बेटे ने ही काटा था मां-बाप, भाई का गला … पहले खाने की दाल में नींद की 80 गोलियां मिलाई थीं, फिर हत्या करके शव को अलग-अलग फेंका

लखनऊ में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या के मामले में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से सेवानिवृत्त डिप्टी मैनेजेर पिता महमूद अली खां, उनकी पत्नी दरक्षा और छोटे बेटे की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़े बेटे सरफराज को गिरफ्तार किया है। पुलिस को गुमराह करने के लिए तीनों के शव आरोपी ने अपनी जेन कार से अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया था। उसे अपने परिजनों की हत्या करने का जरा भी अफसोस नहीं है।

वारदात का खुलासा होने के बाद लोगों को यकीन नहीं हो रहा है कि एक बेटा ही अपने परिवार का कातिल है। जिस मां ने जन्म दिया, जिस पिता ने उसकी परवरिश की और जिस छोटे भाई ने उसकी उंगली पकड़कर दुनिया को समझना शुरू किया, उन्हीं की इतने निर्मम तरीके से बेटा हत्या कर सकता है।

बताते चलें कि 6 जनवरी को सरफराज के छोटे भाई शावेज की लाश सड़क के किनारे मिली थी। उसकी शिनाख्त भी नहीं हुई थी कि आठ जनवरी को एक अज्ञात पुरुष और 13 जनवरी एक अज्ञात महिला का शव मिला। पुलिस तीनों हत्याओं की कड़ियों को जोड़ने की कोशिश कर रही थी कि तभी पता चला कि विकास नगर इलाके से तीन लोग लापता है। जांच आगे बढ़ी तो उनकी शिनाख्त शिनाख्त इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से सेवानिवृत डिप्टी मैनेजर पिता महमूद अली खां और सरफराज की मां दरक्षा के रूप में हुई।

लव मैरिज की वजह से घरवाले नाराज थे, इसलिए रास्ते से हटाया

पुलिस पूछताछ में सरफराज ने बताया कि उसने करीब पांच साल पहले लव मैरिज की थी, जिससे घर वाले नाराज थे। इस वजह से वे सब उसे इग्नोर करते थे। इसकी वजह से वह चार-पांच सालों से कोलकाता और बेंगलुरू में रह रहा था। घर वाले छोटे भाई के आगे उसकी एक भी नहीं चलने देते थे। साथ ही उसको बस में करने के लिए टोना-टटका करते थे, ताकि वह उनकी हर बात माने और घर वालों की नौकरी करे।

पुलिस की गिरफ्त में नीली जैकेट में मां-बाप और भाई का हत्यारा सरफराज।
पुलिस की गिरफ्त में नीली जैकेट में मां-बाप और भाई का हत्यारा सरफराज।

सीओ नवीना शुक्ला के मुताबिक, इस बीच उसे अगस्त में बहन के निकाह की जानकारी हुई। सरफराज ने तभी परिजनों की हत्या का योजना बनाना शुरू कर दी। इसके लिए उसने बैकुंठ धाम में काम करने वाले अनिल से संपर्क किया। उसे 1.80 लाख रुपए में सुपारी देकर हत्याओं के लिए तैयार किया। उसके बाद 27 नवंबर 2021 में बहन के निकाह के लिए वह आया और वहीं रुक गया। मौका मिलने पर पांच जनवरी को वारदात को अंजाम दिया।

एक साथ ही की थी तीनों की हत्या

एसपी ग्रामीण हृदेश कुमार ने बताया कि पांच फरवरी को सरफराज और अनिल ने दाल में 80 नींद की गोलियां मिला दीं। जब मां-बाप और भाई गहरी नींद में सो गए, तो उसके बाद दोनों आरोपियों ने उसी रात को बांके से तीनों का गला काट कर हत्या कर दी। इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए तीनों का शव अपनी जेन कार में रखकर अलग-अलग स्थानों पर फेंक दिया।

इसी जेन कार के सरफराज ने तीनों की हत्या के बाद शवों को लगाया था ठिकाने।
इसी जेन कार के सरफराज ने तीनों की हत्या के बाद शवों को लगाया था ठिकाने।

हरदोई संडीला के रहने वाले साढ़ू सलीम के मुताबिक, सरफराज ने घर वालों के खिलाफ लव मैरेज की थी। इसकी जानकारी मिलने के बाद परिजनों ने विरोध किया। उसके चाल-चलन से पूरा परिवार परेशान था। सरफराज यह कदम उठाएगा, किसी ने सोचा भी नहीं था। वहीं, घटना के बाद उनकी बेटी अनम का रो-रोकर बुरा हाल है।

परिजनों के जम्मू-कश्मीर जाने की कहानी बनाई

किसी को शक न हो, इसलिए सरफराज ने सब लोगों को बताया था कि परिजन जम्मू-कश्मीर गए हैं। वहां पर किसी वजह से फंस गए। इस दौरान कोई घर न आए, इसलिए कहा कि वह कोरोना संक्रमित है। सरफराज ने हत्या की योजना फिल्मी अंदाज में बनाई थी। उसको लगता था कि वह पकड़ा नहीं जाएगा। जब कई दिन माता-पिता से बात नहीं हुई, तो बहन अनम को शक हुआ।

