अलग-अलग पूछताछ की तो खुला लखीमपुर खीरी का षड्यंत्र…….
मंत्री का बेटा गाड़ी में था स्थानीय लोगों ने भी बताई एसआईटी को हकीकत, पढ़िए जार्चशीट में क्या-क्या है….
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी कांड की चार्जशीट 90 दिन बाद 27 सदस्यीय टीम ने करीब 1500 सवालों के साथ तैयार किया है। सबसे अहम बात यह सामने आई जिसमें यह स्पष्ट हो गया घटना के समय केन्द्रीय मंत्री का बेटा आशीष मिश्र मोनू गाड़ी में मौजूद था। एसआईटी के सूत्र बताते है कि, आशीष मिश्र मोनू के साथ घटना में शामिल लोगों से जब अलग-अलग पूछताछ की गई। उसमें सबने अलग-अलग कहानी बताई। इसके बाद आरोपियों के साथ घटना स्थल पर रिक्रेशन भी कराया गया। इस रिक्रेशन के बाद फिर से मंत्री के बेटे से पूछताछ की गई। इस पूछताछ में मंत्री के बेटे ने स्वीकार की है। एसआईटी को दो वीडियों ऐसे मिले जिसमें मंत्री के बेटे की भूमिका तिकुनियां कांड में रहने की पुष्टी हो गई। एसआईटी की टीम के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर बताया क्या-क्या एविडेंस मिले।
10 प्वाइट में सझिए एसआईटी को क्या मिले साक्ष्य – आशीष मिश्र मोनू तिकुनियां कांड के समय दंगल के कार्यक्रम में नहीं मौजूद रहे। न ही इसका कोई भी वीडियों मोनू एसआईटी सामने पेश कर पाए। -आशीष मिश्र और अन्य गिरफ्तार सभी के मोबाइल लोकेश एक ही जगह मिली। इससे यह पुख्ता हो गया घटना के समय सभी एक साथ थे। -एसआईटी की रिमांड के समय आशीष मिश्र और अन्य आरोपियों से पहले अलग-अलग बयान दिए। जिससे सभी के बयान अलग मिले। -तीन गाड़ियों में से एक गाड़ी में आशीष की होने की पुष्टी हुई। इसमें सबसे बड़ा एविडेंस मोबाइल की लोकेशन की वजह से साफ हो पाई। -अन्य आरोपियों ने आशीष को लेकर बयान दिए। इसमें यह बात स्वीकार की वह आशीष के कहने पर उनके साथ तिकुनियां की तरफ गए। -रिक्रेशन में अन्य आरोपियों ने अपनी लोकेशन और स्थिति तो बताई लेकिन आशीष अपनी लोकेशन को लेकर पुलिस टीम को गुमराह करते रहे। -आशीष ने मामा वीरेन्द्र को हर उस जगह भेजा और साक्ष्य एविडेंस मिटाने के लिए प्रयोग किया। अन्य आरोपियों ने मामा को लेकर बयान भी दर्ज कराया है। -गांव के लोगों एसआईटी की टीम को पूरी घटना के बारे में बताया है। जिसके बाद एसआईटी ने पूरी कड़ियां जोड़ना शुरु कर दिया।
मामा ने साक्ष्य मिटाने बनवीर गांव और तिकुनियां तक घटना के बाद पहुंचे सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार वीरेन्द्र शुक्ला को एसआईटी ने जो 14वां आरोपी बनाया गया है। वह आशीष मिश्र टेनी के मामा है। एसआईटी को साक्ष्य मिले कि, वीरेन्द्र शुक्ला घटना के बाद तिकुनियां क्षेत्र और बनवीर पुर गांव पहुंचे। वहां पर पहुंचकर सबसे पहले उन्होंने उस इलाके में लगे कैमरे को हटाने की कोशिश की। गाड़ियां जलाए जाने के बाद वहां के साक्ष्य मिटाने का प्रयास मामा वीरेन्द्र शुक्ला ने किया। इसके बाद जो कारतूस मिली उस कारतूस को दूसरा बताने की कहानी बनाई है। वीरेन्द्र शुक्ला ने एसआईटी के सामने पेश होने से पहले आशीष के मोबाइल और अन्य ऐसे उपकरण गायब कर दिए जो उसकी मौजूदगी की पुष्टी होती।
80 किसान, 140 स्थानीय लोगों के हुए बयान सूत्र बताते है कि, एसआईटी की टीम ने 80 किसान के बयान दर्ज किये है। इसके अलावा बनवीर पुर गांव से लेकर घटना स्थल के 140 स्थानीय लोगों के बयान दर्ज किये है। इस बयान में पूरे घटना के बारे में अलग-अलग सवालों के जबाव एसआईटी जानने की कोशिश की है। घटना स्थल पर मौजूद 80 किसानों ने पूरे घटनाक्रम को बताया है। बनवीर गांव में केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी और उसके बेटे के घर से लेकर दंगल के रास्ते तक में आने वाले लोगों से एसआईटी ने पूछताछ की। इस पूछताछ में एसआईटी को यह बात मिली कि, दंगल के बाद जब तीन गाड़ियों से मंत्री के बेटे आशीष मोनू तिकुनियां की तरफ गया। उस पूरे घटना को लेकर गांव के लोगों के बयान दर्ज हुए।