MP में 24 IPS के स्थानांतरण …. भोपाल ACP अतुलकर 22 की उम्र में IPS बने, इंदौर ACP हिंगणकर ने नशामुक्ति, सामुदायिक पुलिसिंग में किया उत्कृष्ट काम
राज्य सरकार ने मंगलवार को 24 आईपीएस अफसरों के तबादला आदेश जारी किए। इसमें भोपाल के एडिशनल सीपी इरशाद वली को प्रभारी आईजी ग्रामीण जोन भोपाल का जिम्मा दिया गया है। सचिन अतुलकर को एडिशनल सीपी भोपाल बनाया गया है। इसी तरह आरके हिंगणकर को इंदौर एडिशनल सीपी बनाया गया है। यह दोनों अपने-अपने शहर के (डीआईजी) कहलाएंगे। दोनों पुलिस कमिश्नर को रिपोर्टिंग करेंगे। बता दें, 9 दिसंबर को दोनों शहरों में कमिश्नर सिस्टम लागू होने के बाद से कई पद खाली थे। अब इन्हीं पदों पर अधिकारियों को पदस्थ किया गया है। एडिशनल सीपी इरशाद वली को हटाने के पीछे की वजह उनका प्रमोशन है। वह 30 दिसंबर को होने वाली डीसीपी में प्रमोट होकर आईजी हो जाएंगे।
22 साल की उम्र में बने IPS
भोपाल में जन्मे सचिन काफी शांत स्वभाव वाले अधिकारी हैं। संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा 2007 में उन्होंने 258वां स्थान हासिल किया था। वे उस समय केवल 22 साल की आयु में ही IPS बन गए थे। आम लोग इनसे मिल कर अपनी बातों को इनके सामने रख सकते हैं। वह उनकी बातों को बड़ी शालीनता से गौर भी करते हैं। अतुलकर को घोड़े की सवारी करना काफी पसंद है। उन्होंने अपनी ट्रेनिंग के दौरान इसमें गोल्ड मेडल भी हासिल किया हुआ है।
ड्यूटी के अलावा सचिन रोजाना के टाइम को इस प्रकार से व्यतीत करते हैं
1 Day – चेस्ट और ट्राइशेप exercise करते हैं।
2 Day – बैक और ट्राइशेप की exercise करते हैं।
3 Day – कार्डियो की भी exercise को शामिल करते हैं।
4 Day – लेग्स के लिए Stretching और Relaxing करते हैं।
5 Day – कार्डियो exercise करते हैं।
6 Day – इस दिन अपने body के सबसे Weak Part को कुछ समय देते हैं।
7 Day – इस दिन कुछ नहीं करते, Mind और body को relax देते हैं।
लोगों की समस्या मौके पर निपटाने के लिए चर्चित हैं हिंगणकर
20 अक्टूबर 1964 को महाराष्ट्र के अमरावति जिले के सुरजी गांव में जन्मे राजेश हिंगणकर ने 1988 में एमपी पीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। हिंगणकर 2006 में आईपीएस बने। वर्ष 2008 से 2009 एडीशनल एसपी क्राइम इंदौर रहे। इसके बाद 2009 से 2010 तक एसपी एटीएस इंदौर रहे। इस कार्यकाल में उन्होंने सिमी आतंकवादी अमजद, युनुस, शफीक, फिरोज को पकड़ा। ये वे आतंकवादी थे जिन्होंने एटीएस पर हमला किया था। चित्रकूट, सतना में रहने के दौरान ददुआ डकैत के खिलाफ आपरेशन चलाया। गिरोह के दो सदस्यों का एनकांउटर किया। इंदौर में पदस्थपना के दौरान नारकोटिक्स में बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 करोड़ रुपए की स्मैक पकड़ी थी। हिंगणकर ने इंदौर के गोविंदराम सेकसरिया इंस्टीयूट ऑफ टेक्नालॉजी एंड साइंस कॉलेज से पढ़ाई की। वह नशा मुक्ति, सामुदायिक पुलिसिंग के लिए जाने जाते हैं। मौके पर ही समस्या का निरीकरण करने में भरोसा रखते हैं।
भोपाल-इंदौर को यह अधिकारी मिले-अधिकारी के नाम नवीन पदस्थापना के साथ
- राकेश गुप्ता आईजी, इंदौर (देहात जोन)
- इरशाद वली प्रभारी आईजी, भोपाल(देहात)
- संजय तिवारी प्रभारी आईजी, गुप्तवार्ता, पुलिस मुख्यालय
- आरके हिंगणकर एसीपी( अपराध व मुख्यालय) इंदौर
- मिथलेश कुमार शुक्ला डीआईजी रीवा रेंज
- सचिन अतुलकर एसीपी( कानून, व्यवस्था) भोपाल
- अतुल सिंह सेनानी 7वीं वाहिनी भोपाल
- महेश चंद्र जैन डीसीपी( ट्रैफिक) इंदौर
- निमिष अग्रवाल डीसीपी( क्राइम) इंदौर
- राजेश कुमार सिंह डीसीपी जोन-4 इंदौर
- विनीत कुमार डीसीपी( मुख्यालय) भोपाल
- धर्मेंद्र सिंह भदौरिया डीसीपी (जोन-3) इंदौर
- विजय खत्री डीसीपी (जोन-4) भोपाल
- भगवत सिंह बिरदे एसपी, इंदौर देहात
- किरणलता केरकेट्टा एसपी, भोपाल देहात
- रियाज इकबाल डीसीपी (जोन-3) भोपाल
- संपत उपाध्याय डीसीपी( जोन-2) भोपाल
- आशुतोष बागरी सेनानी 17वीं वाहनी, भिण्ड
- रजत सक्लेचा डीसीपी( आमसूचना-सुरक्षा) इंदौर
- अमित तोलानी डीसीपी (जोन-1) इंदौर
- अमित कुमार डीसीपी( अपराध) भोपाल
- हंसराज डीसीपी (ट्रैफिक) भोपाल
- श्रद्धा तिवारी डीसीपी (जोन-4) भोपाल
- विजय भागवानी डीसीपी(आमसूचना- सुरक्षा) भोपाल