उसका शक दूर करने के लिए सरफराज 13 जनवरी को फ्लाइट से जम्मू चला गया। वहां से बहन अनम को भाई शावेज के मोबाइल से कश्मीर में फंसे होने की सूचना दी, ताकि उसे यकीन हो जाए कि पूरा परिवार कश्मीर में है। मगर, जब तीनों की कॉल डिटेल और लोकेशन खंगाली गई, तो जानकारी हुई कि घटना वाले दिन तीनों की लोकेशन लखनऊ में थी।

इधर, तीन अज्ञात शव मिलने और विकासनगर इलाके से तीन लोगों के लापता होने की जानकारी मिलने पर पुलिस को सरफराज पर शक हुआ। इसके बाद पुलिस ने सरफराज को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो उसने गुनाह कबूल कर लिया। बुधवार सुबह 11 बजे निरीक्षण करने पुलिस उसके विकास नगर स्थित घर पर पहुंची। यहां से खून से सने गद्दे और हत्या में प्रयुक्त हथियार बरामद कर लिए।

मौके पर पहुंची पुलिस
मौके पर पहुंची पुलिस

भाई का इटौंजा में सबसे पहले मिला था शव

इटौंजा में माल रोड के किनारे छह जनवरी को सरफराज के छोटे शावेज का शव मिला था। उसका शव सड़क के किनारे था, इसलिए जल्दी बरामद कर लिया गया था। पुलिस उसकी शिनाख्त भी नहीं कर पाई थी कि आठ जनवरी को मलिहाबाद में उसके पिता महमूद अली और 13 जनवरी को माल थाना क्षेत्र में दरक्षा का शव बरामद हुआ था। पूछताछ में सरफराज ने बताया कि शव की शिनाख्त न हो इसके लिए अलग-अलग स्थानों पर फेंके थे।

घर आना-जाना कम कर दिया था

सरफराज के मौसा सलीम ने बताया कि सरफराज ने परिजनों की मर्जी के खिलाफ कोलकाता की एक लड़की से प्रेम विवाह किया था। इसकी वजह से पूरा परिवार उसके विरोध में था। इसकी वजह से उसका घर भी आना-जाना कम था। दिमाग की गंदगी और गलतफहमी की वजह से उसने वारदात को अंजाम दिया। इस गफलत ने उसके पूरे परिवार को तबाह कर दिया।

एक सनक ने पढ़े लिखे इंसान को बना दिया हैवान…

परिजनों का कहना है कि सरफराज शुरू से ही पढ़ाई में अच्छा था। हमेशा अव्वल नंबर लाता था। उसकी शुरूआती पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय अलीगंज में हुई। इसके बाद उसने लखनऊ यूनिवर्सिटी के एमकॉम करने के बाद लॉ कैंपस से एलएलबी की। साथ ही सीए न कर पाने पर आईसीडब्ल्यूए का कोर्स किया। वह जज बनने की तैयारी कर रहा था। इसी दौरान एक लड़की के संपर्क में आकर घर से दूर हो गया।

कोलकाता जाने के बाद पता नहीं क्या सनक उसको चढ़ गई कि वह पूरे परिवार को ही खुद के खिलाफ समझने लगा। परिजन उसको हमेशा घर में बेटे की तरह रहने के लिए बुलाते रहते थे। इसी के चलते बेटी अनम के निकाह में बुलाया था। मगर, उसके सिर पर सनक थी, जिसने उसको हैवान बना दिया।

हत्या के बाद मां का बना खाना खाया, सात दिन खून से सने गद्दे पर सोया

सरफराज की दिमागी हालत और सनक का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वह मां-बाप की हत्या के बाद उनके खून से सने बिस्तर पर सात दिनों तक सोता रहा। वहीं, भाई से इतनी नफरत थी कि उसके खून से सने गद्दे को छत पर फेंक आया। वह उसके खून को भी नहीं देखाना चाहता था। इसके चलते ही सबसे पहले उसका शव कार से फेंका।

पुलिस पूछताछ में सरफराज ने बताया कि अनिल के साथ मिलकर सबसे पहले उसने मां, फिर पिता और सबसे आखिर में भाई की हत्या की। हत्या कर शव ठिकाने लगाने के बाद छह जनवरी को सुबह घर लौटा। उसके बाद मां के हाथ का बना खाना खाया। उसके बाद घर को साफ किया। जिस बिस्तर पर अम्मी-अब्बू की हत्या की थी, उसकी चादर हटाकर सो गया।

हत्या के बाद मां-बाप के खून से सने गद्दे पर चैन की नींद सोया सरफराज।
हत्या के बाद मां-बाप के खून से सने गद्दे पर चैन की नींद सोया सरफराज।

मामला शांत होने पर बिस्तर और बांके को ठिकाने लगाने से पहले ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। उसने कहा कि उसको हत्या करने का कोई अफसोस नहीं। शुरुआती जांच में वह हंस-हंसकर बात करता रहा। हालांकि, मौके पर बहन को देखकर भावुक हो गया। रिश्तेदार सरफराज का चेहरा तक देखना नहीं चाहते।

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