आज का इतिहास:देश की पहली महिला टीचर का जन्म, लड़कियों के लिए खोले 18 स्कूल, जीवन भर महिलाओं के अधिकारों के लिए लड़ीं

आज ही के दिन 1831 में देश की पहली महिला टीचर सावित्रीबाई फुले का जन्म महाराष्ट्र के सतारा के नायगांव में एक किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने महिलाओं की स्थिति में सुधार लाने में अहम भूमिका निभाई और भारत में महिला शिक्षा की अगुआ बनीं।

सावित्रीबाई फुले को भारत की सबसे पहली आधुनिक नारीवादियों में से एक माना जाता है। 1840 में महज नौ साल की उम्र में सावित्रीबाई का विवाह 13 साल के ज्योतिराव फुले से हुआ था। उन्होंने बाल विवाह और सती प्रथा जैसी बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाई।

महिला शिक्षा पर था जोर, लड़कियों के खोले थे 18 स्कूल

अपने पति ज्योतिराव के साथ मिलकर उन्होंने महिला शिक्षा पर बहुत जोर दिया। देश में लड़कियों के लिए पहला स्कूल साावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिराव ने 1848 में पुणे में खोला था। इसके बाद सावित्रीबाई और उनके पति ज्योतिराव ने मिलकर लड़कियों के लिए 17 और स्कूल खोले।

1998 में भारतीय डाक विभाग ने सावित्रीबाई फुले पर एक डाक टिकट जारी किया था
1998 में भारतीय डाक विभाग ने सावित्रीबाई फुले पर एक डाक टिकट जारी किया था

सावित्रीबाई न केवल महिलाओं के अधिकारों के लिए ही काम नहीं किया, बल्कि वह समाज में व्याप्त भ्रष्ट जाति प्रथा के खिलाफ भी लड़ीं। जाति प्रथा को खत्म करने के अपने जुनून के तहत उन्होंने अछूतों के लिए अपने घर में एक कुआं बनवाया था। सावित्रीबाई न केवल एक समाज सुधारक थीं, बल्कि वह एक दार्शनिक और कवयित्री भी थीं। उनकी कविताएं अधिकतर प्रकृति, शिक्षा और जाति प्रथा को खत्म करने पर केंद्रित होती थीं।

विधवाओं, रेप विक्टिम के लिए उठाए कदम

प्रेग्नेंट रेप विक्टिम की दयनीय स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर ऐसी पीड़िताओं के लिए ”बालहत्या प्रतिबंधक गृह” नाम से एक देखभाल केंद्र खोला। विधवाओं के दुखों को कम करने के लिए उन्होंने नाइयों के खिलाफ एक हड़ताल का नेतृत्व किया, ताकि वे विधवाओं का मुंडन न कर सकें, जो उस समय की एक प्रथा थी।

बच्चों को पढ़ाई करने और स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए उन्होंने एक अनोखा प्रयास किया। वह बच्चों को स्कूल जाने के लिए उन्हें वजीफा देती थीं। ऐसे वक्त में जब देश में जाति प्रथा अपने चरम पर थीं, तो उन्होंने अंतरजातीय विवाह को बढ़ावा दिया। उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर ‘सत्यशोधक समाज’ की स्थापना की, जो बिना पुजारी और दहेज के विवाह आयोजित करता था।

1897 में पुणे में प्लेग फैला था और इसी महामारी की वजह से 66 वर्ष की उम्र में सावित्रीबाई फुले का 10 मार्च 1897 को पुणे में निधन हो गया था।

महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा
महाराष्ट्र के औरंगाबाद में ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले की प्रतिमा

मुसोलिनी बना था इटली का तानाशाह

आज ही के दिन मुसोलिनी ने 1925 में खुद को इटली का तानाशाह घोषित कर दिया था। मुसोलिनी इटली की नेशनल फासिस्ट पार्टी का नेता था। वह 1922 से लेकर 1943 तक लगातार 21 सालों तक इटली के प्रधानमंत्री पद पर रहा।

