Medicine: CDSCO को दवाओं के निर्माण से जुड़े नियमन का जिम्मा सौंपने का प्रस्ताव, जानें नए बिल में क्या है?

केंद्र ने प्रस्ताव दिया है कि राज्य औषधि नियामकों की बजाय देश की शीर्ष दवा नियामक संस्था सीडीएससीओ को दवाओं व सौंदर्य प्रसाधनों के विनिर्माण से जुड़े नियमन के लिए सशक्त किया जाए। हालांकि नए ड्रग्स, मेडिकल डिवाइसेज एंड कॉस्मेटिक्स बिल, 2023 के संशोधित मसौदे के अनुसार दवाओं, सौंदर्य प्रसाधनों और चिकित्सा उपकरणों की बिक्री को संबंधित राज्य सरकारों की ओर से विनियमित किया जाना जारी रहेगा। उपरोक्त बिल 1940 के मौजूदा ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट में बदलाव के लिए लाया गया है।

विधेयक के मसौदे के अनुसार ई-फार्मेसी संचालित करने की अनुमति लेने के प्रावधान को हटा दिया गया है और इसकी जगह कहा गया है कि केंद्र सरकार अधिसूचना के जरिए ऑनलाइन माध्यम से किसी भी दवा की बिक्री, भंडारण, प्रदर्शन या बिक्री या वितरण को विनियमित या प्रतिबंधित कर सकती है। नए औषधि, चिकित्सा उपकरण और प्रसाधन सामग्री विधेयक के मसौदे को पिछले साल जुलाई में सार्वजनिक किया गया था और हितधारकों से प्रतिक्रिया मांगी गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) को  विधेयक के मसौदे पर हितधारकों से कई टिप्पणियां मिलीं, जिसे मंत्रालय की ओर से तदनुसार संशोधित किया गया और अंतर-मंत्रालयी परामर्श के लिए भेजा गया।

विधेयक के मसौदे पर चल रहे विचार-विमर्श के दौरान सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग ने राज्य नियामकों के बजाय दवाओं और सौंदर्य प्रसाधनों के लिए सीडीएससीओ को  विनिर्माण लाइसेंस जारी करने की शक्तियां देने के नए प्रावधान का समर्थन किया है।

नीति आयोग की ओर से कहा गया है कि यह कदम कानून के समान और प्रभावी कार्यान्वयन को सुनिश्चित करेगा। इसका अर्थ है कि केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण के साथ सभी विनिर्माण शुल्कों को आराम देने की दिशा में एक बड़ा बदलाव होगा।

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