राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो या ‘मेन्यूफेस्टो’ … वादों की खिचड़ी में ‘मुफ्त’ का घी; असली मुद्दे गायब, एक कहता ब्रेन ड्रेन रोकेंगे और दूसरा विदेश भेजेगा
पंजाब में इस बार पहली मर्तबा ऐसा हो रहा है कि चुनाव मुद्दा विहीन हैं। पिछली बार की तरह इस बार न तो नशा मुद्दा है और न ही बेअदबी और बेरोजगारी। कर्मचारियों के मुद्दे तो कहीं दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। पंजाब के सबसे बड़े वोट बैंक दलितों को साधने की सभी कोशिश तो कर रहे हैं, लेकिन उनके मुद्दों को कोई नहीं उठा रहा है।
असल मुद्दों से भटक कर इस बार सब वादों की खिचड़ी में मुफ्त का घी डाल रहे हैं। राजनीतिक दलों के मेनिफेस्टो इस बार ‘मेन्यू फेस्टो’ ज्यादा नजर आ रहे हैं। कोई महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह देने का वादा कर रहा है, कोई दो हजार के साथ मुफ्त में महीने का राशन देने की बात कर रहा है। इससे भी आगे पढ़ने वाली छात्राओं से लेकर महिलाओं को प्रतिमाह 5 से लेकर 15 हजार रुपए के साथ-साथ मुफ्त में गैस सिलेंडर देने का वादा कर रहा है।
बात ठीक भी है, जब मुफ्त की ही खिचड़ी बनानी है तो उसमें फिर घी की कमी क्यों रखी जाए। कांग्रेस का पंजाब मॉडल, आम आदमी पार्टी की गारंटियां और भाजपा संकल्प पत्र सभी मुफ्त के वादों से भरे पड़े हैं। इस बार वादे इतने हो गए हैं कि कई पार्टियों में तो अपने ही नेताओं के वादों के बीच विरोधाभास होना शुरू हो गया है। सभी में होड़ ही नहीं, बल्कि दौड़ लगी है कि कौन एक दूसरे से ज्यादा मुफ्त के वादे कर सकता है।
असल मुद्दों से इतर घोषणाओं का कॉम्पिटिशन
पंजाब की किसानी-जवानी और पानी को बचाने से लेकर कई ज्वलंत मुद्दे हैं। लेकिन इनसे भटक कर राजनीतिक दलों में चुनावी सीजन में वोट लेने के लिए प्रलोभनों का कॉम्पिटिशन चल रहा है। चुनावी सरगर्मी के बीच घोषणाओं का बाजार पूरी तरह से गर्म है। सभी राजनीतिक दलों का फोकस युवाओं, महिलाओं और दलित वोट बैंक पर है। इन्हें बिना मांगे ही सब कुछ झोली में आता दिख रहा है। कोई युवाओं को मुफ्त आइलेट्स कराने, टॉफेल से अंग्रेजी में पारंगत बनाने की बात कर रहा है।
कोई विदेशी धरती पर पढ़ाई के लिए ब्याजमुक्त राशि की व्यवस्था करने का दम भर रहा है। कोई पंजाब का ब्रेन ड्रेन रोकने के लिए उन्हें यहीं एडजस्ट करने का दावा कर रहा है तो कुछ स्कूलों की दशा और दिशा सुधारने की बात कर रहे हैं। महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। दलितों को धर्म के नाम पर साधने की कोशिश की जा रही है। जनरल कैटेगरी के गरीब छात्र-छात्राओं को भी स्कॉलरशिप देने के वादे से भरमाने का प्रयास हो रहे हैं।
एक कहता है ब्रेन ड्रेन रोकेंगे, दूसरा कहता है विदेश भेजेंगे
मुफ्त के वादों की झड़ी में एक ही पार्टी के नेताओं में विरोधाभास भी देखने को मिल रहा है। प्रदेश कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू का पंजाब मॉडल कहता है कि पंजाब में ही रोजगार के अवसर पैदा करके युवाओं को विदेश जाने से रोकेंगे। जो ब्रेन ड्रेन हो रहा है, उसे रोकने के लिए प्रयास करेंगे।
जबकि कांग्रेस के सीएम फेस चरणजीत सिंह चन्नी का कहना है कि वह युवाओं को मुफ्त में अंग्रेजी का कोर्स आइलेट्स और टॉफेल करवाएंगे, ताकि युवा पीढ़ी विदेशी धरती पर पढ़ाई के साथ-साथ नौकरी कर सके। इस घोषणा पर दोनों नेताओं का आपस में ही विरोधाभास शुरू हो गया है।