खान सर आजाद हैं क्योंकि, UP में चुनाव है!
IPC की 14 धाराओं के तहत दर्ज है केस, फिर भी आजाद हैं और रहेंगे……
पटना वाले खान सर पर 14 धाराओं में केस दर्ज हो चुका है। केस दर्ज होने के बाद वह गायब हैं और उनके कोचिंग के बाहर ताला लगा है। छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उनकी गिरफ्तारी हो रही है। खान सर आजाद हैं और रहेंगे। इसकी पीछे कानूनी वजह तो हैं ही, इससे कहीं ज्यादा राजनीतिक कारण है और ये सीधे UP से जुड़ा है।
खान सर UP के गोरखपुर जिले के हैं। मतलब यह है कि यूट्यब और छात्रों के बीच खान सर भले ही पटना वाले खान सर के नाम से मशहूर हो, लेकिन असल में वो UP के हैं। उसी यूपी के जहां चुनावी तारीखों का ऐलान हो चुका है और जहां जीत के लिए भाजपा ही नहीं जदयू भी एड़ी चोटी का जोर लगा रही है।
खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गोरखपुर विधानसभा से इस बार मैदान में उतर रहे हैं। यू्ट्यूब पर खान सर के साढ़े 1.4 करोड़ से अधिक फॉलोअर हैं। इसी से छात्रों के बीच खान सर की लोकप्रियता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में UP चुनाव के ठीक बीचों-बीच खान सर की गिरफ्तारी कर भाजपा कोई नई मुसीबत नहीं लेना चाहेगी। जदयू भी यूपी में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है, और छात्रों को नाराज करने का खतरा वो भी नहीं लेगी।
IPC की 14 धाराओं के तहत दर्ज है केस, लेकिन गंभीर नहीं
खुद पुलिस-प्रशासन ने भी FIR के मामले में संभलकर कदम बढ़ाया है। कैसे इसे समझने के लिए उन धाराओं को समझना जरूरी है जिसके तहत खान सर और अन्य कोचिंग संचालकों के खिलाफ पत्रकार नगर थाना में मामला दर्ज हुआ है। आईपीसी की जो 14 धाराएं लगाई गई हैं, इनमें 147, 148, 149, 151, 152, 186, 187, 188, 330, 332, 353, 504, 506 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया है। चर्चा में तो यह है कि खान सर की गिरफ्तारी जल्द हो सकती है, लेकिन कानून के जानकारों की मानें तो ऐसा नहीं होगा। वजह यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने सात साल से कम सजा वाले मामलों में यह व्यवस्था की है कि पुलिस को 41 सीआरपीसी के तहत उसमें नोटिस देना पड़ेगा। ऐसे में खान सर को अरेस्ट करने के पहले पुलिस को नोटिस देना होगा। साथ ही नोटिस देने के साथ ही बेल बांड देना होगा, जिस पर तुरंत बेल हो जाएगी।
प्रदेश भाजपा ने संभलकर दिया मामले पर अपना पक्ष
खान सर पर FIR और छात्रों पर पुलिसिया कार्रवाई के सामने आते है बिहार में राजनीति सरगर्मी तेज हो गई है। सभी विपक्षी पार्टियां छात्रों के साथ खड़ी हो गई हैं। 28 जनवरी के बंद को भी राजद, कांग्रेस सहित सभी विपक्षी पार्टियों यहां तक की सपा ने भी अपना समर्थन दे दिया है। विपक्षी पार्टियां भाजपा और जदयू पर हमलावर भी दिख रही हैं, लेकिन गुरुवार को दिन भर भाजपा के किसी भी प्रवक्ता ने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। देर शाम भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी सामने आएं और उन्होंने रेल मंत्री वैष्णव से हुई बातचीत का हवाला दिया।
मोदी ने भी इस पूरे मामले में हंगामे का ठीकरा रेलवे पर फोड दिया। उन्होंने रेलवे को पूरी स्थिति के लिए जिम्मेदार बताते हुए पुलिस-प्रशासन से छात्रों और शिक्षकों पर कार्रवाई नहीं करने की अपील की। दूसरी तरफ जदयू के भी किसी भी प्रवक्ता की तरफ से इस मामले पर कोई बयान सामने नहीं आया। जो इस मामले में जदयू के क्या करें क्या ना करें की स्थिति बताता है।