प्रचार में अखिलेश से आगे योगी …पहले चरण का प्रचार खत्म, अब तक के चुनाव में मायावती ने सिर्फ 3 रैलियां की, वोटिंग कल
उत्तर-प्रदेश विधानसभा चुनाव के महासंग्राम का आगाज होने ही वाला है। पहले चरण का मतदान कल यानी 10 फरवरी को होगा। इसके बाद पश्चिमी यूपी के 11 जिलों की 58 विधानसभा सीटों पर जीत का दम भर रहे उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में कैद हो जाएगी।
इस बार कोरोना की वजह से चुनाव प्रचार का तरीका थोड़ा बदला हुआ था। हेलिकॉप्टर की गड़गड़ाहट, बड़ी-बड़ी रैलियों में लाउडस्पीकर और नारों का परंपरागत शोर इस बार बेहद कम रहा। इसके बावजूद नेताओं ने कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। पहले चरण में प्रचार पर सबसे ज्यादा मेहनत भाजपा नेताओं ने की। बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पहले चरण में सिर्फ 3 रैलियां ही की।
भाजपा को तगड़ी टक्कर सिर्फ अखिलेश देते नजर आए। उन्होंने ताबड़तोड़ रैलियां की। पहले चरण के प्रचार में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ही मैदान में नजर आईं।
भाजपा से चुनाव से 43 दिन पहले ही शुरु कर दिया था प्रचार
पहले चरण के लिए भाजपा ने अपनी पूरी ताकत लगा दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड़्डा, सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह के साथ केंद्र सरकार के तमाम मंत्री और सांसद लगातार चौपाल और डोर-टू-डोर कैंपेन के जरिए महौल बनाने की कोशिश करते रहे।
आइए आपको बताते है कि भाजपा के किस नेता ने कितनी रैलियां की…
नरेंद्र मोदी, पीएम : कुल 4 वर्चुअल रैली संबोधित कीं। पहले फेज के सभी 11 जिलों में वर्चुअल रैली की।
योगी आदित्यनाथ, सीएम : कुल 37 जनसभाएं और डोर टू डोर कैंपेन कर चुके हैं। इनमें 30 छोटी जनसभाएं, 5 डोर टू डोर कैंपेन, 2 संगठन के कार्यक्रम किए। पहले फेज के सभी 11 जिलों में प्रचार किया।
अमित शाह, गृहमंत्री : कुल 15 जनसभा और डोर टू डोर कैंपेन किए। जिसमें 8 छोटी जन सभाएं कीं। 5 डोर टू डोर कैंपेन और 2 संगठन के कार्यक्रम किए। पहले चरण के 9 जिलों में प्रचार किया।
केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम : 12 रैलियां की। लोगों को संबोधित किया।
नितिन गडकरी, केंद्रीय मंत्री : जनविश्वास यात्रा निकाल चुके हैं।
धर्मेंद्र प्रधान, केंद्रीय मंत्री : 25 नवंबर से प्रचार शुरू किया।
स्मृति ईरानी, केंद्रीय मंत्री : एक जनसभा की।
अनुराग ठाकुर, केंद्रीय मंत्री : एक जनसभा की।
उमा भारती, केंद्रीय मंत्री : एक जनसभा की।
रवि किशन, सांसद : एक जनसभा की।
सपा-रालोद के नेताओं ने भी दिखाया दम
भाजपा के बाद दसरे नंबर पर समाजवादी पार्टी रही। पश्चिम में सपा और रालोद के गठबंधन में दोनों पार्टी के बड़े नेताओं ने मेहनत की है। प्रचार की शुरुआत 7 दिसंबर को अखिलेश व जयंत ने मेरठ में साझा रैली करके की।अखिलेश और जयंत चौधरी के रथ यात्रा में गजब की भीड़ उमड़ती रही।
अखिलेश यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष सपा : कुल 24 जनसभा और प्रेस कांफ्रेंस कीं। जिसमें 16 छोटी जनसभाएं और 8 प्रेस कांफ्रेस शामिल हैं। पहले फेज के सभी 11 जिलों में प्रचार कर चुके हैं।
जयंत चौधरी, रालोद : कुल 41 जनसभा और प्रेस कांफ्रेंस की हैं। जिसमें 34 छोटी जन सभाएं शामिल हैं। 7 प्रेस कान्फ्रेंस भी हैं। पहले फेज के सभी 11 जिलों में प्रचार किया।
अखिलेश और जयंत का साझा प्रचार
6 फरवरी : आगरा-मैनपुरी में अखिलेश और जयंत की विजय यात्रा।
7 फरवरी : सहारनपुर में अखिलेश और जयंत का विजय यात्रा के जरिए जनसंपर्क।
8 फरवरी : ममता बनर्जी ने भी अखिलेश के साथ साझा प्रेस-कांफ्रेस कर गठबंधन के समर्थन में प्रचार किया।
बसपा-कांग्रेस; माया ने 3 जनसभाएं कीं, राहुल ने एक भी नहीं
बसपा और कांग्रेस चुनाव प्रचार में उस तेवर से नहीं उतरे। दोनों दलों में मायावती और प्रियंका ने थोड़ा जोर जरूर लगाया। बसपा में सतीश मिश्रा ने यूपी के तमाम जिलों का दौरा किया। उधर, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी भी अकेले लड़ती दिखी।
मायावती, बसपा सुप्रीमो : पहले चरण के लिए 3 जनसभाएं आगरा, गाजियाबाद और अलीगढ़ में की।
प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेता : प्रचार से संबंधित कुल 14 प्रोग्राम किए। 12 डोर टू डोर कैंपेन किया। पहले फेज के 7 जिलों में चुनाव प्रचार कर चुकी हैं।