इंदौर .. ट्रैफिक सुधार की स्मार्ट कोशिश ,,50 चौराहों पर 3 से 4 माह में लगेंगे कैमरे, ट्रैफिक का फ्लो देख कंट्रोल रूम से बदल सकेंगे सिग्नल टाइमिंग, इससे जाम नहीं लगेगा

स्मार्ट सिटी ने इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के टेंडर जारी कर दिए हैं। 46 करोड़ के टेंडर 8 फरवरी को खोले जाएंगे। दो से तीन महीने में यह सिस्टम पूरी तरह शुरू कर दिया जाएगा। फायदा यह होगा कि 50 चौराहों पर ट्रैफिक फ्लो की जानकारी कंट्रोल रूम में बैठकर देखी जा सकेगी। जिस हिस्से में जाम लगने के हालात बनेंगे, वहां के सिग्नल की टाइमिंग बदलकर ट्रैफिक कंट्रोल कर सकेंगे।

ये चौराहे अब सीधे पुलिस के नियंत्रण में होंगे

स्मार्ट सिटी सीईओ ऋषव गुप्ता ने बताया 50 चौराहों पर कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें लक्ष्मीबाईनगर, टाटा स्टील, रामचंद्रनगर, मूसाखेड़ी, सिंधी कॉलोनी, बॉम्बे हॉस्पिटल, पल्हरनगर, पत्रकार चौराहा, बड़ा गणपति, आईटी पार्क, रेडिसन, एमआर-9 रोबोट, खजराना, बंगाली, एग्रीकल्चर कॉलेज, श्रीमाया, छावनी, टॉवर, पलसीकर, महूनाका, गुरुद्वारा इमली साहेब, नंदलालपुरा, मृगनयनी, कोठारी मार्केट, आबकारी, मरीमाता, महेश गार्ड लाइन्स, रीगल, हाई कोर्ट, घंटाघर, लैंटर्न, पाटनीपुरा, स्कीम 78, सत्यसाईं, विजयनगर, रसोमा, एमआर-9, एलआईजी, इंडस्ट्री हाउस, पलासिया, गीताभवन, शिवाजी वाटिका, जीपीओ, इंदिरा प्रतिमा, नौलखा, भंवरकुआं, दरगाह टी, होमगार्ड टी, पीपल्याहाना और निरंजनपुर चौराहा।

इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के मायने- जाम की स्थिति में तत्काल ट्रैफिक डायवर्ट प्लान तैयार कर सकेंगे

1. आईटीएमएस प्लेटफॉर्म : बीआरटीएस के सिग्नल सिंक्रोनाइजेशन, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्सेस, चिह्नित गाड़ियों की पहचान करने, ट्रैफिक जाम की स्थिति में डायवर्ट प्लान तैयार करने में सक्षम होगा। 2. एडप्टिव ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम : कंट्रोल रूम से हर चौराहे के सिग्नल की टाइमिंग में बदलाव करने के साथ उन्हें कंट्रोल कर सकेंगे। वीआईपी मूवमेंट की स्थिति में सभी सिग्नल कंट्रोल कर सकेंगे। 3. ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन : किसी भी गाड़ी का नंबर कंट्रोल रूम में ही नोट किया जा सकेगा। इससे तीन सवारी, हेलमेट नहीं पहनने, गलत लेन में गाड़ी चलाने सहित तेज गति से गाड़ी चलाने पर कार्रवाई की जा सकेगी। 4. रेड लाइन वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम : रेड लाइट वाइलेशन डिटेक्शन सिस्टम भी लगाया जाएगा। इससे ट्रैफिक नियम तोड़ने वाली गाड़ी के चालान अपने आप आरटीओ डेटा के आधार पर जारी किए जा सकेंगे।

5. स्पीड वाइलेशन : इन कैमरों में तय स्पीड से तेज गाड़ी चलाने वालों पर भी कार्रवाई की जा सकेगी। 6. ट्रैफिक वाइलेशन कैमरे : चौराहों पर किसी भी प्रकार का ट्रैफिक रूल तोड़ने वालों पर कार्रवाई कर सकेंगे। 7. ट्रैफिक कंट्रोल, इनफर्मेशन एंड मैनेजमेंट सिस्टम : स्मार्ट सिटी को ट्रैफिक कंट्रोल, चौराहों की जानकारी और उन्हें मैनेज करने के प्लान की जानकारी मिल सकेगी। 8. पोर्टेबल वेरिएबल मैसेज साइन बोर्ड : चौराहों पर वेरिएबल मैसेज साइन बोर्ड लगेंगे, इस पर ट्रैफिक की रियल टाइम जानकारी चलती रहेगी। 9. पब्लिक एड्रेस सिस्टम : इन चौराहों पर पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगेंगे। इससे चौराहों पर तैनात पुलिस जवान के अलावा कंट्रोल रूम से भी सीधे ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों पर कार्रवाई हो सकेगी।

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