरें।
  9. अगर आप ऊपर OFFLINE मोड सिलेक्ट करते हैं तो फिर डाउनलोड फॉर्म में सभी जानकारियां भरने के बाद आपको Attach File का ऑप्शन नजर आएगा, जहां अपने फॉर्म को अटैच करें।
  10. फाइल को अटैच करने के बाद, साइट फाइल को वैलिडेट यानी सत्यापित कर देगी और वैलिडेशन के बाद “Proceed To Verification” पर क्लिक करें।
  11. इस तरह से कुछ ही मिनटों के भीतर आपका रिटर्न फाइल हो जाएगा और अब आप अपने रिटर्न को वैरिफाई करने के लिए E-Verification कर सकते हैं।

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