वैष्णो देवी मंदिर हादसे में खुलासा …..चश्मदीद का दावा- CRPF ने VIP की क्रॉसिंग करवाने के लिए लोगों को डंडों से डराया था, इससे भगदड़ मच गई; 12 श्रद्धालुओं की मौत
जम्मू कश्मीर स्थित माता वैष्णो देवी भवन में शनिवार रात करीब ढाई बजे भगदड़ मच गई। लोग एक दूसरे को रौंदते हुए दौड़ने लगे। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। मृतकों में हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के 8 लोगों की पहचान हो गई है। हादसे के कारणों की जांच के लिए केंद्र और राज्य सरकार ने आदेश दिए हैं।

इसी बीच हादसे को सबसे नजदीक से देखने वाले हिमांशु अग्रवाल ने बताया कि वह हरियाणा में पानीपत के खैल बाजार का रहने वाला है। वह अपने दोस्त राघव, हिमांशु शर्मा, जतिन और भारत के साथ दो दिन पहले वैष्णो देवी दर्शन के लिए गया था।
वह दर्शन करके लौट रहे थे। रात करीब ढाई से पौने तीन बजे का समय होगा। दर्शन करने जाने वाले और दर्शन करके वापस आने वाले सभी लोगों की भीड़ चेक पोस्ट 3 के नजदीक जमा हो गई। अब यहां से न ही आने का रास्ता बचा और न ही जाने का रास्ता बचा था।
मगर वहां व्यवस्था संभाल रहे CRPF जवानों ने बहुत ही गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाया। भीड़ को थोड़ा-थोड़ा आगे-पीछे करने के बजाय उन्होंने डंडों से लोगों को डराना और धमकाना शुरू कर दिया। वे डराते धमकाते हुए बोल रहे थे कि किसी VIP को आना है, उन्हें दर्शन करवाने हैं, रास्ता जल्दी खाली करो। मगर जवानों ने यह नहीं देखा कि वहां मूवमेंट की बिल्कुल भी जगह नहीं थी। फिर भी डर की वजह से लोग वहां से तेजी से आगे-पीछे होने लगे। हम भी उसी लाइन में थे, जहां से लोगों की सबसे पहले मूवमेंट हुई थी।

मेरे आगे ही एक व्यक्ति नीचे गिर गया, जिसे उठाने का प्रयास करने वाले दूसरे व्यक्ति को पीछे से धक्का लगा और वह भी नीचे गिर गया। नीचे गिरते ही एक के बाद एक वहां लोग CRPF के डर से भागने लगे और भगदड़ मच गई। मैं और मेरे दोस्त खंभों पर चढ़ गए।
करीब 15 मिनट तक वहां भगदड़ का माहौल रहा। इसके बाद मौके पर CRPF की और टीमें पहुंचीं और व्यवस्था अनुसार लोगों को निकालने लगे। कुछ माहौल ठीक होने पर हम खंभों से नीचे उतरे और राहत की सांस ली।