मुसोलिनी ने अपने कार्यकाल के शुरुआती वर्षों में लोकतंत्र की इज्जत करते हुए शांतिपूर्वक शासन किया। उस वक्त उसे जनता का पूरा समर्थन हासिल था, लेकिन जैसे ही मुसोलिनी ने तानाशाही शुरू की, जनता का जीवन मुश्किल होना शुरू हो गया और धीरे-धीरे इटली की जनता उसके खिलाफ हो गई।

मुसोलिनी की मौत के बाद इटली की जनता ने उसके शव की दुर्गति की थी
मुसोलिनी की मौत के बाद इटली की जनता ने उसके शव की दुर्गति की थी

मुसोलिनी और जर्मनी के तानाशाह एडोल्फ हिटलर की दोस्ती भी इतिहास में प्रसिद्ध है। इसकी बानगी दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान भी देखे को मिली थी, जब उस युद्ध में मुसोलिनी ने हिटलर का साथ दिया था। इसी वजह से 25 जुलाई 1943 को इटली के राजा ने मुसोलिनी की सरकार को बर्खास्त कर दिया था।

दूसरे विश्व युद्ध के दौरान 1945 में जब जर्मनी की हार तय हो गई तो मुसोलिनी ने स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश की, लेकिन उसे, उसके कुछ साथियों और प्रेमिका क्लारेटा पेटाची के साथ पकड़ लिया गया। 28 अप्रैल 1945 को मुसोलिनी और उसकी प्रेमिका को गोली मार दी गई। गोली मारने के बाद उनके शव को उल्टा लटका दिया गया।

कहा जाता है इटली की जनता मुसोलिनी से इस कदर तंग आ चुकी थी कि उसकी और उसकी प्रेमिका की लाश पर लोगों ने थूका, लात-घूंसे मारे और उनके शव पर चढ़कर कूदे। पूरे दिन उनके शव मिलान में पड़े रहे। अगले दिन उन्हें किसी गुमनाम जगह दफना दिया गया।

भारत और दुनिया में 3 जनवरी की महत्वपूर्ण घटनाएं :

  • 2015 : नाइजीरिया के पूर्वोत्तर शहर बागा में आतंकवादी संगठन बोको हराम के हमले में लगभग 2000 लोगों की मौत।
  • 2014 : अल कायदा के आतंकवादियों ने इराक के फालुजा में पुलिस मुख्यालय को नुकसान पहुंचाया और इलाके को अपने कब्जे में बताते हुए उसके एक स्वतंत्र क्षेत्र होने का ऐलान किया।
  • 2005 : USA ने तमिलनाडु में सुनामी पीड़ितों को साफ पानी मुहैया कराने के लिए 6.2 करोड़ रुपए की मदद का ऐलान किया।
  • 2004 : मिस्र की एविएशन कंपनी फ्लैश एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान 604 के दुर्घटनाग्रस्त होने से उसमें सवार सभी 148 लोग मारे गए।
  • 2004 : अमेरिकी अंतरिक्ष यान रोवर स्पिरिट मंगल गृह पर उतरा।
  • 2001 : हिलेरी क्लिंटन ने न्यूयार्क के सीनेटर के तौर पर शपथ ग्रहण किया। वह देश के इतिहास में पहली पूर्व प्रथम महिला हैं, जिन्होंने चुनावी विजय हासिल की।
  • 1977: स्टीव जॉब्स और स्टीव वोज्नियाक ने एपल की स्थापना की। बाद में ये दुनिया की सबसे वैल्युएबल कंपनियों में से एक बनी।
  • 1969: मशहूर फॉर्मूला वन कार रेसर माइकल शूमाकर का जन्म हुआ। शूमाकर ने रिकॉर्ड सात बार फॉर्मूला वन रेस जीती। बाद में लुइस हेमिल्टन ने उनके रिकॉर्ड की बराबरी की।
  • 1938 : अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी रूजवेल्ट ने पोलियो की बीमारी का इलाज ढूंढने के लिए एक फाउंडेशन की स्थापना की। रूजवेल्ट 1921 में इस बीमारी की चपेट में आए थे।
  • 1880 : ‘इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया’ का पहला अंक बम्बई (अब मुंबई) में प्रकाशित हुआ।
  • 1836 : मुंशी नवल किशोर का जन्म हुआ। उन्होंने पांच हजार से ज्यादा किताबें अलग-अलग भाषाओं में पब्लिश कीं।

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