Bhind .. शराब से 4 मौत का मामला … ग्वालियर डिस्टलरीज के मालिक के भतीजे ने ही अवैध शराब बनाने के लिए दी थी ओपी, फैक्ट्री से निकलने वाले ट्रकों से कराता था चोरी

स्वतंत्र नगर में स्थित अवैध शराब फैक्ट्री के मालिक धर्मवीर का मकान, जो प्रशासन ने एक घंटे की कार्रवाई में जमींदोज कर दिया। किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा।

  • एक दिन पहले आबकारी टीम ने डिस्टलरीज को क्लीन चिट दी, अगले ही दिन उसके मालिक के भतीजे को पुलिस ने बनाया आरोपी…

शहर के स्वतंत्र नगर में संचालित शराब की अवैध फैक्ट्री में ओपी की सप्लाई इटावा रोड पर स्थित ग्वालियर डिस्टलरीज से की जा रही थी। डिस्टलरीज के मालिक का भतीजा ही ओपी सप्लाई करता था। वह डिस्टलरीज से निकलने वाले ट्रकों से ओपी चोरी कराता था। रौन पुलिस ने डिस्टलरीज मालिक के आरोपी भतीजे को न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया है। दरअसल 13 जनवरी को शहर के स्वतंत्र नगर इलाके में संचालित शराब की अवैध फैक्ट्री के अंदर एक हजार क्वार्टर शराब तैयार की गई थी।

इस शराब को बनाने के लिए इंदुर्खी गांव से पांच युवक आए थे। सभी को मजदूरी के रूप में 500-500 रुपए और दो-दो क्वार्टर शराब दी गई थी। इनमें एक युवक मनीष ने चार क्वार्टर लिए थे। इस शराब को पीने के बाद मनीष जाटव और छोटू उर्फ रवि जाटव पुत्रगण नरेंद्र जाटव निवासी इंदुर्खी की 14 जनवरी की रात मौत हो गई थी। बाद में इनके साथ काम करने आए लाखन जाटव के चाचा पप्पू उर्फ रामदास पुत्र राम सिंह निवासी इंदुर्खी की अगले दिन 15 जनवरी को मौत हो गई।

प्रारंभिक पड़ताल में पाया गया कि पप्पू ने भी वही शराब पी थी, जो कि मनीष और रवि ने पी थी। आखिर मौत गांव में संतोष बाथम हो गई, इस मामले में भी सामने आया कि उसने एक दिन पहले शराब पी थी।

11 जनवरी को सप्लाई की ओपी, 13 को बनाई गई अवैध शराब, 14 की रात दो भाइयों की मौत हुई, फिर दो और लोगों ने दम तोड़ दिया

शराब फैक्ट्री का मालिक बना रहा था अवैध मकान, प्रशासन ने ढहाया
रविवार को कलेक्टर और एसपी के आदेश पर नगरपालिका प्रशासन ने अवैध शराब बनाने के मामले में आरोपी धर्मवीर बघेल का निर्माणाधीन मकान ढहा दिया। प्रशासन के अनुसार, धर्मवीर ने प्लॉट का डायवर्सन और नामांतरण नहीं कराया था। साथ ही मकान बनाने के लिए उसने नगरपालिका से अनुमति भी नहीं ली थी। मकान तोड़ने की रणनीति एक दिन पहले ही शनिवार को जिला पंचायत में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के चैंबर में बन गई थी।

शनिवार की देर शाम कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार एस, पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र सिंह चौहान, एसडीएम उदय सिंह सिकरवार, नगरपालिका सीएमओ सुरेंद्र शर्मा सहित अन्य अधिकारियों ने लंबी बैठक की। इसके बाद रात को ही अधिकारी स्वतंत्र नगर में धर्मवीर का मकान देखने भी गए थे।

डिस्टलरीज को दी थी क्लीन चिट, अब पुलिस ने भतीजे को बनाया आरोपी
खास बात तो यह है कि ग्वालियर डिस्टलरीज से ओपी सप्लाई होने के मामले में दो दिन पहले ही आबकारी की टीम ने डिस्टलरीज के अंदर पहुंचकर जांच की थी। टीम ने डिस्टलरीज के साथ दस्तावेजों के साथ लॉक सिस्टम आदि भी जांचे थे, जिसके बाद आबकारी की टीम ने डिस्टलरीज को क्लीन चिट दी थी लेकिन पुलिस डिस्टलरीज मालिक के भतीजे मनीष से तीन दिन से पूछताछ कर रही थी। अब पुलिस ने मनीष को आरोपी बना दिया है। पुलिस के अनुसार अभी और खुलासा भी हो सकते हैं।

11 जनवरी को आरोपी ने दी थी 80 लीटर ओपी, मौत होने पर एक केन नाले में बहा दी थी
लहार एसडीओपी अवनीश बंसल ने बताया कि ग्वालियर डिस्टलरीज के मालिक के भतीजे मनीष यादव पुत्र जसवंत यादव ही अवैध शराब बनाने के लिए ओपी सप्लाई करता था। वह डिस्टलरी से निकलने वाले ट्रकों से ओपी निकलवाता था। साथ ही उसे किसी अन्य युवक के जरिए धर्मवीर ओर गोलू के यहां पहुंचवाता था। 11 जनवरी को मनीष ने एक ही व्यक्ति को 80 लीटर ओपी दो केन में दी थी जबकि ओपी की एक केन ओर उसके पास रखी थी।

15 जनवरी को जब मनीष को पता चला कि जो ओपी उसने दी है, उससे तैयार शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई है तो उसने उस केन को अपने होटल के पीछे वाले नाले में फेंक दिया। हालांकि रविवार को पुलिस ने उस केन को भी बरामद कर लिया है, जिसमें करीब एक से डेढ़ लीटर ओपी भी मिली है।

शराब फैक्ट्री चलाने वालों को पकड़ने के बाद से ही पुलिस तलाश रही थी ओपी का स्रोत

इंदुर्खी गांव में चार लोगों की शराब पीने से मौत के बाद पुलिस ने आनन फानन में फैक्ट्री संचालित करने वाले गोलू उर्फ आशीष सिरोठिया निवासी महावीर नगर, धर्मवीर बघेल निवासी स्वतंत्र नगर के अलावा शराब रखने व खरीदने वाले विकास यादव निवासी रतनूपुरा और आर्यन शर्मा को गिरफ्तार कर लिया था। रौन पुलिस धर्मवीर और गोलू से लगातार शराब बनाने के लिए ओपी कहां से लाने के संबंध में पूछताछ कर रही थी।

पिता बोले- 20 साल से अलग रह रहा बेटा, मुझे कोई तकलीफ नहीं
स्वतंत्र नगर में जब धर्मवीर का निर्माणाधीन मकान टूट रहा था तब पास में ही खड़े उनके पिता बदन सिंह भी उसे देख रहे थे। मीडिया से चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि बेटा 20 साल से अलग रह रहा था। वह गलत कार्यों में फंस गया। हालांकि इस दौरान उनकी आंखें जरूर नम थीं।

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